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देश में #Daliton के खिलाफ कब रुकेगा ज़ुल्म ?

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यूपी में दबंगों की पिटाई से आहत दलित युवक ने की आत्महत्या, दो गिरफ़्तार समीरात्मज मिश्र लखनऊ से बीबीसी हिंदी के लिए 31 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, SAMIRATMAJ MISHRA उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में कथित तौर पर कुछ दबंगों की पिटाई से क्षुब्ध होकर एक दलित युवक ने आत्महत्या कर ली. युवक का अपराध इतना था कि उसकी बकरियों ने अभियुक्तों के आम के पेड़ की पत्तियाँ खा ली थीं. पुलिस ने गाँव के ही तीन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करके दो अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है. फ़तेहपुर के पुलिस अधीक्षक सतपाल आंतिल ने बताया, "मलवाँ थाने के अस्ता गाँव में सूचना मिली थी कि एक युवक ने आत्महत्या कर ली है. परिजनों से पता चला कि युवक का कुछ लोगों से विवाद हुआ था. उनकी शिकायत पर तीन लोगों के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने और दलित एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है." इमेज स्रोत, SAMIRATMAJ MISHRA मलवाँ थाना क्षेत्र के अस्ता के रहने वाले रमापति दिवाकर का बेटा धर्मपाल खेती करता था. मंगलवार को गाँव में ही बकरियां चराने गया था. उसी दौरान कुछ लोगों से उसका विवाद हुआ जिससे व

मध्य प्रदेश में खाना छूने पर दलित की पिटाई से मौत

  मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर गौरीहार थाना क्षेत्र के एक गांव में दो लोगों ने कथित तौर पर खाना छूने पर 25 साल के दलित युवक की कथित रूप से पिटाई की, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. जनसत्ता अख़बार ने देवराज अनुरागी (25) के परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि गांव के ही दो अभियुक्तों ने देवराज को पास के एक खेत में पार्टी के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने बताया कि देवराज जब दो घंटे बाद घर लौटा तो उसने परिवार को अपनी आपबीती बताई कि उसके खाना छूने पर अभियुक्तों ने उसकी जमकर पिटाई की. उन्होंने बताया कि देवराज की पीठ पर चोट के निशान थे. घर पहुंचने के कुछ देर बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की और घर पर ही दम तोड़ दिया. एसपी ने बताया कि दोनों अभियुक्त फरार हैं. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए दल बनाए हैं और उनकी तलाश जारी है. https://www.bbc.com/hindi

कर्नाटकः दलितों के लिए अलग नाई की दुकानों की बात कहां से आई?

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  इमरान क़ुरैशी बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए 2 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, SARAH MORGAN इमेज कैप्शन, सांकेतिक तस्वीर ऐसे वक़्त में जब सरकार कुछ सरकारी कम्पनियों से ख़ुद को अलग करने के रास्ते खोज रही है, तब मीडिया में एक ख़बर को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है. ख़बर ये है कि कर्नाटक के सामाजिक कल्याण विभाग ने हेयरकटिंग यानी नाई की दुकानें खोलने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि स्थानीय इलाक़ों में ख़ुद को ऊँची जाति का मानने वाले या दबंग समुदाय के लोग उस दुकान में बाल कटवाने नहीं जाना चाहते जहां दलित जाते हैं. दरअसल, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति क़ानून की विजिलेंस और मॉनिटरिंग कमिटी के सामने ये प्रस्ताव आया था. ख़ुद मुख्यमंत्री इस कमिटी के अध्यक्ष होते हैं. प्रस्ताव में लिखा था, "कई गाँवों में दुकानदार दलितों के बाल काटने से मना करते हैं, ऐसे में अत्याचार के केस दर्ज हो रहे हैं. इसलिए, सही रहेगा कि सभी ग्राम पंचायतों में नाई की दुकान खोली जाए जिसे स्थानीय इकाई चलाए. इसके लिए सामाजिक कल्याण विभाग ज़रूरी आर्थिक मदद मुहैय्या करा सकता है." दलित नेता और विधायक एन महेश ने बीबीसी से कहा, "इ