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कानून या मजाक ?

                                        कानून या मजाक ? उर्दू दैनिक पिन्दार में दिनांक 30.11.2012 को सम्पादकिये पृष्ठ  पर प्रकाशित महाराष्ट्रा सरकार को एक एक बार फिर शर्मिंदगी उठानी पढ़ी और कानून के गलत इस्तेमाल पर वह आज फिर से कटघेरे में लडिया फिर घिर गई है .facebook विवाद के सिलसिले में सरकार ने ठाणे के दो पुलिस अधिकारीयों SP ठाणे ग्रामीण rawindar sen gaonkar और सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर srikant pingle को सस्पेंड कर दिया गया है सनद रहे के उपरोक्त दोनों पुलिस अधिकारी ने शिव सेना के kaarjkartaon का दबाओं में 18 नवम्बर को शाहीन dhadha और रेनू श्रीनिवासन के खेलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया था बलके उन्हें गिरफ्तार करते हुए अदालत मर पेश कर दिया ,जबके ये मामला इस कद्र संवेदनशील न था .जब इस गिरफ़्तारी पर जनता ने गुस्से का इज़हार किया तो सरकार को जाँच करवानी पड़ी .और जाँच रिपोर्ट आने के बाद उपरोक्त दोनों पुलिस अधिकारीयों को दोषी पाया गया .साथ ही हाई कोर्ट ने भी इस मामले में सख्त क़दम उठाते हुए पाल घर के judicial magistate R B bagade का तबादला कर दिया .बेला शुबा किसी भी मुल्क के लिए उसका कान

देश में आतंक के लिए जिम्मेदार कौन ?

डाक्टर मोहम्मद आबेदुर्रह्मान (चंद्वार्बस्वाह )उर्दू दैनिक दिनांक 28/8/2012 पिन्दार में प्रकाशित फसीह महमूद दरभंगा के एक छोटे से गाँव का रहने वाला है ,पेशा से इंजिनियर है और सऊदी अरब में मोलाजेमत करता था,और पिछले कई सालों से वहां रह रहा था,सिर्फ छुटियों में में ही हिंदुस्तान आया करता  था,वह इस साल मई के महीने में लापता हो गया था,उसकी wife का कहना है के सऊदी अरब में कुछ हिन्दुस्तानी और सऊदी पुलिस उसे उसके घर से ले गए थे इसके बाद उसका कोई पता नहीं था यहाँ तक के उसकी wife को अकेले वतन वापस आ जाना पड़ा .उसकी पत्नी ने यहाँ आकर उसकी तलाश के लिए भारतीय वजीर ए खारजा और और दाखेला (home  ministry एंड foreign ministry )में दरखास्त दी .और देश के कई प्रदेशों के मुख्मंत्री और पुलिस प्रमुखों से पुछा के कहीं फसी महमूद किसी जुर्म में संलिप्त तो नहीं ?इसपर तमाम के तमाम ने उसे जवाब दिया के था के न उन्हें फाही का अता पता मालूम है और न ही वह किसी जुर्म में wanted है लेकिन 19 मई 2011 को अरब news ने फसीह महमूद जिस कंपनी में काम करता था उसके मैनेजर के हवाले से खबर दी के सऊदी पुलिस ने फसीह को हेरासत में लेने
आदर्नीये             ADHYAKCH राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग/अध्यक्छ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग/अध्यक्छ बिहार राज्यामानवाधिकार आयोग             दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट मामले में जाँच एजेंसियां निम्नलिखित कारणों से खुद जाँच के दाएरे में आगई हैं hindustan times ने दिनांक २२/९/२०११ ख़ुफ़िया bureau के हवाले से खबर परकाशित की थी के हमलावर हुजी थे ,काम को ५ लोगों ने अंजाम दिया ,हमलावर सारे के सारे बंगलादेशी थे,५ में से दो को जाँच एजेंसियां 1.मद alla-ur- rahman 32, एवं मौलाना सैफुल शेख ४० के रूप में पहचान की थी, hindustan times में छापी कबर के अनुसार,खबर में यह भी कहा गया था के हमलावर देश से बहार भागने में भी सफल हो गए,वही दूसरी तरफ ईमेल  को बुनियाद बनाकर कश्मीर के कुछ नौजवानों के गिरफतारी से जूरी खबर दिनांक २३/९/२०११ के hindustan times में खबर छापी थी,वहीँ  तीसरी तरफ २६/११/२०११ को हिंदुस्तान  हिंदी २६/११/२०११ को हिंदी में  दिल्ली हाई कोर्ट  ब्लास्ट मामले में मधुबनी से दो गिरफ्तार सुर्खी से खबर  पर्काशित  थी,उपरोक्त तथ्यों क्र आलोक में बहुत सारे सवाल उठने शुरू हो गए हैं जिसका जवाब पूरा देश जान
          Suprim court ke purwa neyaeyedhish ewam ewam wartaman press council of india ke chairman katju saheb ka  bihar ke sandarbh mein susasan mein sanch ke dawe purntya sach sabit honay lagay hain. Bihar ke purbi champaran se jo khabray aarahi hai,raj sarkar ki juban band karsakti hai,          Bihar ke purbi chmparan mein BPL & ANTYODAY aur IAY mein bhari garbari ki baat parkash mein aarahi hai,purbi chmparan ke kalyanpur block ke manichapra panchayat ke ek samaj sewi sri ramji bhagat ne kuch BPL &ANTYODAY labharthiyon ke kuch kupan ki chaya parti kuch original copy udaharan sawpup bheje hain jinse pata chalta hai ke purbi champaran ke  kalyanpur parkhand ke tahat aanay walay grampanchyat mein PDS dukandaron aur jila ke aala adhikarion ki mili bhagat se saal 2008 ke 7 maah yani june,july,august,september,octuber,november,december maah ke is baat ki gawahi deraha hai uprokt jila jila code 11 kupan sankheya 0301467 aise yeto sirf udaharan matr hain aise hajaron kupan garib
क्या कोई आदमी दोनों योजनाओं का लाभ -इन्द्रा आवास  योजना  और diesel  अनुदान का लाभ  ले सकता है ?उपरोक्त  सवालों के जवाब  को जानने को बेताब freelance journalist - कम-

मुल्क के गद्दार ?

मुल्क की रक्षा हो न सकेगी झूठे बोल और नारों से  इस मुल्क को खतरा लाहक है इस मुल्क के ही गद्दारों से  दहशतगर्द का झूठा ख़ुफ़िया तंत्र की चाल है ये   दामन अपना दूर ही रखना इनके तंद शरारों से  संसद भवन पर हमला होना , इंटेलिजेंस की गफलत है । कौन है इसके पीछे , आखिर किन लोंगों की शरारत है ? इसकी जाँच से अब तक कोई राज  न अफशां हो पाया । ऐसा लगता है इसके अन्दर कोई सेयासत है । बटला हाउस में मारे जाएँ लोग निहत्ते गोली से। लुत्फ़ उठाएं वर्दी वाले कब तक खून की होली से । काम करे शैतान कोई,इल्जाम आये माशुमों पर । जुर्म छुपाया जायेगा कब तक उनकी झूटी बोली से । समझौता एक्सप्रेस पर हमला किस ने किया ये बतलाओ ? मालेगांव,नानडेर पर हमला कैसे हुआ ये बतलाओ ? मक्का मस्जिद में हमला,अजमेर की घटना याद करो । जामे मस्जिद में गर कौन मिला ये बतलाओ ।  कौन वतन का रखवाला है और यहाँ गद्दार है कौन ? कौन है सच्चाई पे कायेम जालिम बद किरदार है कौन ? हेमंत करकरे ने दिखला दिया प्रग्या, पुरोहित का चेहरा । बात शरीफ समझने की है गुंडों का सरदार है कौन ?              मोहम्म

कसाब को फांसी दी गई या बाहर भेज दिया गेय ?

          पिन्दार  उर्दू अखबार  में दिनांक 26 9.2012 को  प्रकाशित खबर आपके सामने पेश है करकरे को कसाब ने नहीं हिन्दुत्वादी दहशतगर्दों ने क़त्ल किया ---ब्रिगेडियर सावंत का बयान , 26/11 के दहशतगर्द पे लगा सवालिया निशान मुंबई 25 नवम्बर( एजेंसी ) पूर्व मेम्बर पार्लियामेंट और सवराज्य पुक्श के राष्ट्रीय ADHYAKCH ब्रिगेडिअर सुधीर सावंत ने कहा है के अजमल कसाब को फांसी  देकर सरकार ने कोई बरा कारनामा अंजाम नहीं दिया है .इस केस के असल मुजरेमिन मास्टरमाइंड और और COSPIRATOR डेविड HEADLY और THAUAR  HUSAIN  RANA  अमेरिका में हैं ,जब तक उनको हिंदुस्तान लाकर उनके खेलाफ करवाई नहीं की जाती उस वक़्त तक 26/11 के प्रभावितों को इंसाफ नहीं मिलेगा न ही इन्साफ के तकाजे पूरे होंगे .सुधीर सावंत ने मुंबई से प्रकाशित होने वाले दैनिक उर्दू टाइम्स से बातें करते हुए कहा के जिस ख़ुफ़िया ढंग से कसाब को फांसी दी गई उस से शक व शुबा पैदा होता है के क्या वाकई कसाब को फांसी दी गई है या फिर उसको कहीं भेज दिया गया।उनहोंने कहा के अगर कसाब को फांसी दी गई है तो उसकी लाश कहाँ है .सरकार जिस तरह से राजदारी बरत रही है उससे अन्दाज

बदले बदले से सरकार नजर आते हैं

मालूम नहीं किस फिल्म का गाना है : बदले बदले से सरकार नजर आते हैं,हम को बर्बादी के आसार नजर आते हैं ,आज के परिद्रिश्य में ये गाना नरेंदर मोदी , और भाजपा ,और RSS के रवैए पर पूरी तरह फिट और हीट मालूम परते हैं,3 अक्टूबर के दैनिक पिन्दार के पहले पेज पर गुजरात के मुख्यमंत्री से सम्बंधित दो प्रमुख खबरें प्रकाशित हुई थी जिस में पहली खबर थी  मोदी ने सोनिया गाँधी से माफी मांगी और दूसरी खबर थी के इसी गाँधी के कातिल के गिरोह का सरगना ये कहता है के गान्धियाई  नजरिये से फ़ायदा उठाना जरुरी है .कहीं ऐसा तो नहीं के 2 अक्तूबर को सूरज पशचिम से उगा था।कयोंके मोदी जैसे मगरूर और गंधियाई नजरियात का विरोधी इन्सान कहता है के गंधियाई आइडियोलोजी के जरिये आज भी संसार दहशतगर्दी ,और ग्लोबलवार्मिंग  का मुकाबला किया जा सकता है .फिर वह सख्स  कहता है के आलमी दहशतगर्दी से बचाने  के लिए   आज भी गंधियाई राह हमवार हैं .नरेंदर मोदी जैसे सफाक कुरुर जालिम सम्प्रदाईक ,भाईचारा  और अमन के दुश्मन की जुबान से ऐसे शब्दों का निकलना न सिर्फ हैरत अंगेज है बल्कि अपनी अजुबियत में सातों अजूबे कमतर नजर आते हैं .पहली खबर के मोदी ने सोनि

जाँच हुई तो फंसे गे कई वरिये अधिकारी?

क्या बिहार सरकार के इस दावे में दम है?के वह नक्सल प्रभावित जिलों में गरीबों को सरकारी योजनाओ लाभ आसानी से मिले सरकार हर संभव प्रयास किये हुए,बिचौलिए  पर  विशेष नजर rakhkhi जा रही है ,मगर बिहार के नक्सल प्रभावित एक जिला से जो खबर मिल रही है वह सरकारी दावे की पोल खोलने के साथ ही कई वरिये पदाधिकारियों को जाँच के दाएरे में ला दिया है     पूरबी चंपारण के फेन्हारा   पर्खंड के बार परसौनी पंचायत के रहने वाली  1.जैलस देवी, पति  राजेन्दर पासवान 2 .रम्भा देवी ,पति सुनील दोनों  का घर पंचायत के गबन्धी  गाँव से है वित्तिय वर्ष 2005-2006 में सरकार ने बेघर होने के कारण एक एक  अदद  घर बनाने के लिए पैसे  दिए ,लाभार्थियों ने बताया है के एक  एक  टेलर ईंट देकर ठग दिया गया  जब इस संबध में तत्कालीन पर्खंड विकास पदाधिकारी से लिखित शिकायत  करने उनके दफ्तर  करने  गई तो रिसीविंग नहीं दिया गया,रिसीविंग देने के  नाम पर तत्कालीन BDO बिगर गए जैसा के लाभार्थियों का कहना है,डांट  डपट करते हुए कहा के करवाई चाहये या रिसीविंग?कारवाई  और आशवासन के बिच 7साल   बीत गए पर आज तक इन्साफ न मिला  किस अधिकारी

पुरबी चंपारण में PDS के लाखों कूपन जाली ?

बिहार के पुरबी चम्पारण के कल्यानपुर ब्लॉक के सिर्फ  manichapra पंचायत में 185 से अधिक PDS कूपन लावारिस अर्थात मिर्तकों ,फर्जी लोगों  के नाम पर मौजूद होने के बावजूद दोषियों पर करवाई हेतु अबतक कोई प्रयास नहीं की गई है,जबके इस सम्बन्ध में बिहार के खाध  एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री शेयाम रजक सहित विभाग के प्रधान सचिव सहित तमाम वरिए पदाधिकारियों को उनके सरकारी मोबाइल पे SMS भेज सूचित भी कर दी गई है,इसके बावजूद करवाई न होने से जनता में तरह तरह की  बातें  की जाने लगी हैं,और ये सवाल सुरु हो गया है के आखिर विभाग के आला अघिकारी फर्जी कूपनो पर सरकारी अनाजो का उठाओ वर्षो से करने वालों पर कारवाई करने से क्यों कतरा रही ?इन सवालों का जवाब जनता जानने  को बेताब है।

पुरबी चंपारण का DEO office ने नितीश कुमार के सुशासन को किया दागदार ?

मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार का सुशासन एक बार फिर कटघेरे में खरा होता मालुम दिखाई पर रहा,वजह बना    है,    इस     बार बिहार का education department ,बतायाजाताहै के पूर्बी चंपारणके फेन्हारा पर्खंड के श्री सुनील कुमार पासवान जो एक  गरीब और अनुसूचित जाती से सम्बन्ध रखते हैं,इनसे सरकार ने 6   सालो से भी जेयदा समय तक पंचायत शिक्चक   (shikchak )   के रूप में काम कराया  जब बात वेतन  भुगतान  की आई     तो       उन्हें अवैध करार दिया जा रहा श्री सुनील कुमार उपरोक्त जिला एवं पर्खंड के बारा परसौनी में 2003 से ही लगातार काम करते आ रहे,इनके वेतन पे रोक साल 2006 में  लगा दी      गई ये   कहते हु के  इनका तीसरा पुनर्नियोजन नहीं हुआ इसलिए इनकी बहाली अवैध है  यहाँ बताते चले के जो भी शिक्चक (shikchak )para teacher  के रूप में कार्ज कर रहे थे सरकार ने अपने एक आदेश  के जरिये उन्हें पंचायत shikchak मान चुकी ऐसी हालत में श्री सुनील कुमार पासवान और बाकी पंचायत shikchak      अवैध किस कानून के तेहत हुए?एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारीयों को इसबात का जवाब देना होगा अगर कोई कहे के इन सभी को बहुत पहले ही हटा दि