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SHIKCHAK मूल्यांकन PARIKCHA २०१० एवं २०११ से संबधित RTI

freelance journalist cum human rights activist md kaushar nadeem SCERT के EXAMINATION CONTOLLER के पास RTI के तहत आवेदन भेज पूर्बी चंपारण जिला के कल्यानपुर पर्खंड के तहत जितने भी पंचायत  SHIKCHAKO  ने SHIKCHAK  मूल्यांकन PARIKCHA २०१० एवं २०११ दी थी इस PARIKCHA के मूल्यांकन में TRANSPARENCY बरती गई थी ? इसी को जाने के लिए उपरोक्त पर्खंड को नमूने के तौर पर टार्गेट में रखकर  उन्हों ने RTI के तहत आवेदन सम्बंधित  पदाधिकारी के पास किया  अब देखना  है के दिनांक १४.४.१२ को भेजे  आवेदन पर जनाब नदीम को कितने साल बाद मोकम्मल  सूचना मिलती है?

क्या एक ही आदमी इन्द्रा आवास योजना और डिजेल अनुदान दोनों का लाभ ले सकता है?

क्या कोई आदमी दोनों योजनाओं इन्द्रा आवास योजना और डिजेल अनुदान का लाभ एक साथ ले सकता है???उपरोक्त सवालों को जानने को बेताब फ्रीलांस जर्नलिस्ट एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद  कौशर नदीम ने सूचना अधिकार के तहत आवेदन ग्रामीण विकाश विभाग के प्रधान सचिव के पास दिनांक १४.४.१२ को किया,जनाब नदीम ने अपने आवेदन में ये भी पूछा है के दोनों योजनाओं के लाभ एक ही आदमी के जरिये लेना गैरकानूनी   होने की सूरत में सरकार ने जाँच कराकर  पूरे प्रदेश में अबतक कितने लोगों के खिलाफ कानूनी करवाई की है?इस सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है,सूत्रों के अनुसार बिहार में ऐसे लोगों की संख्या लाखों में हो सकती है जो वक़्त पर्ने पर गरीब होकर इन्द्रा आवास का फ़ायदा लिया फीर वही आदमी डिजेल अनुदान की बारी आई तो छेत्र का बरा किसान गैरकानूनी ढंग से दोनों योजनाओं का लाभ उठाया

क्या बिहार के शिक्षा मंत्री फिर एक बार सवालों के घेरे में आ सकते हैं???

           बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक भ्रष्टाचार के कई मामलों में घिरे एक TEACHER  को बेस्ट प्रिंसिपल का अवार्ड  देकर पिछले दिनों एक नयी परम्परा की शुरुआत करडाली,           बताया जाता है के पटना मुस्लिम हाई स्कूल के पूर्वा प्राचार्य  SYED HASAN  NEZAMI  को पिछले दिनों प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर ASSOCIATION के द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम में जनाब शाही ने उक्त अवार्ड दिए         मामले के असल पहलु से अब पाठकों को औगत कराते हैं ,पत्रांक संख्या ७४/११ दिनांक १४.९.११ के अनुसार नेजामी को स्कूल कमिटी ने निलंबन किया था.सूत्रों के अनुसार उनका निलंबनकई परकार के फर्जिवारे,जालसाजी ,और आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्प्ता के कारन की गई थी,यहाँ ये बात भी गौर करने योग  है के नेजामी और शिक्षा विभाग की मिलीभगत को उजागर करने के लिए दिनांक १४.२.११ को शिक्षा मंत्री को लोक सूचना पदाधिकारी बनाते हुए सूचना की मांग की गई थी ,जिसकी सूचना शिक्षा मंत्री के कार्यालय ने आज तक सूचना उपलब्ध नहीं कराइ ,मगर उस मामले से सम्बंधित SHIKCHAK  को शिक्षा मंत्री ने BEST PRINCIPAL का अवार्ड देकर क्या अपने आ

DISTRICT EDUCATION OFFICER EAST CHAMPARAN BAAT KO KEYON TAAL GAYE?

बिहार के पुरबी चंपारण में SHIKCHAK  बहाली २००६ में भरी घोटाले की खबर आला अधिकारिओं को होने के बावजूद आला अधिकारी कराई करने से कतरा रहे हैं ,ऐसा वे क्यों कररहे? जनता के बीच इस पे तरह तरह के चर्चो का बाजार गरम हो गया है,DEO मोतिहारी से इस सम्बन्ध में बात करने की कोशिश की गई तो बहाना बाजी करके निकल गए और फ़ोन  काट दिए,सवाल पैदा होता है के आला अधिकारी जाँच से कतरा क्यों रहे ?क्या सरकार का उनपर दबाव है?        बताया जाता है के पुरबी चंपारण के कल्यानपुर पर्खंड के बांसघाट पंचायत,भुवन  छपरा पंचायत,मणि छपरा पंचायतों में बरे पैमाने पर गर्बरी हुई थी,यहाँ कुछ उदहारण पेश है जिस रेहाना खातून का मणि छपरा पंचायत में 64 पर्तिशत मार्क्स  तथा उम्र २६.१ .७६ दर्ज है उसी रेहाना खातून का बांसघाट पंचायत में उम्र ५.६.८३.  और मार्क्स ८२.७५  है उसी परकार मोहम्मद नसीम अहमद को भुवन छपरा पंचायत में ८४.३ पर्तिशत तो दूसरी तरफ बांसघाट पंचायत में इनका मार्क्स ८५.०१ पर्तिशत हो कैसे गया लोग ताज्जुब  करने के साथ सरकार को कोस रहे है,.यहाँ एक और बात सामने आरही है के बांस घात पंचायत में बहाल  MD  नसीम अहमद की बहाली सामान्य

काटजू के दावे: बिहार के सुशासन में है शक,शाबित हुवे पूरी तरह सच

         सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायेधिश एवं वर्तमान chairman प्रेस कौंसिल ऑफ़  इंडिया  काटजू साहेब का बिहार के सन्दर्भ में दिया गया बयान,बिहार के सुसाशन में है शक साबित होने लगा है बिलकुल सच.बिहार के पुरबी चम्पारण से जो खबरे आरही है वह बिलकुल काटजू के बयान के अनुरूप है. बिहार के पुरबी चंपारण में इंद्रा आवास  योजना  का लाभ उठाने के लिए आला अधिकारिओं की मिली भगत से जिले के अधिकतर उची जाती के लोगों ने इंद्रा आवास का लाभ उठाने के लिए  दलित बन बैठे,वहीँ दूसरी बरी घोटाला बी पी  एल  एवं अन्त्योदय का आनाज प्राइवेट और सरकारी माफियाओं ने मिलकर बेच डाले और सरकार दोषियों पर करवाई करने के बजाये अन्दर ही अन्दर बचाने में लगी हुई है.कारन है जहाँ एक तरफ प्राइवेट माफिया उची सेयाशी पकर रखते हैं वही दूसरी तरफ आला अधिकारीयों नाराज न हो जाये सरकार करवाई करने से पीछे हट जारही है.         उपरोक्त बातों को परमानित करने के लिए पुरबी चंपारण जिला के कल्यानपुर ब्लाक के manichapra पंचायत के एक समाज सेवी श्री रामजी  भगत ने अपने पंचायत के बी पी एल और अन्त्योदय कूपन की कुछ  छाया परती और कुछ original  परती भेजें है
आदर्नीये             ADHYAKCH राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग/अध्यक्छ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग/अध्यक्छ बिहार राज्यामानवाधिकार आयोग              दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट मामले में जाँच एजेंसियां निम्नलिखित कारणों से खुद जाँच के दाएरे में आगई हैं hindustan times ने दिनांक २२/९/२०११ ख़ुफ़िया bureau के हवाले से खबर परकाशित की थी के हमलावर हुजी थे ,काम को ५ लोगों ने अंजाम दिया ,हमलावर सारे के सारे बंगलादेशी थे,५ में से दो को जाँच एजेंसियां 1.मद alla-ur- rahman 32, एवं मौलाना सैफुल शेख ४० के रूप में पहचान की थी, hindustan times में छापी कबर के अनुसार,खबर में यह भी कहा गया था के हमलावर देश से बहार भागने में भी सफल हो गए,वही दूसरी तरफ ईमेल  को बुनियाद बनाकर कश्मीर के कुछ नौजवानों के गिरफतारी से जूरी खबर दिनांक २३/९/२०११ के hindustan times में खबर छापी थी,वहीँ  तीसरी तरफ २६/११/२०११ को हिंदुस्तान  हिंदी २६/११/२०११ को हिंदी में  दिल्ली हाई कोर्ट  ब्लास्ट मामले में मधुबनी से दो गिरफ्तार सुर्खी से खबर  पर्काशित  थी,उपरोक्त तथ्यों क्र आलोक में बहुत सारे सवाल उठने शुरू हो गए हैं जिसका जवाब पूरा देश जानना चा