वीके सिंह का बयान भारत के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है ? || महीनों से जारी है भारत-चीन सीमा विवाद || जनरल साहब ज़्यादा बोल गए' ||

 

चीन को वीके सिंह के बयान से भारत को घेरने का मिला मौक़ा

  • सलमान रावी
  • बीबीसी संवाददाता, दिल्ली

9 फ़रवरी 2021

वीके सिंह
अपनी पसंदीदा इंडियन स्पोर्ट्सवुमन को चुनने के लिए CLICK HERE

सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने रविवार को तमिलनाडु के मदुरै में पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि "अगर चीन ने एलएसी पर सीमा का दस बार अतिक्रमण किया है, तो भारत ने कम से कम पचास बार एलएसी का अतिक्रमण किया होगा."

यानी जनरल वीके सिंह का कहना था कि एलएसी (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल) पर मानी गई दोनों देशों की सीमा को भारत ने चीन की तुलना में पांच गुना ज़्यादा बार पार किया है. सिंह का ये भी कहना था कि चीन के विदेश मंत्रालय और मीडिया ने कभी इसको लेकर कोई मुद्दा नहीं बनाया है.

मगर इस बार वीके सिंह के बयान को चीन ने मुद्दा भी बनाया और उनके बयान का हवाला देते हुए एलएसी पर चीन की सेना की मौजूदगी को जायज़ भी ठहराया.

सिंह का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सीमा पर तनातनी के बावजूद भारत सरकार के किसी भी मंत्री या राजनयिक ने चीन का नाम तक नहीं लिया है.

वीके सिंह

वीके सिंह के बयान से कूटनीतिक हलकों में काफ़ी हलचल मच गयी है क्योंकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन्बिन का कहना है कि भारत बार-बार एलएसी पर 'बॉर्डर प्रोटोकॉल' का उल्लंघन करता आ रहा जिसकी वजह से दोनों देशों की सीमा पर टकराव की स्थिति पैदा हो रही है.

एक सवाल के जवाब में वेन्बिन ने कहा, "लंबे समय से भारत सीमा को लांघ कर अतिक्रमण करने की कोशिश करता रहा है जिसकी वजह से विवाद और झड़पें होती रहीं हैं. यही दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद की जड़ है."

छोड़िए Twitter पोस्ट, 1

पोस्ट Twitter समाप्त, 1

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि "चीन भारत से आग्रह करता है" कि दोनों देश आपसी सहमति से जिस समझौते पर पहुँचे हैं उसे ईमानदारी से लागू किया जाए" और सीमावर्ती क्षेत्रों में "शांति और स्थिरता" की रक्षा के लिए कदम भारत उठाए.

वेन्बिन ने सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री वीके सिंह के बयान को 'अनजाने में स्वीकार' कर लेने वाला बताया है, मगर भारत के सामरिक और कूटनीतिक हलकों में इसको लेकर ख़ासी हलचल है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "बीजेपी के मंत्री भारत के ख़िलाफ़ मामला बनाने में चीन की मदद क्यों कर रहे हैं? क्या उन्हें बर्ख़ास्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें बर्ख़ास्त नहीं करने का मतलब होगा कि आप भारतीय सैनिकों का अपमान कर रहे हैं."

छोड़िए Twitter पोस्ट, 2

पोस्ट Twitter समाप्त, 2

वीके सिंह

महीनों से जारी है भारत-चीन सीमा विवाद

बीते दस महीनों से भारत और चीन की सेनाओं के बीच 'एलएसी' पर तनातनी बनी हुई है. दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़पें होने की भी ख़बरें आई हैं, जिसमें दोनों देशों के सैनिकों को नुक़सान उठाना पड़ा है.

संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान भी केंद्र सरकार ने चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर सदस्यों को जवाब दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना था कि पिछले साल अप्रैल और मई महीनों के दौरान ही चीन ने 'एलएसी पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी'.

मंत्रालय का कहना था कि मई के बाद से ही चीन द्वारा कई बार घुसपैठ की कोशिश की गई जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है. जबसे चीन के साथ गतिरोध बना हुआ है तब से भारत सरकार ने इस मामले में संयम से बयान दिए हैं.

