राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा के बाद भी संतों में क्यों है नाराज़गी?
समीरात्मज मिश्र लखनऊ से, बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट SAMIRATMAJ MISHRA/BBC अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन से अयोध्या के संत नाखुश हैं. हालांकि तात्कालिक रूप से संतों की नाराज़गी को थामने की कोशिश ज़रूर की गई है लेकिन ये ग़ुस्सा कितने दिनों तक थमा रहता है, कहना मुश्किल है. संतों की नाराज़गी इस बात को लेकर है कि पंद्रह सदस्यीय ट्रस्ट में जिन नौ सदस्यों के नामों की घोषणा की गई है, उनमें न तो अयोध्या के संत समाज का कोई व्यक्ति है और न ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा कोई चेहरा. यही नहीं, संतों की आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि अयोध्या के जिन दो लोगों को इस ट्रस्ट में रखा गया है उनमें से एक व्यक्ति को कोई जानता तक नहीं है. मोदी ने संसद में की राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा राम मंदिर ट्रस्ट के एकमात्र दलित सदस्य कौन हैं? Image caption राम जन्मभूमि न्यास के नृत्य गोपाल दास नृत्यगोपाल दास ने ज़ाहिर की नाराज़गी अ