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Showing posts with the label injustice against muslims

#आतंकवाद की हक़ीक़त ।। देश के चर्चित आतंकी हमला (अक्षरधाम आतंकी हमला ) में कैसे निर्दोषों को बलि का बकरा बनाया गया था ? निर्दोषों की हत्या बेशक दहशतगर्दी है इस में में कोई शक की गुंजाइश नहीं , लेकिन मासूमों की जिंदगी तबाह कर देने को क्या कहेंगे ?

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    https://www.aajtak.in/india/story/acqiutted-by-sc-akshadham-attack-accused-say-they-were-framed-by-gujarat-police-210724-2014-05-21

न्याय और अन्याय में फर्क ?

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देश में तथाकथित आतंकवाद के असलियत का परदाफाश || 127 लोगों की कैरियर बर्बादी के बाद आज़ाद ||पढ़िए बीबीसी की खास रिपोर्ट ।। और समझिए असलियत

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  गुजरात: प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन से जुड़े 20 साल पुराने मामले में 127 लोग बरी 18 मिनट पहले इमेज स्रोत, नरेश सोलंकी भारत में प्रतिबंधित इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) से कथित संबंध रखने के 20 साल पुराने एक मामले में सूरत की अदालत ने 127 मुसलमान कार्यकर्ताओं को बरी कर दिया है. 2001 में इस मामले में सूरत में 127 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में पुलिस ने इन्हें गिरफ़्तार किया था. 20 साल पुराने मामले इस मामले के सभी 127 अभियुक्तों को सूरत की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी करने का फ़ैसला सुनाया है. हालांकि इस मामले में सभी अभियुक्त ज़मानत पर रिहा थे. इनमें से पांच लोगों की मौत भी हो गई थी. मामले की अंतिम सुनवाई में सरकारी वकील नयनभाई सुखादवाला और बचाव पक्ष के वकील अब्दुल वहाब शेख शामिल हुए थे. विज्ञापन पुलिस की शिकायत के मुताबिक़ ये सभी इस्लामिक कार्यकर्ता सूरत में 2001 में अल्पसंख्यक शिक्षा के मुद्दे पर दो दिनों तक चलने वाले सेमिनार में भाग लेने आए थे. इन लोगों को प्रतिबंधिति संगठन इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (

#Musalamanon की राष्ट्रभक्ति और वफादारी पर शक करना अपराध है ।

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[बरी होते ही उसने रोते रोते कहा, ‘मुझे मेरे 10 साल चाहिये’, पढ़िये अब्दुल अजीम की कहानी |

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World News Home  देश  बरी होते ही उसने रोते रोते कहा, ‘मुझे मेरे 10 साल चाहिये’,... देश बरी होते ही उसने रोते रोते कहा, ‘मुझे मेरे 10 साल चाहिये’, पढ़िये अब्दुल अजीम की कहानी 3626 0 ये कहानी है अब्दुल अजीम राजा की जिन्हे 10 साल बाद मुबंई की अदालत ने बाइज्जत बरी कर किया है. मुंबई : ‘बात मई 2006 की है. मुझे मुबंई मे सरकारी नौकरी मिलने जा रही थी. मेरी खुशी का ठिकाना नही था. इस बीच मेरी शादी को लेकर फाईनल बात भी चल रही थी. जिससे मे बेइतंहा प्यार करता था उसी से मे शादी करने जा रहा था, घर वाले भी मान गये थे’. 24 साल की उम्र मे मुझे जिंदगी का सब कुछ मिल रहा था. लेकिन तभी मुंबई पुलिस की एंटी क्राइम ब्रांच (ATS) टीम के एक दस्ते ने मुझे गिरफ्तार कर लिया. अगले ही दिन देश के अखबारों ने मुझे सबसे बड़ा आतंकवादी बना डाला. ये कहानी है अब्दुल अजीम राजा की जिन्हे 10 साल बाद मुबंई की अदालत ने बाइज्जत बरी कर किया है. अदालत से निकलने के बाद अब्दुल अजीम ने पत्रकारों को बताया कि जिंन्दगी के इन 10 सालो को अब कौन लौटायेगा, कौन शादी करेगा, कौन सरकारी नौकरी देगा, कौन समाज मे इज्जत देगा. 34 साल की उम्र मे