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रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी हिंदुस्तान के मनुवादी नेजाम का मुँह बोलता सबूत !

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रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी हिंदुस्तान के मनुवादी नेजाम का मुँह बोलता सबूत !

खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम

 खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम’ IN देश / ON FEBRUARY 23, 2016 AT 3:57 AM / मुंबई। भारत समेत दुनियाभर की पुलिस अंडरवर्ल्ड़ डॉन दाऊद इब्राहिम को तलाश रही हैं। दाऊद कहां हैं कोई नहीं जानता, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले हफ्ते दाऊद मुंबई आया था और किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई। मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक दाऊद पिछले हफ्ते अपने रत्नागिरी वाले बंगले में आया था। कैसे पकड़ा जाएगा डॉन? मुंबई से सटे रत्नागिरी में दाऊद का पुश्तैनी बंगला हैं, जिसे उसके पिता इब्राहिम कसकर ने 35 साल पहले बनाया था। आज वो बंगला सुनसान पड़ा है। कोई वहां आता-जाता नहीं। लोग कहते हैं कि वहां भूतों का बसेरा है। इसी डर की वजह से उस बंगले के आज भी लोग जाने से कतराते हैं। आम लोगों के साथ-साथ पुलिस भी यहां आने से घबराते हैं।ऐसे में खुफिया एजेंसियों और पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर दाऊद रत्नागिरी के मुम्बके गांव में अपने इस घर पर आया और आस-पास के लोगों से भी मिला। इस बात की खबर ना तो पुलिस को हुई

حکیم الامت مجدد ملت مفسر قرآن حضرت مولانا ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ رحمہ اللہ مختصر تعارف. . شخصیت اور کارنامے

حکیم الامت مجدد ملت مفسر قرآن حضرت مولانا ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ رحمہ اللہ         مختصر تعارف. .                    شخصیت اور کارنامے تحریر......ریان مسعود سلطانپوریوپی متعلم دارالعلوم وقف دیوبند نام . شاہ اشرف علی تهانوی ﭘﯿﺪﺍﺋﺶ 19 ﺍﮔﺴﺖ 1863 ﺀ ﻭﻓﺎﺕ 4 ﺟﻮﻻﺋﯽ 1943 ‏( ﻋﻤﺮ 79 ﺳﺎﻝ ‏) ﺭﮨﺎﺋﺶ ﺗﮭﺎﻧﮧ ﺑﮭﻮﻥ ﻗﻮﻣﯿﺖ Indian (British subject ‏) ﻧﺴﻞ ﮨﻨﺪﻭﺳﺘﺎﻧﯽ ﻭﺩﺭ ﺩﻭﺭ ﺟﺪﯾﺪ ﭘﯿﺸﮧ ﻋﺎﻟﻢ ﺩﯾﻦ ﻣﺬﮨﺐ ﺍﺳﻼﻡ ﺗﺤﺮﯾﮏ ﺩﯾﻮﺑﻨﺪﯼ ﺷﻌﺒۂ ﻋﻤﻞ ﻓﻘﮧ ﻣﺎﺩﺭ ﻋﻠﻤﯽ ﺩﺍﺭﺍﻟﻌﻠﻮﻡ ﺩﯾﻮﺑﻨﺪ ﭘﯿﺮ / ﺷﯿﺦ ﺍﻣﺪﺍﺩ ﺍﻟﻠﮧ ﻣﮩﺎﺟﺮ ﻣﮑﯽ ﻣﺘﺎﺛﺮ ﻋﺒﺪﺍﻟﻤﺎﺟﺪ ﺩﺭﯾﺎ ﺑﺎﺩﯼ ﻣﻮﻻﻧﺎ ﻣﺤﻤﺪ ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ ﻭﻻﺩﺕ ﺁﭖ ﮐﮯ ﻭﺍﻟﺪ ﺷﯿﺦ ﻋﺒﺪﺍﻟﺤﻖ ﺍﯾﮏ ﻣﻘﺘﺪﺭ ﺭﺋﯿﺲ ﺻﺎﺣﺐ ﻧﻘﺪ ﻭﺟﺎﺋﯿﺪﺍﺩ ﺍﻭﺭ ﺍﯾﮏ ﮐﺸﺎﺩﮦ ﺩﺳﺖ ﺍﻧﺴﺎﻥ ﺗﮭﮯ۔ ﻓﺎﺭﺳﯽ ﻣﯿﮟ ﺍﻋﻠﯽ ﺍﺳﺘﻌﺪﺍﺩ ﮐﮯ ﻣﺎﻟﮏ ﺍﻭﺭ ﺑﮩﺖ ﺍﭼﮭﮯ ﺍﻧﺸﺎﺀ ﭘﺮﺩﺍﺯ ﺗﮭﮯ۔ﺍﯾﺴﮯ ﻋﺎﻟﯽ ﺧﺎﻧﺪﺍﻥ ﻣﯿﮟ ﺟﮩﺎﮞ ﺩﻭﻟﺖ ﻭﺣﺸﻤﺖ ﺍﻭﺭ ﺯﮨﺪ ﻭﺗﻘﻮﯼ ﺑﻐﻞ ﮔﯿﺮ ﮨﻮﺗﮯ ﺗﮭﮯ۔ 5 ﺭﺑﯿﻊ ﺍﻟﺜﺎﻧﯽ 1280 ﮪ ﺑﻤﻄﺎﺑﻖ 9 ﺳﺘﻤﺒﺮ ، 1863 ﺀ ﺗﺎﺭﯾﺦ ﻭﻻﺩﺕ ﮨﮯ۔ ﻭﺍﻟﺪ ﻧﮯ ﺁﭖ ﮐﯽ ﺗﺮﺑﯿﺖ ﺑﮍﮮ ﮨﯽ ﭘﯿﺎﺭ ﻭﻣﺤﺒﺖ ﺳﮯ ﮐﯽ۔ﺗﺮﺑﯿﺖ ﻣﯿﮟ ﺍﺱ ﺑﺎﺕ ﮐﻮ ﺧﺎﺹ ﺍﮨﻤﯿﺖ ﺩﯼ ﮐﮧ ﺑﺮﮮ ﺩﻭﺳﺘﻮﮞ ﺍﻭﺭ ﻏﻠﻂ ﻣﺠﺎﻟﺲ ﺳﮯ ﺁﭖ ﺩﻭﺭ ﺭﮨﮯ ۔ﺁﭖ ﮐﯽ ﻃﺒﯿﻌﺖ ﺧﻮﺩ ﺑﮭﯽ ﺍﯾﺴﯽ ﻭﺍﻗﻊ ﮨﻮﺋﯽ ﺗﮭﯽ ﮐﮧ ﮐﺒﮭﯽ ﺑﺎﺯﺍﺭﯼ ﻟﮍﮐﻮﮞ