वीडियो कैप्शन,

वीके सिंह के उस बयान का अनकट वीडियो, जिस पर विवाद खड़ा हो गया

'जनरल साहब ज़्यादा बोल गए'

लेकिन सिंह के बयान को रक्षा विशेषज्ञ ग़ैर-जिम्मेदाराना माना रहे हैं.

रक्षा विशेषज्ञ और सेना के पूर्व अधिकारी प्रवीण साहनी ने ट्वीट कर कहा कि "सिंह ने सेना का मान कम किया है. उन्हें युद्ध के बारे में कुछ पता नहीं है."

साहनी ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि सिंह के बयान से भारत सरकार को कहीं ये ना स्वीकार करना पड़े कि चीन के क़ब्ज़े में भारत का 1000 वर्ग किलोमीटर का इलाक़ा है.

छोड़िए Twitter पोस्ट, 3

पोस्ट Twitter समाप्त, 3

वीके सिंह के बयान को लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक हू शीजिन ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने भारत पर ही एलएसी पर यथास्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगाया.

छोड़िए Twitter पोस्ट, 4

पोस्ट Twitter समाप्त, 4

इस मुद्दे पर सामरिक मामलों के जानकार और लंदन स्थित 'किंग्स कॉलेज' के प्रोफेसर हर्ष वी पंत बीबीसी से बात करते हुए कहते हैं, "मेरे ख़याल से जनरल साहब कुछ ज़्यादा बोल गए हैं. वो भी किसी दूसरे मंत्रालय में होते हुए."

पंत का कहना है कि ये बाद सही है कि 'एलएसी' पर सीमा औपचारिक रूप से रेखांकित नहीं है.

वो कहते हैं, "चूँकि सीमा औपचारिक रूप से रेखांकित नहीं है इसलिए 'एलएसी' की सीमा को 'मैनेज' करने के लिए दोनों ही देश एक ख़ास 'प्रोटोकॉल' का पालन करते रहे हैं. मिसाल के तौर पर अगर दोनों में से किसी देश के सैनिक दूसरे देश के भीतर ग़लती से चले जाते हैं तो 'प्रोटोकॉल' के हिसाब से आपस में सैन्य अधिकारी इसका समाधान बातचीत से कर लेते हैं. यहां एक दूसरे पर हमला नहीं करने का भी 'प्रोटोकॉल' लागू किया गया है."

पंत के अनुसार चीन ने एलएसी पर भारत की तरफ घुसपैठ कर 'किलेबंदी' कर ली है जिसके बारे में वीके सिंह ने कुछ नहीं कहा.

वीडियो कैप्शन,

मज़बूत चीन या मज़बूत भारत, नेपाल के पूर्व पीएम किसके पक्ष में?

वरिष्ठ पत्रकार और असामरिक मामलों के जानकार अभिजीत अय्यर मित्रा ने बीबीसी से कहा कि हालात को देखते हुए भारत सरकार को चाहिए कि वो वीके सिंह के बयान से ख़ुद को अलग कर ले. वो मानते हैं कि इस वक़्त यही सरकार के लिए सबसे बड़ा 'डैमेज कंट्रोल' होगा.

अभिजीत कहते हैं. "भारतीय सेना को पूरी तरह से मालूम है कि एलएसी पर भारत का इलाक़ा कौन-सा है और इसके लिए मानचित्र मौजूद भी हैं जिसे भारत की सेना के अफ़सर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बैठक में भी हमेशा उठाते रहे हैं."

लेकिन साथ ही अभिजीत को लगता है कि वीके सिंह के बयान का इस्तेमाल चीन सिर्फ 'प्रोपगंडा' के लिए ही कर सकता है और इससे ज़्यादा इसकी कोई एहमियत नहीं है.

उनका कहना है कि वीके सिंह के बयान का कोई भी असर दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत पर नहीं पड़ेगा.

https://www.bbc.com/hindi/india

BBC ISWOTY

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Comments

Popular posts from this blog

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

Department of Education Directory