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#DelhiViolence ! पीड़ितों की मदद कर रहीं स्वयंसेवी संस्थाएं ।

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दिल्ली में हिंसा पर बांग्लादेश-पाक का बयान- पाँच बड़ी ख़बरें

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES बांग्लादेश के गृह मंत्री असद-उज़-ज़मां ख़ान ने कहा है कि मुल्क में सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है. शनिवार को बांग्लादेश के पश्चिमी ज़िले चौदंगा में दर्शना पुलिस स्टेशन के उद्घाटन के मौक़े पर ख़ान ने कहा, ''भारत की राजधानी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे का असर बांग्लादेश में बिल्कुल नहीं होगा. क़ानून-व्यवस्था बनाने वाली एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं.'' दूसरी तरफ़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे को राज्य प्रायोजित बताया है. इमरान ख़ान ने कहा कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा से भारत में 20 करोड़ मुसलमानों के बीच अतिवाद को बढ़ावा मिलेगा. इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कहा कि भारत में मुसलमानों के बीच अतिवाद उसी तरह से बढ़ेगा जैसा कश्मीर में युवाओं के बीच है. विज्ञापन इमरान ख़ान ने अपने ट्वीट में कहा है, ''मेरी आशंका है कि अगर विश्व समुदाय ने भारत में जो चीज़ें

'उन्हें हिंदू नहीं कह सकता...'उन्हें किसी धर्म से जोड़ना मैं ठीक नहीं समझता. मैं नहीं कह सकता कि हिंदुओं ने मेरे साथ ऐसा किया. ऐसा करने वाला न हिंदू हो सकता है और मुसलमान. हर धर्म प्यार-मोहब्बत और अमन का संदेश देते हैं..."

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दिल्ली हिंसा: इस फ़ोटो वाले मोहम्मद ज़ुबैर की आपबीती देबलिन रॉय बीबीसी संवाददाता 29 फरवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए 37 वर्षीय मोहम्मद ज़ुबैर की एक तस्वीर दिल्ली दंगों की त्रासदी का चेहरा बन गई है झक सफ़ेद कुर्ते-पजामे पर बिखरे ख़ून के छींटे. ज़मीन पर सिर के बल गिरा एक निहत्था युवक, जो अपने दोनों हाथों से सिर बचाने की कोशिश कर रहा है. सिर से बहते ख़ून में दोनों हथेलियां रंग गई हैं. वो चारों ओर से दंगाइयों से घिरा हुआ है. दंगाई डंडे, लाठियों और लोहे की रॉड से पीट रहे हैं. 37 वर्षीय मोहम्मद ज़ुबैर की यह तस्वीर दिल्ली दंगों की त्रासदी का चेहरा बन गई है. वो चेहरा, जिसके ज़ख़्म अनंत काल तक रिसते रहेंगे. वो चेहरा, जिसके जख़्म शायद कभी नहीं सूखेंगे. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के रहने वाले ज़ुबैर सोमवार को जब पास की मस्जिद में सालाना इज़्तमा में शामिल होने के लिए घर से निकले थे तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उनकी दुनिया कैसे बदलने वाली है. वो बत