कथित आंदोलनकर्मियों की सबसे पहली शर्त है कि "आंदोलनकारियों" पर कोई मुक़द्दमा दर्ज ना हो, क्या सरकार इस मुद्दे पर राज़ी है...?

देशभक्त बनने के 20 तरीक़े

Whatsapp Group Biharbroadcasting.com mein  Kamrul Islam k jariye  share kiye Gaye Msg se. देशभक्त बनने के 20 तरीक़े - ज़ोर-ज़ोर से बोलें, भारत माता की जय। - बीच-बीच में किसी लेखक या बुद्धिजीवी की पिटाई करते रहें। - किसी किताब या कलाकृति में आपकी नजर में कुछ राष्ट्रविरोधी हो तो फौरन उसका विरोध करें, उसे जला दें या तोड़फोड़ दें। - कोई अगर कहे कि देश अपने नागरिकों के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है तो उसे माओवादी बता दें। - अगर कोई मजदूरों और किसानों की बात उठाए तो उसे विकास विरोधी क़रार दें। - आरक्षण का सवाल उठे तो योग्यता की बात करें। दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को बीच-बीच में उनकी औकात बताते रहें। - सुबह पार्क जाकर ज़ोर-ज़ोर से हंसे, योग करें, बाबा की मैगी खाएं, उनके बताए मुताबिक सांस लें और छोड़ें। - पाकिस्तान को बार-बार गालियां दें। - क्रिकेट मैच में भारतीय टीम का झंडा लेकर घूमें, गाल पर तिरंगा छपवा लें। - लोकतंत्र को कोसते हुए बताएं कि सारी गड़बड़ियां वोट की राजनीति से है। - नेहरू को गालियां दें और बताएं कि पटेल यह देश अच्छे से चला सकते थे। - गांधी को महा

