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کیا دہائیوں سے جدوجہد کرنے والے کشمیری پاکستان سے ناامید ہو چکے ہیں؟

ریاض مسرور بی بی سی اردو ڈاٹ کام، سرینگر ،تصویر کا ذریعہ GETTY IMAGES ،تصویر کا کیپشن شیخ عبداللہ سنہ 1949 میں گاندھی پارک میں خطاب کرتے ہوئے۔ شیخ عبداللہ ایک خودمختار کشمیر کے حامی تھی جس کا انڈیا کے ساتھ اتحاد ہو اگست 1947 میں جب برِ صغیر انڈیا اور پاکستان کی دو آزاد مملکتوں میں تقسیم ہو گیا تو سرینگر کی تاریخی جامع مسجد میں کئی روز تک لوگوں نے جشن منایا۔ اُس وقت کے مقبول رہنما شیخ محمد عبداللہ جیل میں تھے لیکن معروف سماجی مصلح اور مذہبی رہنما مولوی محمد یوسف شاہ راولپنڈی روڈ کے ذریعہ قائد اعظم محمد علی جناح کو مبارکباد دینے کراچی پہنچے تھے لیکن بعد میں اُنھیں حکومت ہند نے واپس کشمیر لوٹنے کی اجازت نہیں دی تھی۔ محقق، مصنف اور معروف تجزیہ نگار پی جی رسول کہتے ہیں کہ شیخ عبداللہ کو علم نہیں تھا کہ مہاراجہ ہری سنگھ نے انڈیا کے ساتھ الحاق کیا ہے۔ ’تاہم اکتوبر میں جب وہ رہا کیے گئے تو اُنھیں مہاراجہ کی نگرانی میں ہی جموں و کشمیر کا ایمرجنسی ایڈمنسٹریٹر (ہنگامی منتظم) بنایا گیا۔‘ پورے انڈیا اور پاکستان کے کئی علاقوں میں فرقہ وارانہ فسادات

सरदार पटेल ने किसे कहा था पागलों का झुंड और कायर ? पढ़िए TribuneHindi.com से साभार एक स्टोरी

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पटेल ने तो गोडसे समर्थकों को 1948 में ही पागलों का झुंड और कायर कहा था by Vijay Shanker Singh posted on November 28, 2019 0 संसद में 27 नवंबर को भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर द्वारा गोडसे के महिमामंडन पर देश मे व्यापक निदात्मक प्रतिक्रिया हुयी और कल ही सरकार ने इन सारी प्रतिक्रियाओं से असहज होते हुये, आज 28 नवम्बर को बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की समिति से हटा दिया गया है। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने के संदर्भ में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि संसद में कल उनका बयान निंदनीय है.बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा की सलाहकार समिति से हटा दिया जाएगा और इस सत्र में उन्हें संसदीय पार्टी की बैठकों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी ने जो कहा है वह महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहे जाने की बात तो दूर हम उन्हें दे

कश्मीर पाकिस्तान को देने को राज़ी थे सरदार पटेल?

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  इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट PHOTO DIVISION 2018 में कश्मीर के भारत में विलय पर सरदार पटेल के विचारों के बारे में भारत प्रशासित कश्मीर के कांग्रेसी नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ की किताब में की गई एक टिप्पणी से विवाद पैदा हुआ था. सोज़ का कहना था कि अगर पाकिस्तान भारत को हैदराबाद देने के लिए तैयार होता, तब सरदार पटेल को भी पाकिस्तान को कश्मीर देने में कोई दिक़्क़त नहीं होती. सोज़ ने ये दावा अपनी किताब 'कश्मीर: ग्लिम्प्स ऑफ़ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ़ स्ट्रगल' में किया जिसमें बंटवारे की बहुत सी घटनाओं का उल्लेख किया गया है. लेकिन क्या सरदार पटेल का वास्तव में कश्मीर पाकिस्तान को देने का विचार था? क्या सोज़ के दावे में कोई सच्चाई है? इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES सोज़ ने अपनी किताब में लिखा कि पाकिस्तान के 'कश्मीर ऑपरेशन' के इंचार्ज सरदार हयात ख़ान को लॉर्ड माउंटबेटन ने सरदार का प्रस्ताव पेश किया. null आपको ये भी रोचक लगेगा जब नेहरू ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी