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डी जी पी अभियानंद जी के पद से हटाये जाने से लोग खुश हैं ,सरकार के क़दम को देर से उठाया गया सही क़दम ठहरा रहे ।

Ranbir Nandan तबादला करना सरकार का रूटिन वर्क है। समाचार पत्रों से ज्ञात होता है कि पुलिस विभाग में इधर कुछ तबादलें हुए, तो अभ्‍यानंद जी रूष्‍ट थे, क्‍या‍ेकिं उनसें पूछा नहीं गया । मेरा मानना हैं कि इधर के दिनों में नौकरशाहों में एक बिमारी आ गयी, कि वे अपने को विधायिका से सर्वोच्‍च समझने लगे हैं, और इसी कारण असंतोष होता है। मनुष्‍य की स्‍वाभाविक प्रवृति अच्‍छे कार्य करने की होती है। श्री अभ्‍यानंद जी ने समाज में अच्‍छे कार्य किये, तो उन्‍होंने मनुष्‍य जीवन को सार्थक किया, परंतु यदि अच्‍छे कार्योे से वे अभिमान में आ गए तो यह अच्‍छा नहीं हुआ । कहनें में कोई अतिश्‍योक्ति नहीं कि यदि सामाजिक स्‍तर के कार्यकर्ता, एम.पी, एम.एल.ए, एम.एल.सी भी अभ्‍यानंद के समय जायज विषयों पर भी कुछ कहते थे तो उनकी बातों को सुनना क्‍या, उनकी प्रतिष्‍ठा का भी सम्‍मान थानें स्‍तर पर, अनुमंडल स्‍तर पर, जिला स्‍तर पर नहीं होता था। एक समाज के प्रत्‍येक व्‍यक्ति का कर्तव्‍य होता है कि वह समाज को बनाने में मेहनत करें, परंतु यदि अच्‍छे कार्यो को मूर्त रूप देते समय उसे यह अभिमान हो जाए कि मै हीं सर्वश्रेष्‍ठ हूं, तब

चुनाव जीतने के लालच मे इतना झुठ बोला इतने अच्छे दिन दिखाए कि आज उन्ही के दावो के नीचे दब गए है,,

Simran Kumari  with  सुभाष रॉय  and  54 others Mon  ·  Simran parjapati.............. मे चाहे ये करु,मे चाहे वो करुँ मेरी मर्जी,, Lord modi लगता है अव पूरी तरह सटक गए है,, चुनाव जीतने के लालच मे इतना झुठ बोला इतने अच्छे दिन दिखाए कि आज उन्ही के दावो के नीचे दब गए है,, अक्ल को बेचकर भुटान गए ओर भुटान की इज्जत आबरु,यहाँ तक नाम तक छीन लिया,,, रेल्वे किराये मे एतिहासिक वृद्धि कर दी,, सब्जियाँ,तेल,प्रेट्रोल,डीजल सब के भाव आँसमा पे पहुँचा दिए,,,ओर फिर वही बात दोहरा रहे है,,अच्छे दिन आ गए,, ये सनकपन नहीँ तो ओर क्या है? किसके हाथो मे देश चला गया रे बाबा,,, हे भगवान इस प्राणी को सदबुद्धी देना,,,,आखिर मेरे देश की आन बान ओर शान का सवाल है Simran parjapati.............. Whether they do, whether it's in karu my discretion, seems to have completely satak Lord above 110 modi, uttered so much greed in winning show good day today to jhuth's were pressed down, davo, akla went to bhutan bhutan's respect towards selling abru, even sn