بدعتیوں کے نام ایک غیر مسلم شاعر کا پیغام

بدعتیوں کے نام ایک غیر مسلم شاعر کا پیغام ایک  ہی  پربھو  کی  پوجا  ہم  اگر کرتے  نہیں ایک ہی در پر مگر  سر آپ  بھی  دھرتے  نہیں اپنی   سجد ہ گاہ  دیوی  کا  اگر  استھان  ہے آپ کے سجدوں کا مرکز  قبر جو  بے جان  ہے اپنے معبودوں کی  گنتی  ہم  اگر رکھتے نہیں آپ کے مشکل کشاؤں کو بھی گن سکتے نہیں ’’جتنے  کنکر  اتنے  شنکر‘‘ یہ اگر مشہور ہے ساری  درگاہوں  پہ سجدہ  آپ  کا  دستور  ہے اپنے  دیوی   دیوتاؤں   کو    اگر   ہے   اختیار آپ  کے  ولیوں  کی  طاقت  کا نہیں  حدوشمار وقتِ مشکل  ہے  اگر  نعرہ  مرا  ’ بجرنگ بلی آپ  بھی  وقتِ ضرورت  نعرہ  زن  ہیں  ’یاعلی‘ لیتا  ہے  اوتار   پربھو   جبکہ  اپنے  دیس  میں آپ کہتے ہیں ’’خدا ہے مصطفٰے کے بھیس میں‘‘ جس  طرح  ہم  ہیں  بجاتے  مندروں  میں گھنٹیاں تر بتوں  پر   آپ   کو    دیکھا   بجاتے ;   تالیاں ہم  بھجن  کرتے  ہیں  گا کر  دیوتا  کی  خوبیاں آپ  بھی  قبروں  پہ   گاتے   جھوم  کر  قوّالیاں ہم  چڑھاتے ہیں بتوں  پر دودھ  یا پانی کی دھار آپ  کو   دیکھا  چڑھاتے   مرغ   چادر ،   شاندار بت  کی  پوجا  ہم  کریں،  ہم  کو  ملے’’نارِ

कन्हैया पर हमला असल जंगल राज मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठाकर अपनी नकामयों पर प्रदा डालना चाहती है ( नीतीश कुमार )

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कन्हैया पर हमला असल जंगल राज मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठाकर अपनी नकामयों पर प्रदा डालना चाहती है ( नीतीश कुमार ) पटना , 20 फ़रवरी 2016 ( शीश अहमद , उर्दू दैनिक पिन्दार , पटना ) वजीरे आला नीतीश कुमार ने पटियाला हाउस कॉर्ट में #JNU स्टूडेंट्स यूनियन के सदर कन्हैया कुमार पर हमले को असल जंगल राज क़रार दिया है । जुमा को रियासती काबीना की मीटिंग में जराए अब्लाग के नुमाइंदों से बात चीत करते हुए वजीरे आला ने कहा कि कुछ लोग बिहार में जंगल राज होने का दावा करते हैं , पटियाला हाउस में पुलिस की मौजूदगी में हमला होना असल में जंगल राज है ।। उन्होंने कहा कि वजीरे आज़म नरेंदर मोदी मुल्क के अवाम को बताएं की उनकी नज़र में गद्दारी की तारीफ क्या है ........ ? अगर किसी पर गद्दारी का इलज़ाम लगाया जाता है तो उसका सबूत भी देना होगा , क्योंकि वह लोग जो भी बोलते हैं , अगले दिन ही झूठ साबित हो जाता है ।। उन्होंने इल्जाम लगाया के मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठा कर अपनी नाकामियों पर प्रदा डाल रही है ।।आर्थिक मोर्चे पर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ही मोदी हुकूमत , बीजेपी  और आर एस एस ने जवाहर लाल नेहरू यू

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया ।

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया । कन्हैया द्वारा लगाए गए नारो में एक नारा संघवाद से आज़ादी भी था जो न तो विधार्थी परिषद के गले से उतर सकता है और न ही भाजपा के गले उतरा होगा । रही सही कसर भाजपा और सरकार के चापलूस कुछ मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी । एक चैनल से वीडियो के पूरे अंश भी नहीं दिखाए और फैसला भी दे दिया कि ये सीधा सीधा देशद्रोह का मामला है । इस चैनल का एंकर चटकारे ले लेकर जेएनयू की खबर को मनगढ़ंत तरीके से गलत दिशा में धकेल दिया । इतना ही नही चैनल ने ऐसे फैसला सुना दिया जैसे देश की सबसे बड़ी कोर्ट इसी चैनल पर लगती हो और ये एंकर उस कोर्ट के सबसे बड़े जज हैं । ऐसे चैनलों ने इस मामले में न सिर्फ जेएनयू की साख को बट्टा लगाया बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा कर

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया ।

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया । कन्हैया द्वारा लगाए गए नारो में एक नारा संघवाद से आज़ादी भी था जो न तो विधार्थी परिषद के गले से उतर सकता है और न ही भाजपा के गले उतरा होगा । रही सही कसर भाजपा और सरकार के चापलूस कुछ मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी । एक चैनल से वीडियो के पूरे अंश भी नहीं दिखाए और फैसला भी दे दिया कि ये सीधा सीधा देशद्रोह का मामला है । इस चैनल का एंकर चटकारे ले लेकर जेएनयू की खबर को मनगढ़ंत तरीके से गलत दिशा में धकेल दिया । इतना ही नही चैनल ने ऐसे फैसला सुना दिया जैसे देश की सबसे बड़ी कोर्ट इसी चैनल पर लगती हो और ये एंकर उस कोर्ट के सबसे बड़े जज हैं । ऐसे चैनलों ने इस मामले में न सिर्फ जेएनयू की साख को बट्टा लगाया बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा कर

देश की जनता से 20 सवाल. 1-क्या मोदी जी के आने के बाद से देश में रोजगार बढ़ा है ? 2-नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है या भाजपा के ? क्यूंकि एक प्रधानमंत्री को निष्पक्ष होना चाहिए क्या वो निष्पक्ष है बिहार चुनाव हो या असम चुनाव उनके भाषण को देख के लगता है आप को ?

