जेएनयू मामले पर सुनील शेट्टी ने साधा निशानाः कहा, मर्द नकाब पहन कर नहीं आते हैं Wednesday, 08 Jan 2020, 03:35 पैगाम ब्यूरोः जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) में हुए हमले की घटना अभी भी सुर्खियों में छायी हुई है. इस घटना की हर कोई निंदा कर रहा है. दीपिका पादुकोण के रुप में पहली बार बॉलीवुड के किसी टॉप स्टार ने जेएनयू के छात्रों का खुल कर समर्थन किया है. दीपिका ने जेएनयू कैंपस में पहुंच कर छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया. अब एक और बॉलीवुड स्टार सुनील शेट्टी ने इस घटना पर अपना मुंह खोला है. उन्होंने जेएनयू पर हमला करने वाले नकाबपोश हमलावरों पर दिल खोल कर अपने दिल की भड़ास निकाली है. दमदार पर्सनालिटी के मालिक सुनील शेट्टी ने एक इंटरव्यू के दौरान जेएनयू हिंसा पर कहा कि यह वाकई भयानक है. मैं हिंदू, मुसलमान, सिख या ईसाई हो सकता हूं. मैं बीजेपी, कांग्रेस शिवसेना, एनसीपी या किसी भी राजनीतिक दल का समर्थक हो सकता हूं, लेकिन मुझे कोई अधिकार नहीं है कि मैं शिक्षा के मंदिर में जा कर वहां छात्रों को पीटूं. सुनील शेट्टी ने हमलावरों पर निशाना साधते हुए कहा कि नकाब पहन कर आते हो और
Posts
Showing posts with the label Bollywood stars fiercely opposed JNU violence
JNU: पहले किसने हमला किया और हमले के पहले क्या हुआ?
- Get link
- Other Apps
रजनीश कुमार बीबीसी संवाददाता 7 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट EPA एक दुबली-पतली छोटी सी लड़की. जेएनयू कैम्पस में साबरमती होस्टल के चौराहे पर कार से उतरी. सोमवार शाम के पाँच बजे हैं. माथे पर चारों तरफ़ से पट्टी बंधी है. हाथ भी ज़ख़्मी है और कलाई पर बैंडेज है. सैकड़ों की भीड़ पहले से ही इंतज़ार कर रही थी. कार से उतरते ही इंतज़ार कर रहे लोगों की मुट्ठियाँ आसमान में लहराने लगीं और उस लड़की के स्वागत में 'लाल सलाम' के नारे गूंज उठे. लोगों के जोश को देख वो लड़की भी मुस्कुरा उठी. ये लड़की है जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आईशी घोष. आईशी जेएनयू में इंटरनेशनल स्टडीज़ से एमफ़िल कर रही हैं. रविवार की शाम आईशी की एक वीडियो आया जिसमें दिख रहा है कि उनके माथे से ख़ून निकल रहा है और चेहरा लगभग रंग गया है. सोमवार की शाम वो फिर कैंपस में आईं और अपने साथियों के साथ माँगें दोहराती दिखीं. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे रविवार की शाम नक़ाबपोशों ने घेरकर मारा.
जेएनयू हमला: क्या भारत अपने नौजवानों की नहीं सुन रहा?
- Get link
- Other Apps
सौतिक बिस्वास बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय या जेएनयू के पूर्व छात्रों में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री हैं, लीबिया और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और बहुत से कद्दावर नेता, राजनयिक, कलाकार और अपने-अपने क्षेत्रों के विद्वान भी हैं. जेएनयू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता और रिसर्च के लिए भी जाना जाता है. ये यूनिवर्सिटी भारत की सर्वोच्च रैंकिंग वाले संस्थानों में से एक है. फिर भी, जेएनयू की इतनी शोहरत, लाठी, पत्थर और लोहे की छड़ें ले कर आए नक़ाबपोशों को कैम्पस में दाख़िल होने से रोक नहीं सकी. इन नक़ाबपोश हथियारबंद लोगों ने रविवार की शाम को जेएनयू के विशाल कैम्पस में बैख़ौफ़ हो कर गुंडागर्दी की. उन्होंने छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया और संपत्तियों को भी नुक़सान पहुंचाया. ये नक़ाबपोश उत्पात मचाते रहे, और पुलिस क़रीब एक घंटे तक हस्तक्षेप करने से इनकार करती रही. इस दौरान, कैम्पस