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अच्छे दिन आये अच्छी बात है । हर इंसान अच्छे दिन की तलाश में रहता है । अच्छे दिन किसी के लिए तो किसी के लिए बुरे दिन भी । कोई 27 मई 2014 को खुशियों में चूर था तो सैकड़ों घर इस देश में ऐसे थे जहाँ मातमी सन्नाटा पसरा था । खुशियों में सब शामिल होना पशंद करते हैं मगर किसी के ग़मों में भी शामिल हो लीजिये । यही दुनिया और यही इंसानियत है । ख़ुशी में ऐसे न चूर हो जाएँ की अपनी मौत को भी भूल जाएं । देखिये दुनिया का इंसान अपनी मर्ज़ी से चलाता है मगर दुनिया का बादशाह जिसे हम सुपर पॉवर कह सकते हैं अपने हिसाब से चलाता है ।और कौन जानता है अबकी बार किस की जिंदगी होगी पार।।

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चक्रवात से पांच सौ घर तबाह । दिनांक 24/5/2014 को आये चक्रवात में  पुरनिया प्रमंडल  में भारी तबाही हुई । कई घर बर्बाद ,लाखों की फसल की क्षति  का अनुमान। ( कटिहार )कोढ़ा प्रखंड में सनिवार की सुबह आये चक्रवाती तूफ़ान व ओला विरिश्ति से वेयापक पैमाने पर तबाही । तूफ़ान से 500 घर हवा में उड़ गए । लाखों की सम्पति  स्वाहा हो गयी । (dainki jagran ,Patna ,dinank.25/5/14) बक्सर में बस पलटने से दो यात्रियों की की मौत .  पटना बक्सर मुख मार्ग पर कृष्ण बराहा थाना के तेहत चौकिय गाँव के समीप शनिवार की दो पहर बस पलटने से उसमें सवार दो यात्रोयों की मौत और बाकी अन्य नौ दुसरे यात्री घायल हो गए । 25/5/2014 dainik jagran ,patna तालाब में डूबने से तीन बच्चों की मौत ----- दरियापुर (सारण) दरियापुर  थाना क्षेत्र के हिङ्गुआ गाँव में तालाब में डूबने से शनिवार दिनांक 24/5/2014 को एक भाई और दो बहनों की मौत हो गयी ।d.g.dinank 25/5/14/  ट्रक्टर चालाक की पिट पिट कर हत्या ---- बीहट (बेगुसरये) चकिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिमरिया गाँव टोला में शुक्रवार की देर शाम आपसी विवाद में जैम कर हुई मार पीट में पड़ोसियों ने

सुसाशन या कुसाशन ? शिकायत दर्ज होने के पांच सालों बाद भी कार्रवाई नहीं ।

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मोतीहारी  जिला के चकिया अनुमंडल दंडाधिकारी कार्यालय का अनोखा कारनामा शिकायत दर्ज कराने के पांच सालों बाद भी नहीं हुआ कोई जांच और न कोई कानूनी कार्रवाई । पीड़ित मुजम्मिल हुसैन ,ग्राम मनी छपरा ,वार्ड एक ,थाना ,चकिया ,जिला पुरबी चंपारण ,(बिहार )ने दिनांक 28/2/2009 को दर्ज कराई थी चकिया अनुमंडल दंडाधिकारी के पास शिकायत । मामले से चकिया अनुमंडल कार्यालय के किर्यकलापों पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं और लोग सवाल कर रहे की क्या यही सुसाशन की निशानी है ?

भारत के प्रथम प्रधान मंत्री की प्रेम कहानी ।

2 Rahul Kumar Tues  ·  नेहरू का इश्क नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने बीबीसी को बताया कि जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ़्लाइट से नेहरू रोज़ एडविना को पत्र भेजा करते थे. एडविना उसका जवाब देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान तक पहुंचाया करता था. नैयर ने एक बार एडविना के नाती लार्ड रैमसे से पूछ ही लिया कि क्या उनकी नानी और नेहरू के बीच इश्क था? रैमसे का जवाब था, "उनके बीच आध्यात्मिक प्रेम था." इसके बाद नैयर ने उन्हें नहीं कुरेदा. नेहरू के एडविना को लिखे पत्र तो छपे हैं लेकिन एडविना के नेहरू को लिखे पत्रों के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं हैं. कुलदीप नैयर ने एक बार इंदिरा गाँधी से उन पत्रों को देखने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने उन पत्रों को दिखाने से साफ़ इनकार कर दिया था. एडविना ही नहीं सरोजिनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू के लिए भी नेहरू के दिल में सॉफ़्ट कॉर्नर था. कैथरीन फ़्रैंक इंदिर

बेशर्म मीडिया के सम्पादको सुनो

Nehal Sagheer Fri  ·  Published On: Thu, May 22nd, 2014 चर्चा में | By KohraMhindi बेशर्म मीडिया के सम्पादको सुनो ! मुकेश कुमार सुप्रीम कोर्ट ने अक्षर धाम हमलों में दस साल से सजा काट रहे छह आरोपियों को बरी कर दिया पर बेशर्म ( कुछ को छोड़) मीडिया ने इसे तवजो तक न दी. मीडिया विश्लेषक मुकेश कुमार मीडिया के इस चेहरे से पर्दा उठा रहे हैं सोलह मई को भारत के इतिहास में दो जीत दर्ज हैं, एक नरेंद्र दामोदर भाई मोदी की और दूसरी हिंदुस्तान के लगभग उन अठारह करोड़ मुसलमानों की जो भारतीय मुख्यधारा की मीडिया में आतंकवाद के मिथक प्रतीकों “सफ़ेद टोपी”के उपनामों से नवाजे गयें है. भारत की तथाकथित मुख्यधारा के मीडिया हमेशा से मुसलमानों को आतंकवाद के साथ जोड़ कर देखता रहा है(कुछ अखबार को छोड़कर). एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप के जुमलेबाजी से आगे निकलना है तो इस मुख्यधारा की मीडिया को अपने चश्में का रंग बदलना होगा,उसको हरे रंग की स्याही से लिखने की सोच से निकलना होगा. सोलह मई 2014 को 2002 के अक्षरधाम आतंकी हमले के सभी छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट

मुस्लिम नवजवानों की रिहाई के बाद गुजरात सरकार और नरेंदर मोदी कट घेरे में हैं , इस मामले में जांच एजेंसी और अमित शाह को दोषी मानते हुए जांच बैठा कर निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई होनी चाहिए ।( के .सी तेयागी )

मुस्लिम नवजवानों की रिहाई के बाद गुजरात सरकार  और नरेंदर मोदी कट घेरे में हैं  , इस मामले में जांच एजेंसी और अमित शाह को दोषी मानते हुए  जांच बैठा कर निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई होनी चाहिए ।( के .सी तेयागी ) नई दिल्ली ( एजेंसी ) गुजरात के अक्षर धाम मंदिर में 2002 में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में सजा -ए - मौत पाए हुए 3 मुल्जेमिन और उम्र क़ैद की सजा पाए हुए एक आरोपी समेत सभी 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से 16 जुलाई बरोज जुमा को बा इज्ज़त बरी कर दिया । उन सभी को  पोटा अदालत ने 2006 में सजाये मौत और उम्र कैद की सजा दी थी ।देश का ये  पहला ऐसा केस है जिसमें एन डी ए के दौरे हुकूमत में एक विशेष समुदाय को टार्गेट कर के पोटा के तेहत सजा दी गयी थी । इस फैसले का खैर मकदम करते हुए जनता दल के कौमी तर्जुमान ( राष्ट्रीय प्रवक्ता ) और राज सभा मेंबर के सी तेयागी ने कहा है की आतंक के इस मामले में  सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ़ तौर पर क्लियर हो गया है की जांच अगेंकएजेंसी ने  जिस तरह से इस मुक़दमे की तफ्तीश की उस से उसकी जाहिलपन साबित होती है । कयोंकि इस तरह के संगीन मामले  में जिसमे मुल

