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भारत में कोरोना से हुई मौतों का सही आँकड़ा मिलना क्यों मुश्किल

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फ़ैसल मोहम्मद अली बीबीसी संवाददाता   30 मई 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Email   इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   इस पोस्ट को शेयर करें Whatsapp Image copyright NOAH SEELAM/AFP VIA GETTY IMAGES इस समय भारत में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की तादाद एक लाख 73 हज़ार से ज़्यादा है जबकि कुल मौतों का आंकड़ा 4900 पार कर चुका है. कुल मौतों की तादाद को लेकर संशय है जिसकी कई वजहें हैं. शहरी इलाक़ों में तो ख़ैर फिर भी श्मशान, क़ब्रिस्तान वग़ैरह से मौतों के आंकड़ों को जमा किया जा सकता है लेकिन गांवों के मामलों में ये आसान नहीं. अभी तक बहुत सारे लोग खुली जगहों पर और कई बार तो अपनी ज़मीनों में ही अंतिम क्रियाकर्म कर देते हैं. आम दिनों में भारत में महज़ 22 प्रतिशत मौतों का रजिस्ट्रेशन हो पाता है. जो मृत्यु गांवों या घरों में होती है उनमें अधिकतर में मेडिकल-सर्टिफिकेट मौजूद नहीं होता जिसकी ग़ैर-मौजूदगी में ये पता चलाना बहुत मुश्किल है कि मौत की वजह क्या थी? मसलन, दिल का दौरा, मलेरिया या कुछ और? उन्हीं मौतों को कोरोना से हुई मौत के तौर पर गिन

अनलॉक 1: एक जून से क्या-क्या खुलने जा रहा है, क्या क्या बंद रहेगा

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट EPA केंद्र सरकार ने लॉकडाउन पांच यानी एक जून से लेकर 30 जून तक के लिए गाइडलाइंस जारी कर दिए हैं. इसे लॉकडाउन 5 के बदले अनलॉक 1 कहा जा रहा है. इसके तहत सभी गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. हालांकि रात नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक सभी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी. इन गतिविधियों को कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर ही खोला जाएगा. पहले चरण में आठ जून के बाद से धर्मस्थलों, होटलों, रेस्त्राओं, शॉपिंग मॉल को खोलने की अनुमति दे दी जाएगी. इसके लिए सरकार अलग से दिशानिर्देश जारी करेगी. दूसरे चरण में स्कूलों, कॉलेजों, शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाओं को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से विमर्श के बाद जुलाई महीने में खोलने की अनुमति दी जाएगी. null और ये भी पढ़ें आज से लॉकडाउन-4 शुरू, क्या खुला रहेगा और क्या बंद? कोरोना वायरस: दिल्ली में बसें और मेट्रो खुलीं तो क्या होंगी चुनौतियां लॉकडाउन-3 म

उनकी नज़रों से मुहब्बत का जो पैगाम मिला .......दिल ये समझा कि छलकता हुआ एक जाम मिला

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सरकार के झूठ का पर्दाफाश ?

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Unlock 1 गाइडलाइंस , कब क्या खुलेगा ?

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अमरीका: जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद काले-गोरे पर सियासत गर्म

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विनीत खरे बीबीसी संवाददाता, वॉशिंगटन से इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट JUSTIN SULLIVAN/GETTY IMAGES अमरीका के मिनेपॉलिस शहर समेत कई जगहों पर सड़कों पर लोगों का गुस्सा दिख रहा है. लोगों की नाराज़गी एक वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद सामने आई है जिसमें एक गोरा पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ़्लॉयड नाम के एक निहत्थे काले व्यक्ति की गर्दन पर घुटना टेककर उसे दबाता दिखता है. इसके कुछ ही मिनटों बाद 46 साल के जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई. वीडियो में देखा जा सकता है कि जॉर्ज और उनके आसपास खड़े लोग पुलिस अधिकारी से उन्हें छोड़ने की मिन्नतें कर रहे हैं. पुलिस अधिकारी के घुटने के नीचे दबे जॉर्ज बार-बार कह रहे हैं कि "प्लीज़, आई कान्ट ब्रीद (मैं सांस नहीं ले पा रहा)". यहीउनके आख़िरी शब्द बन गए. इस घटना की जांच जारी है हालांकि मामले के बारे में पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. जॉर्ज की गर्दन पर घुटना रखने वाले पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर