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शरद पवार बोले- अमित शाह दिल्ली को सांप्रदायिक हिंसा से बचाने में नाकाम रहे

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  ANI Copyright: ANI एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कोल्हापुर में हुई पार्टी की रैली में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली की सुरक्षा करने में नाकाम रहे हैं. हाल ही में दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में हनुमान जयंती का जुलूस निकालते समय सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. पवार ने कहा, “कुछ दिनों पहले दिल्ली सांप्रदायिक तनाव में जल रही थी. दिल्ली को (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल नियंत्रित करते हैं लेकिन पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है जिसे अमित शाह चलाते हैं. शहर को सांप्रदायिक दंगों से बचाने में अमित शाह नाकाम रहे हैं.” BBC Copyright: BBC “अगर दिल्ली में कुछ भी होता है तो उसका संदेश दुनिया को जाता है. दुनिया समझेगी कि दिल्ली में अशांति है.” उन्होंने कर्नाटक में सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘अल्पसंख्यक समुदायों की दुकानों और दुकानदारों के नाम होर्डिंग पर लिखे गए और इन दुकानों से कुछ भी न ख़रीदने को कहा गया. बीजेपी जहां-जहां सत्ता में है उन राज्यों में ये एक आम तस्वीर है.’ पवार ने इस बात पर भी हैरत जताई कि भारत आने वाले दुनिया

किसान आंदोलन: किसानों की रणनीति से मोदी सरकार पसोपेश में

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  अरविंद छाबड़ा, ख़ुशहाल लाली चंडीगढ़ और दिल्ली से इमेज स्रोत, PANKAJ NANGIA/ANADOLU AGENCY VIA GETTY IMAGES केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत से एक दिन पहले किसान अपना आंदोलन तेज़ करने की तैयारी करते दिखे. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. सरकार अब बाबा लखा सिंह को मध्यस्थ बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों की रणनीति लगातार आंदोलन को धार देने वाली साबित हो रही है. ऐसे में मोदी सरकार नहीं समझ पा रही है कि अब क्या किया जाए. 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें महिलाएं भी ट्रैक्टर लेकर चलाएंगी. चार जनवरी को हुई पिछली बैठक में गतिरोध नहीं सुलझ पाया था. सरकार ने दोहराया कि वो क़ानूनों के संशोधनों पर विचार के लिए तैयार है, लेकिन किसान इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि क़ानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा. पंजाब और हरियाणा में महीनों से कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ आंदोलन करने के बाद, इन दोनों राज्यों के हज़ारों किसान और कई अन्य लोग पिछले 40 दिनों से बढ़ती सर्दी के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. विज्ञापन इमेज स्

#DelhiViolence की बदनामी के बाद अलगथलग पड़ता भारत ......

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दिल्ली में हिंसा पर मोदी के ख़िलाफ़ बोले कई विदेशी नेता 29 फरवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं. तुर्की, पाकिस्तान, अमरीका समेत कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से प्रतिक्रिया आई है और भारत सरकार की निंदा की गई है. शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर से दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा को जर्मनी में हिटलर के नेतृत्व में हुई यहूदियों के क़त्लेआम से जोड़ा है. इमरान ख़ान ने कहा, "मुसलमानों के जला दिए गए घरों और दुकानों की तस्वीरें सामने आ रही हैं. मुसलमानों को मारा-पीटा जाना, मस्जिदों और क़ब्रगाहों को नापाक कर देना वैसा ही जैसा नाज़ी जर्मनी में यहूदियों की सामूहिक हत्या के रूप में हुआ था. मोदी की फासीवादी नस्लवादी सरकार की बर्बर सच्चाई को दुनिया समझना चाहिए और इसे रोकना चाहिए." विज्ञापन छोड़िए ट्विटर पोस्ट @ImranKha