24 मार्च 1971 से पूर्व आये तमाम बांग्लादेशी हिन्दुस्तानी शहरी ।

24 मार्च 1971 से पूर्व आये तमाम बांग्लादेशी हिन्दुस्तानी शहरी । मेघालय हाई कोर्ट का तारीखी फैसला । नयी दिल्ली ( यू एन आई )22/5/2014 . मेघालय हाई कोर्ट ने अपने इतिहासिक फैसले में कहा है की जो बांग्लादेशी 24 मार्च 1971 से पहले हिन्दुस्तान आकर बस गए ,उन्हें हिन्दुस्तानी माना जाएगा । और उनके नाम वोटर लिस्ट में दर्ज किये जायेंगे । मेघालय हाई कोर्ट का ये फैसला उत्तर - पूर्वी राज्यों में रह रहे लाखों लोगों के लिए नजीर बन सकता है । जिन्हें बांग्लादेशी बता कर हिन्दुस्तानी शहरियत से महरूम रख्खा गया है । अदालत का ये फैसला उन 40 लोगों की दरखास्त पर सुनाया गया जिनके नाम रियासत मेघालय के रिभोई जिला के  डिप्टी कमिश्नर ने बांग्लादेशी शहरी बताते हुए वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने से इनकार कर दिया था और उन्हें बांग्लादेश भेजने का हुक्म सुना दिया था ।ये लोग आसाम मेघालय की सरहद पर स्थित  आम्जुंग गाँव के रहने वाले हैं । फाजीफ़ाज़िल जज एस आर सेन ने गुजिस्ता 15 मई को सुनाये गए फैसले में कहा है की ये बात वाजेह है जिन चालीस लोगों ने अपनी शहरियत के सिलसिले में अर्ज़ दास्त  दाखिल की थी उनके आबाओ अजदाद 24 मार्च 197

मोदी के P M पद पर बैठने के साथ ही बारी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने , धारा 370 ,समान्य नागरिकता कानून को लागू किये जाने की चर्चा के ठीक एक रोज पहले आई देश के कई राज्यों में आई जलजलों के झटके ने न केवल सनसनी फैला दिया है बल्कि ये सोंचने पर मजबूर कर दिया है की क्या ताक़त के नशे में चूर अगर सरकार कुछ करती है तो क्या देश में प्राकृतिक तबाही से पूरा देश हिलने वाला है ? क्या केंद्र की मजबूत सरकार इन तबाहियों से भी भारत की लाखों जनता को बचा लेगी ? कहते हैं ऊपर वाला जागाने घर घर नहीं जाता । जलजले की झटके को चेतावनी समझिये ।

Chaahe aap kisi dharm ko manne wale hon , agar aap ishwar me  wiswaas rakhte hain to aap  is baat pe bhi yakin jarur rakhte honge ki ishwar ki marzi ke bagair ek patta bhi nahi hilta , Dinank 21. 5. 2014  ko 9. 51 PM par Bihar samet desh ke kayi hisson  me ( dilli , uttar pradesh , pashchimi bangaal , oddisha , andhra pradesh , aur jharkhnad ) ek saath aaya jhatka bhi Us supar power ki marji se bharat ke newly  appointed PM Narendar Modi sarkaar ko chetaoni dene ke kheyaal se aayi thi . Upar baitha super power ye ehsaas karaane ne aaya tha ki agar insaaf aur insaayiyat ko kuchla geya to bas.......... samjhlo  ham  keya kar sakte hain. Gaur talab baat ye hai ki bharat mein ye jaljala ek aise  waqt me aaya hai jab Naredar Modi ki aguwayai me majbut sarkaar banne ke saath hee Ram mandir Mamla , dhara 370 , samanya nagrikta qaanun  jaise sawnwedan sheel maamlo ko karodo logo ke dilon ko thes pahuchate huye jabardasti laagu karne ki baat ki jaa rahi. Sanad rahe ki bhaarat mein jab b