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मॉनसून सत्र: ना विपक्ष, ना लोकतांत्रिक बहस और संसद में पास हो गए विवादित बिल

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  कीर्ति दुबे बीबीसी संवाददाता 24 सितंबर 2020 इमेज स्रोत, GETTY IMAGES/HINDUSTAN TIMES बुधवार को संसद के मॉनसून सत्र का आख़िरी दिन था. एक अक्टूबर को ख़त्म होने वाले इस सत्र को तय वक़्त से आठ दिन पहले ही ख़त्म कर दिया गया. 10 दिनों तक चले इस सत्र में लोकसभा में 25 विधेयक पारित किए गए और 16 नए विधेयक पेश किए गए. वहीं राज्यसभा में भी 25 विधेयक पारित हुए और छह नए विधेयक पेश हुए. कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ये सत्र कई तरह से ऐतिहासिक रहा. पहली बार सांसदों ने रात भर संसद परिसर के अंदर धरना दिया. सत्र से पहले सांसदों की कोरोना जाँच हुई, सदन ने शनिवार और रविवार को भी काम किया. इस सत्र में ज़बरदस्त हंगामा भी हुआ, विरोध प्रदर्शन भी हुआ और सांसदों का निलंबन भी हुआ. सोमवार को जब राज्यसभा के सभापति वैंकैया नायडु ने आठ राज्यसभा सांसदों को निलंबित किया तो विपक्ष ने सदन का बायकॉट किया. विपक्ष की ग़ैर-मौजूदगी के बीच मंगलवार-बुधवार को राज्यसभा में सात बिल बिना लोकतात्रिंक बहस के ही पास हो गए. इनमें लेबर कोड और एफ़सीआरए यानी फ़ॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) अमेंडमेंट जैसे विवादित बिल भी पास किए गए. राज

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शोपियाँ एनकाउंटर : सुरक्षाबलों ने तोड़े नियम

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  शोपियाँ एनकाउंटर: भारतीय सेना ने कहा, सुरक्षाबलों ने 'अपनी हदें पार कीं' 19 सितंबर 2020, 02:23 IST अपडेटेड 2 घंटे पहले इमेज स्रोत, TAUSEEF MUSTAFA इमेज कैप्शन, सांकेतिक तस्वीर भारत प्रशासित कश्मीर के शोपियाँ ज़िले में हुए एक एनकाउंटर के मामले में भारतीय सुरक्षाबलों ने अपनी ताकतों से 'आगे बढ़कर' कार्रवाई की थी. भारतीय सेना ने इस मामले की जाँच की है और पाया है कि 'पहली नज़र' के सबूतों से ऐसा लगता है कि सुरक्षाबलों ने आर्म्ड फ़ोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) के अधिकारों की सीमा रेखा पार की. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में आर्मी एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है. इस साल जुलाई में हुए इस एनकाउंटर में तीन युवकों की मौत हो गई थी. विज्ञापन सुरक्षाबलों ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिणी कश्मीर में शोपियाँ ज़िले के अम्शीपुरा गाँव में हुए एनकाउंटर में तीन चरमपंथी मारे गए थे. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें कश्मीर में लगातार हुई मुठभेड़ और मुहर्रम के जुलूस पर बल प्रयोग की कहानी कोरोन