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NPR में पूछा जाएगा- कब और कहां पैदा हुए थे माता-पिता? इस बार जुड़े ये 8 नए सवाल
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aajtak.in नई दिल्ली, 25 December, 2019 राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पहली बार 2010 में तैयार किया गया था. इसके दो प्रमुख उद्देश्य बताए गए थे. पहला- देश के सभी निवासियों के व्यक्तिगत ब्योरे का इकट्ठा करना. दूसरा- ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के 15 साल और इससे ज्यादा उम्र के सभी निवासियों के फोटोग्राफ और अंगुलियों की छाप लेना. 2010 के इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को बनाने के लिए 15 बिंदुओं पर डेटा इकट्ठा किया गया था. नए रजिस्टर में आठ बिंदु और जोड़े गए हैं. 2010 में तैयार हुआ था पहला जनसंख्या रजिस्टर 2010 के रजिस्टर में मांगी गई थी 15 जानकारी नए रजिस्टर में 8 नए बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना-2021 की प्रक्रिया शुरू करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने को मंजूरी दे दी है. एनपीआर अपडेशन में असम को छोड़कर देश की बाकी आबादी को शामिल किया जाएगा. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर चल रहे घमासान के बीच एनपीआर की प्रक्रिया को म
मोहब्बत के आंगन में नफरत की दीवार खींचने वालों को सिर्फ सत्ता चाहिए ।
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CAA पर बोले रामदास अठावले, नागरिकता क़ानून में बदलाव पर विचार कर सकती है सरकार
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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देशभर में जारी प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि मोदी सरकार इस क़ानून में संशोधन करने पर विचार कर सकती है. महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में समाजसेवक अन्ना हज़ारे के साथ मुलाक़ात के बाद अठावले ने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून मुसलमानों के ख़िलाफ़ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस क़ानून के ज़रिए ग़लतफ़हमी पैदा की जा रही है. अठावले ने कहा, "ये जो निर्णय है ये भारतीय मुस्लिम का विरोध करने वाला बिलकुल नहीं है, लेकिन थोड़ी ग़लतफ़हमी हो रही है, ज़रूर सरकार लोगों की भावनाओं का विचार करते हुए इसमें क्या बदलाव हो सकते हैं इस पर सरकार विचार करेगी, सरकार ने कुछ सुझाव मांगे हैं." "इसमें क्या बदलाव हो सकते हैं, सरकार इस पर ज़रूर चर्चा करेगी." null आपको ये भी रोचक लगेगा सेना प्रमुख के बयान पर बोले येचुरी- 'कहीं हम पाकिस्तान के रास्
CAA पर सुप्रीम कोर्ट- फ़िलहाल रोक लगाने से इनकार
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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) पर बिना सुनवाई के रोक नहीं लगाई जा सकती. देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ और समर्थन में दायर 144 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या कहा? चार हफ़्ते बाद ही इस मामले पर कोई अंतरिम राहत दी जा सकती है. किसी भी हाई कोर्ट में सीएए से जुड़ा कोई मामला नहीं सुना जा सकता. केंद्र को चार हफ़्ते में जवाब दाखिल करने के कहा गया है. बिना केंद्र को सुने सुप्रीम कोर्ट का सीएए पर रोक लगाने से फ़िलहाल इनकार सुप्रीम कोर्ट में भारी भीड़ जब इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में भीड़ को लेकर शिकायत की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एसए बोबड़े से कहा कि माहौल शांत रहना चाहिए, ख़ासकर सुप्रीम कोर्ट में. उन्होंने कहा कि कोर्ट को यह आदेश द