सिमरन प्रजापति के फेसबुक वॉल से देश की जनता से 20 सवाल. 1-क्या मोदी जी के आने के बाद से देश में रोजगार बढ़ा है ? 2-नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है या भाजपा के ? क्यूंकि एक प्रधानमंत्री को निष्पक्ष होना चाहिए क्या वो निष्पक्ष है बिहार चुनाव हो या असम चुनाव उनके भाषण को देख के लगता है आप को ? 3-क्या आरएसएस जैसे कट्टर धार्मिक संघटन देश के लिए सही है ,क्या हम आईएसआईएस की राह पर नहीं चल रहे ? 4-मोदी सरकार आने के बाद से देश में महंगाई काफी बढ़ गई है रेल किराया फिर बढ़ाया जा रहा है लेकिन विपक्ष विरोध क्यों नहीं कर रहा ? 5-पाकिस्तान को अमेरीका ने फाइटर प्लेन दिए और भारत के विरोध करने पर भारत को तोप दिए क्या यह दोनों देशो को गलत नहीं लगता। 6-विकास दर क्यों निचे गिर रहा है ? 7-जेएनयू कांड से पहले हर दिन दिल्ली हाई अलर्ट पर रहती थी लेकिन काण्ड के बाद शांत ? क्या जेएनयू के कुछ कश्मीरी आतंकी को पकड़ने के बाद देश सुरक्षित है ? 8-मोदी सरकार गरीब किसानो के लिए क्या कार्य कर रही है ,सरकार ने अभी तक प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कितने लोगो

भारतीय भ्रष्ट मीडिया की पोल खोलती , जुबैर अहमद की लेख , भारतीय मीडिया कितना निष्पक्ष है? है पढ़ना न भूलें

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भारतीय मीडिया कितना निष्पक्ष है? ज़ुबैर अहमद बीबीसी संवाददाता, दिल्ली 16 फरवरी 2016 साझा कीजिए Image copyrightAP दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों की पिटाई से मुझे मुंबई का एक किस्सा याद आया. कई साल पहले उस समय के मुंबई पुलिस कमिशनर आरएस शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जिसमें उन्होंने दावा किया कि एक युवक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है. पुलिस की स्टोरी में कई खामियां थीं, उसके बावजूद वहां के स्थानीय पत्रकार खामोश रहे. Image copyrightAFP मैंने जब सवाल करना शुरू किया तो कमिशनर शर्मा और उनके साथी सत्यपाल सिंह (इन दिनों वो बीजेपी के सांसद हैं) मुझ पर भड़क गए और अपने दफ़्तर से मुझे निकल जाने का आदेश दिया. मैंने कहा 'मुझे यहाँ बुलाया गया है और मेरे सवालों का जवाब आपको देना चाहिए.' Image copyrightAFP बाद में कई पत्रकारों ने मुझ से पूछा कि क्या मेरी शर्मा जी से कोई लड़ाई है? मैंने कहा मैं उनसे पहली बार मिल रहा हूँ. मैंने आगे कहा कि 'जो सवाल आप जैसे स्थानीय पत्रकारों को करना चाहिए था वो मैंने किया. आप से चुनौती नहीं मिलती है, वो चुभते सवालों के आदि नहीं हैं, इ

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी

N.a. Saadiq shared Politics in India's photo to the group: Overseas Indian Forum (OIF) - प्रवासी भारतीय फोरम. JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. Politics in India JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. “Afzal Guru event was not anti-social activity.”Why did JNU find itself at centre of controversy? -------------------------------------- वायरल हुआ यह VIDEO: ABVP पर लगे JNU में षड्यंत्र के आरोप http://www.tahlkanews.com/archives/41895 JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर व

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी

N.a. Saadiq shared Politics in India's photo to the group: Overseas Indian Forum (OIF) - प्रवासी भारतीय फोरम. JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. Politics in India JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. “Afzal Guru event was not anti-social activity.”Why did JNU find itself at centre of controversy? -------------------------------------- वायरल हुआ यह VIDEO: ABVP पर लगे JNU में षड्यंत्र के आरोप http://www.tahlkanews.com/archives/41895 JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर व