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नपने लगे अपने मोदी || देश हुआ बेदार || चौंकिए मत आप

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जीडीपी विकास दर में गिरावट का सिलसिला जारी

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28 फरवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट का सिलसिला जारी है. साल के तीसरे क्वार्टर यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2019 के बीच जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत आंकी गई है. 2012-13 के जनवरी से मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत आंकी गई थी, इसके बाद यह न्यूनतम दर है. यह जुलाई से सितंबर, 2019 की तिमाही से भी कम है, तब जीडीपी वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत आंकी गई थी. विज्ञापन इससे पिछले वित्तीय साल में अक्टूबर से दिसंबर की तिमाई में जीडीपी वृद्धि की दर 5.6 प्रतिशत थी. सरकार के आंकड़ों से ज़ाहिर है कि उपभोक्ताओं की डिमांड, निजी निवेश और निर्यात, इन मोर्चों पर गिरावट जारी है, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ी हैं, हालांकि इन चुनौतियों से पार पाने के लिए सरकार ने अपना ख़र्चा बढ़ाया है. null और ये भी पढ़ें क्या बांग्लादेश से भारत में अवैध प्र

सुस्ती और महंगाई के इस दौर में 66% भारतीयों के लिए दैनिक खर्चों का प्रबंधन कठिन: सर्वे

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नई दिल्ली सुस्ती की मार झेल रही अर्थव्यवस्था पर हुए एक सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। आम आदमी पर महंगाई और आर्थिक मंदी की दोहरी मार पड़ रही है। हालत यह है लगभग 66 फीसदी लोगों को अपने घर का खर्च चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि वेतन या तो जस की तस है या फिर यह घट रहा है, लेकिन महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रही है, जिसका असर उनके खर्चों पर दिख रहा है। आईएएनएस-सी वोटर ने किया सर्वे आईएएनएस-सी वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वे में शामिल कुल 65.8% उत्तरदाता मानते हैं कि हाल के दिनों में उन्हें दैनिक खर्चों के प्रबंधन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार बजट पूर्व किए गए इस सर्वेक्षण में आर्थिक पहलुओं पर मौजूदा समय की वास्तविकता और संकेत उभरकर सामने आए हैं, क्योंकि वेतन में वृद्धि हो नहीं रही, जबकि खाद्य पदार्थों सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें पिछले कुछ महीनों में बढ़ी हैं। 45 सालों की ऊंचाई पर बेरोजगारी पिछले साल जारी की गई बेरोजगारी दर का आंकड़ा 45 सालों की ऊंचाई पर है। दिलचस्प बात यह है कि 2014 में संयुक्त प्रग

#RTI के एक सवाल ने #Modi_Shah के दम फुला दिए हैं ? जवाब नहीं जुट रहा

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RTI में पूछा टुकड़े-टुकड़े गैंग में कौन हैं? गृह मंत्रालय ने नहीं दिया जवाब - पाँच बड़ी ख़बरें 1 घंटा पहले इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के सदस्य कौन हैं? एक आरटीआई याचिका में गृह मंत्रालय के अधिकारियों से यही सवाल पूछा गया है, जिसका जवाब मंत्रालय अब तक नहीं दे पाया है. वरिष्ठ पत्रकार साकेत गोखले ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पिछले साल 26 दिसंबर को एक अर्ज़ी डाली थी. अर्जी में जो सवाल पूछे गए थे, वो कुछ इस तरह थे: -टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? null आपको ये भी रोचक लगेगा जेएनयू हिंसा पर चैनल का स्टिंग ऑपरेशन चर्चा में JNU पर मुरली मनोहर जोशी बोले- ऐसे वीसी को हटा देना चाहिए JNU: पहले किसने हमला किया और हमले के पहले क्या हुआ? हमारे समय में नहीं था 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग: जयशंकर null. -इसके सदस्य कौन-कौन हैं? -इसे यूएपीए (अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट) के तहत पाबंदी क्यों नही