दिल्ली अग्निकांड: 'मैंने तीन-चार लोगों को बचाया मगर अपने भाई को नहीं बचा सका'
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए "कभी नहीं सोचा था कि भाई मुझसे दूर हो जाएगा. हर चीज़ मुझसे पूछता था कि भैया ये कर रहा हूं, वो कर रहा हूं. आग लगी थी तो भी मुझे फ़ोन किया और बोला भैया बचा लो. मगर मैं उसे नहीं बचा पाया." दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में बैठे एक शख़्स बिलखते हुए फ़ोन पर किसी को ये सब बता रहे थे. दो लोगों ने उन्हें संभाला हुआ था. उनका भाई बबलू भी उसी फ़ैक्ट्री में काम करता था जहां रविवार सुबह आग लग गई. बबलू के भाई मोहम्मद हैदर को मलाल इस बात का है कि वह समय रहते घटनास्थल पर पहुंच गए थे मगर अपने भाई को बचा नहीं पाए. विज्ञापन हैदर कहते हैं, "मैं पहुंच तो गया था मैं. इस बीच किसी ने कहा कि तुम्हारे भाई को निकाल दिया है. मेरी टेंशन कम हो गई. तीन-चार लोगों को बचाया भी मगर भाई अंदर रह गया. उस तक पहुंच नहीं पाया. जब मिला तो मुर्दाघर में पड़ा हुआ था." पास ही बैठे एक और शख़्स ने फ़ोन पर भारी आवाज़ में किसी से कहा, "बबलू भी डेड कर गया, राजू भी डेड कर