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असम के 'एनआरसी' के बारे में कितना जानते हैं आप?

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Accessibility links सामग्री को स्किप करें Accessibility Help सूची खोजें News हिंदी BBC News हिंदी Navigation सेक्शन प्रियंका दुबे बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए असम में 31 अगस्त को प्रकाशित होने वाले नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़ंस यानी एनआरसी लिस्ट पर पूरे देश की निगाहें टिकीं हुईं हैं. राज्य के तक़रीबन 41 लाख लोग फ़िलहाल अधर में लटकी अपनी नगरिकता का भविष्य जानने के लिए इस लिस्ट के इंतज़ार में हैं. लेकिन आख़िर ये एनआरसी लिस्ट है क्या? आसान भाषा में हम एनआरसी को असम में रह रहे भारतीय नागरिकों की एक लिस्ट के तौर पर समझ सकते हैं. ये प्रक्रिया दरअसल राज्य में अवैध तरीक़े से घुस आए तथाकथित बंगलादेशियों के ख़िलाफ़ असम में हुए छह साल लंबे जनांदोलन का नतीजा है. null आपको ये भी रोचक लगेगा सियासी मामलों की जांच में CBI माकूल नहीं: जस्टिस गोगोई सऊदी अरब: महिलाएँ बिना रोक-टोक करेंगी विदेश यात्रा बेरोज़गार य

नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक ग़लती कीः इमरान ख़ान

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है. इमरान ख़ान कश्मीर मामले पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. उनके संबोधन की मुख्य बातें-: भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है जो भारत को हिंदुओं का देश बनाना चाहता है. नरेंद्र मोदी की ग़लती की वजह से कश्मीर के लोगों को आज़ादी का एक बड़ा मौक़ा मिल गया है. भारत के इस क़दम की वजह से कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया. सवा अरब मुसलमान संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहे हैं कि वो कश्मीर की मदद करते हैं कि नहीं. null आपको ये भी रोचक लगेगा कश्मीर पर दुनिया इसलिए नहीं सुनती पाकिस्तान की बात... कश्मीर पाकिस्तान को देने को राज़ी थे सरदार पटेल? कश्मीर पर इस्लामिक देश क्या करेंगे? पाकिस्तानी मंत्री का जवाब कश्मीर पर नेहरू को विलेन बनाना कितना सही null. अगर