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कांग्रेस के युवराज को मसलमानों के असल समस्या के निवारण के लिए गुस्सा क्यों नहीं आया ? कांग्रस ने आज तक मुस्लिम प्रधान मंत्री नहीं बनाया युवराज को गुस्सा क्यों नहीं आया ?

हम कुछ करना ही नहीं चाहते हम शुक्र करें किस का शाकी हों तो किस के हों रहबर ने भी लूटा है रहजन ने भी लूटा है गुजिस्ता दो हफ़्तों के दौरान मेरे पास लातादाद फोने आये , कई खतूत आये और जाती गुफ्तगू में बार बार ये जिक्र आया के आखिर मुसलमान इन्तेखाब की सियासत में जायें तो किस के साथ जाएँ ? कोई पार्टी ऐसी नहीं है जिसने धोका नहीं दिया हो , जिस की वजह से जख्म नहीं लगे हों ।बात बिलकुल दुरुस्त भी है ।जब हम सियासी मंजरनामा पर नजर दौराते हैं तो ऐसा ही पाते हैं । मुल्क में लम्बी मुद्दत तक बलके आज़ादी के बाद अब तक जेयादा तर कांग्रेस की ही हुकूमत रही और कांग्रेस के सबब ही मुसलमानों को सबसे जेयादः नुकसान का सामना करना पड़ा है । सिर्फ फसाद ही नहीं बल्कि इक्तसादी और तालीमी पेश्मांदगी के लिए भी जेयादः जिम्मेदारी उसी पर जाती है । वजह साफ़ जाहिर है की जम्हूरी नेजाम में कुछ भी करने से क़ब्ल वोटों की गिनती भी नजर में रहती है और इसी लिए बड़े वोट बैंक पर छोटे वोट बैंक को हमेशा कुर्बान किया जाता है ।इसी लिए कांग्रेस भी हमेशा मुसलमानों और हिन्दुओं दोनों को खुश रखने की कोशिश में रहती है । मुसलमानों को वादों से खुश

चुनाव के समय ही क्यों याद आते हैं शिंदे को बेगुनाह मुसलमान?

चुनाव के समय ही क्यों याद आते हैं शिंदे को बेगुनाह मुसलमान? Posted by: admin  January 13, 2014 in India, Lead Leave a comment BeyondHeadlines News Desk लखनऊ : गुजरात के सादिक जमाल मेहतर की हत्या में शामिल आईबी अधिकारी राजेन्द्र कुमार, सुधीर कुमार, यशोवर्धन आजाद, गुरुराज सवादत्ती को सीबीआई द्वारा बचाने का आरोप लगाते हुए सादिक जमाल की हत्या की 11वीं बरसी पर रिहाई मंच ने कहा कि जब तक खुफिया विभागों के षडयंत्रकारी अधिकारी नहीं पकड़े जाएंगे तब तक देश में न तो बेगुनाह मुस्लिमों के फर्जी एनकाउंटर और फर्जी मुक़दमें रुकेंगे और न ही आतंकवादी वारदातों के असली मुजरिम पकड़े जा सकेंगे. रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि 2003 में सादिक जमाल मेहतर को खुफिया विभाग के अधिकारियों और मुंबई तथा गुजरात के कथित एनकाउंटर स्पेश्लिस्टों द्वारा नरेन्द्र मोदी को मारने का षडयंत्र रचने के नाम पर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था. जिसके कई पुख्ता सबूत होने के बावजूद सीबीआई ने आईबी अधिकारियों को आज तक गिरफ्तार नहीं किया है, इतना ही नहीं इस हत्या कांड में शामिल गुजरात पुलिस के आला अधिकारियों डीजी वंजार

चुनाव के समय ही क्यों याद आते हैं शिंदे को बेगुनाह मुसलमान?

चुनाव के समय ही क्यों याद आते हैं शिंदे को बेगुनाह मुसलमान? Posted by: admin  January 13, 2014 in India, Lead Leave a comment BeyondHeadlines News Desk लखनऊ : गुजरात के सादिक जमाल मेहतर की हत्या में शामिल आईबी अधिकारी राजेन्द्र कुमार, सुधीर कुमार, यशोवर्धन आजाद, गुरुराज सवादत्ती को सीबीआई द्वारा बचाने का आरोप लगाते हुए सादिक जमाल की हत्या की 11वीं बरसी पर रिहाई मंच ने कहा कि जब तक खुफिया विभागों के षडयंत्रकारी अधिकारी नहीं पकड़े जाएंगे तब तक देश में न तो बेगुनाह मुस्लिमों के फर्जी एनकाउंटर और फर्जी मुक़दमें रुकेंगे और न ही आतंकवादी वारदातों के असली मुजरिम पकड़े जा सकेंगे. रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि 2003 में सादिक जमाल मेहतर को खुफिया विभाग के अधिकारियों और मुंबई तथा गुजरात के कथित एनकाउंटर स्पेश्लिस्टों द्वारा नरेन्द्र मोदी को मारने का षडयंत्र रचने के नाम पर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था. जिसके कई पुख्ता सबूत होने के बावजूद सीबीआई ने आईबी अधिकारियों को आज तक गिरफ्तार नहीं किया है, इतना ही नहीं इस हत्या कांड में शामिल गुजरात पुलिस के आला अधिकारियों डीजी वंजा

बेरोजगार को ठगने का धंधा जारी , शिक्षा विभाग की भी मिलीभगत की आशंका ।

# क्या आप 34540 Trained teachers बहाली के वक़्त 12हजार के आस पास होने वाली उर्दू टीचर के पदों के लिए उमीदवार थे / थीं  ...............? ## क्या आप से किसी वैक्ति  ने इन्साफ दिलाने के नाम पर /कोर्ट से लड़ कर इन्साफ दिलाने के नाम पर सुनहरे और हसीन ख्वाब दिखा कर पैसे लिए थे ..........? ## क्या आप वैसे लोगों के जरिये दिखाए गए सुनहरे और सब्ज ख़्वाबों पर यकीं करते हुए अपने  मेहनत और मुशक्कत की कमाई ऐसे लोगों पर एतमाद करते हुए थमा दिए थे ..........? ## क्या आप को कानून और अदालत से इन्साफ दिलाने वालों ने आपको नौकरी यानी उर्दू टीचर बनाने में कामयाब रहे ............? क्या उनकी कानूनी लड़ाइयों के नतीजे में 50 नंबर और 100 नंबर से उर्दू पास होने वाले लोगों की बहाली हो सकी ? अगर ऐसा वे नहीं कर सके तो आपको ऐसे लोगों से पूछना चाहिए की आपने कौन सी लड़ाई और कैसी लड़ाई लड़ी के 1200 से कुछ अधिक पदों में से करीब चार हजार के आस पास ही उर्दू के शिक्षक बहाल हो सके ? ये भी पूछिए के आखिर ओ कौन सी लड़ाई आप ने लड़ी के 50 /और 100 नंबर से इंटर में उर्दू पढ़ने वालों को नौकरी नहीं मिली ? जाहिर है वे ऐसा कराने में पूर
Rahul Kumar 4 hours ago दहेज प्रताड़ना,रंगदारी के खिलाफ और भरन-पोषण के लिए दायर किए गए एक झूठा मुकदमा का अध्ययन मैंने किया और झूठे आरोप का शिकार हुए लोगों को सहयोग भी किया।आरोप प्रथम दृष्टया देखने से ही झूठा प्रतीत होता है। 1.भरन-पोषण के लिए नियम के विरुध्द आवेदन देना Hindu ADOPTION AND MAINTENANCE ACT,1956 (हिन्दु दत्तकग्रहण तथा भरन-पोषण अधिनियम)की धारा 19(1) के तहत एक हिन्दु विधवा महिला अपने ससुर से भरन-पोषण के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है बशर्तेँ कि उस विधवा के पास आय का पर्याप्त स्त्रोत ना हो।इसी कानून का धारा 19(2) के तहत ससुर भरन-पोषण नहीं देगा जब उसके पास देने के लिए पर्याप्त सहदायिकी संपत्ति (जो संपत्ति पिता के मरने के बाद वारिसों को बांटी जाती है) नहीं है।मतलब ससुर अपने मासिक आय से भरन-पोषण देने के लिए बाध्य नहीं है।विधवा रानी देवी ने अपने जेठ दिलीप ठाकुर और ननद मुनचुन देवी से भी भरन-पोषण लेने के लिए आवेदन दे दिया है।ससुर के सिवाय किसी दूसरे से भरन-पोषण मांगने का अधिकार विधवा को नहीं है। Hindu Minority and Guardian
Rahul Kumar 4 hours ago दहेज प्रताड़ना,रंगदारी के खिलाफ और भरन-पोषण के लिए दायर किए गए एक झूठा मुकदमा का अध्ययन मैंने किया और झूठे आरोप का शिकार हुए लोगों को सहयोग भी किया।आरोप प्रथम दृष्टया देखने से ही झूठा प्रतीत होता है। 1.भरन-पोषण के लिए नियम के विरुध्द आवेदन देना Hindu ADOPTION AND MAINTENANCE ACT,1956 (हिन्दु दत्तकग्रहण तथा भरन-पोषण अधिनियम)की धारा 19(1) के तहत एक हिन्दु विधवा महिला अपने ससुर से भरन-पोषण के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है बशर्तेँ कि उस विधवा के पास आय का पर्याप्त स्त्रोत ना हो।इसी कानून का धारा 19(2) के तहत ससुर भरन-पोषण नहीं देगा जब उसके पास देने के लिए पर्याप्त सहदायिकी संपत्ति (जो संपत्ति पिता के मरने के बाद वारिसों को बांटी जाती है) नहीं है।मतलब ससुर अपने मासिक आय से भरन-पोषण देने के लिए बाध्य नहीं है।विधवा रानी देवी ने अपने जेठ दिलीप ठाकुर और ननद मुनचुन देवी से भी भरन-पोषण लेने के लिए आवेदन दे दिया है।ससुर के सिवाय किसी दूसरे से भरन-पोषण मांगने का अधिकार विधवा को नहीं है। Hindu Minority and Guardianship Act,1956(हि

BBC: बिहार के मोतिहारी जिला में मनरेगा के नाम पर भारी घ...

BBC: बिहार के मोतिहारी जिला में मनरेगा के नाम पर भारी घ... : मनरेगा में भारी गड़बड़ी की संभावना , फर्जी मजदूरों और फर्जी कामों को दिखलाकर करोड़ों के घपले की आशंका । मामले का संबंध पूर्वी चंपारण के कल्याण...