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#NRC_NPR :- देश को गुमराह कौन कर रहा , सरकार या विपक्ष ...?

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NPR ..... क्या सरकार की नीयत में कोई बड़ा खोट है ....? उजागर कर रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी

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भारत में नागरिकता दी और छीनी कैसे जाती है?

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इस पोस्टकook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES नागरिकता क़ानून में संशोधन के बाद से ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और ये माँग उठ रही है कि 'सरकार शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने वाले इस नए क़ानून को वापस ले क्योंकि यह संवैधानिक भावना के विपरीत है और भेदभावपूर्ण है'. इसे लेकर देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और अलग-अलग प्रदर्शनों में हुई हिंसक घटनाओं में अब तक 20 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. सोशल मीडिया पर भी नए नागरिकता क़ानून की चर्चा है और गूगल पर लोग 'भारतीय नागरिकता अधिनियम' के बारे में लगातार सर्च कर रहे हैं. क्या है नागरिकता अधिनियम? नागरिकता अधिनियम, 1955  संविधान लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता हासिल करने, इसके निर्धारण और रद्द करने के संबंध में एक विस्तृत क़ानून है. उसे आसान भाषा में समझाने की कोशिश. यह अधिनियम भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान करता है यानी भारत का नागरिक किसी और देश का नागरिक नहीं हो सकता. null आपको ये भी रोच

NPR के लिए कोई पता पूछे तो PM के घर का पता बताएं: अरुंधति रॉय

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अरुंधति ने सरकार पर डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया राइटर और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. साथ ही उन्होंने एनपीआर पर कहा कि इसमें अधिकारियों को गलत जानकारी दें. अरुंधती रॉय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमा हुए अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची थीं. अरुंधति रॉय के साथ ही बॉलीवुड एक्टर जीशान अय्यूब और इकनॉमिस्ट अरुण कुमार भी नार्थ कैंपस पहुंचे. सरकार एनआरसी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस विषय पर देश के सामने गलत तथ्य पेश किए हैं. जब कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र, सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं तो इन छात्रों को अर्बन नक्सल कह दिया जाता है. अरुंधति रॉय ने छात्रों से कहा कि एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एनपीआर में अपनी जानकारी गलत बताएं. एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला बताइए. अपने

NPR क्या और 2010 से कितना है अलग

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को 2021 की जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर को अपडेट करने की मंज़ूरी दे दी. जनगणना 2021 में शुरू होगी लेकिन एनपीआर अपटेड का काम असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक चलेगा. गृह मंत्रालय ने 2021 की जनगणना के लिए 8, 754 करोड़ रुपए और एनपीआर अपडेट करने के लिए 3,941 करोड़ रुपए के ख़र्च के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है. एनपीआर यानी नेशनल  पॉपुलेशन  रजिस्टर क्या है? एनपीआर सामान्य रूप से भारत में रहने वालों या यूजुअल रेजिडेंट्स का एक रजिस्टर है. भारत में रहने वालों के लिए एनपीआर के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यह भारतीयों के साथ भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए भी अनिवार्य होगा. एनपीआर का मक़सद देश में रहने वाले लोगों के व्यापक रूप से पहचान से जुड़ा डेटाबेस तैयार करना है. null आपको ये भी रोचक लगेगा क्या NPR, देशभर में NRC लाने का