पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के ऊपर ड्रोन देखे जाने के आरोपों को "झूठा" बताया
पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग परिसर के ऊपर पिछले सप्ताह एक ड्रोन देखे जाने के भारत सरकार के बयान को बेबुनियाद बताया है. पाकिस्तान की ओर से एक स्टेटमेंट में इन्हें "झूठे आरोप और भटकाने वाली रणनीति" बताया गया है.
पाकिस्तान ने कहा है आरोपों को साबित करने के लिए भारत ने कोई सबूत भी पेश नहीं किए हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ ने एक बयान जारी कर कहा, "हमने भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान और भारतीय मीडिया के कुछ वर्गों में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के परिसर में एक ड्रोन उड़ने से जुड़ी ख़बरें देखी हैं."
"इन दावों का कोई आधार नहीं है और इन आरोपों को साबित करने के लिए पाकिस्तान के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया गया है."
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"हैरानी की बात यह है कि भारत द्वारा यह प्रचार अभियान ऐसे समय में हो रहा है जब 23 जून के लाहौर विस्फोट मामले में अब तक इकट्ठा किए गए सबूत बाहरी ताकतों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहे हैं, जिनका पाकिस्तान के ख़िलाफ़ राज्य प्रायोजित आतंकवाद का इतिहास रहा है."
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"पाकिस्तान खुले तौर पर इन झूठे आरोपों और भटकाने वाली भारतीय रणनीति को ख़ारिज करता है और भारत अधिकृत कश्मीर के लोगों के खुद के निर्णय लेने के अधिकार की लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहेगा, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में निहित है."
भारत ने लगाया था आरोप
इससे पहले भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग परिसर के ऊपर पिछले सप्ताह एक ड्रोन देखे जाने का दावा किया था और पाकिस्तान से इस घटना की जाँच कराने की माँग की थी.
शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था, "इस साल 26 जून को इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग परिसर के ऊपर एक ड्रोन देखा गया था. इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से पाकिस्तान की सरकार को दी गई है."
"हम पाकिस्तान की सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो इस मामले की जांच करें और सुरक्षा के उल्लंघन के ऐसे वाकये फिर से न हो, ये सुनिश्चित करें."
जम्मू में भी देखे गए ड्रोन
जम्मू के एयर फ़ोर्स स्टेशन में रविवार की रात क़रीब 2 बजे दो विस्फोट की घटनाओं के बाद भारतीय सेना ने बयान जारी करके बताया था कि 27 और 28 जून की आधी रात को उसने दो ड्रोन की गतिविधियों को दर्ज किया है.
सेना के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट कर्नल देवेंदर आनंद ने बयान जारी किया था कि भारतीय सेना ने रतनूचक-कालूचक मिलिट्री एरिया में यह गतिविधि दर्ज की और इसके बाद सुरक्षाबलों को आगाह किया गया.
तुरंत ही हाई अलर्ट की घोषणा के बाद क्विक रिएक्शन टीम ने गोलीबारी की.
सेना ने बताया है गोलीबारी के बाद दोनों ड्रोन उड़ गए और चौंकन्ना रहने से सुरक्षाबलों ने बड़े ख़तरे को नाकाम कर दिया.
वहीं, जम्मू के एयर फ़ोर्स स्टेशन में रविवार देर रात दो विस्फोट हुए थे. डीजीपी दिलबाग सिंह ने दोनों धमाकों को 'आंतकवादी हमला' बताया था.
वायु सेना ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा था, "रविवार सुबह जम्मू एयर फ़ोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में कम तीव्रता के दो धमाके हुए. एक धमाके के कारण एक इमारत की छत को नुक़सान पहुंचा है वहीं दूसरा धमाका खुली जगह में हुआ."
कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसे भारत में हुआ पहला ड्रोन हमला बताया गया है. हालांकि, इस पर अभी विस्तृत जांच होना बाकी है.
कॉपी - शुभम किशोर
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