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#FarmersProtest : पानी की बौछार और आँसू गैस के गोले झेलते किसान, सवाल पूछती तस्वीरें

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  26 नवंबर 2020 अपडेटेड 27 नवंबर 2020 केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने गुरुवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था. इमेज कैप्शन, पंजाब से शुरू हुए इस मार्च को हरियाणा राज्य की सीमा पर रोक दिया गया. इमेज कैप्शन, इस मार्च को रोके जाने के बाद यह हिंसक हो गया. इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, इस दौरान पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को उठाकर नदी में फेंक दिया. इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, जींद-पटियाला हाइवे पर दो सरकारी और एक निजी वाहन में तोड़फोड़ करने की भी ख़बरें हैं. इमेज कैप्शन, पंजाब और हरियाणा से किसान अलग-अलग वाहनों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच कर रहे हैं. इमेज कैप्शन, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है. इमेज कैप्शन, पुलिस ने जगह-जगह चेतावनी के पोस्टर भी लगाए हैं. इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, गुरुवार को दिन में पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक पुल पर प्रशासन का किसानों को रोकने के लिए ज़बरद

Cancer से बचाएगी रोज ब्रश करने की आदत ।।

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दिल के लिए फायदेमंद है सॉना बाथ ।। 30 साल में दुनिया की आधी आबादी हो जाएगी मोटी  लंबे कोरोना संक्रमण से गिर सकते हैं दांत ।।    

चीनी वैज्ञानिकों का दावा, भारत से दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस-प्रेस रिव्यू

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  28 नवंबर 2020, 10:09 IST इमेज स्रोत, SAJJAD HUSSAIN इमेज कैप्शन, सांकेतिक तस्वीर चीनी वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि कोरोना वायरस पहली बार भारत से होकर दुनिया भर में फैला. नवभारत टाइम्स  ने यह  ख़बर  ब्रितानी अख़बार  डेली मेल  के हवाले से छापी है. ख़बर के मुताबिक़ चीनी ऐकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ के वैज्ञानिकों की एक टीम का कहना है कि कोरोना वायरस संभवत: साल 2019 की गर्मियों में भारत में पैदा हुआ था. चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस जानवरों से होकर गंदे पानी के ज़रिए इंसानों में पहुँच गया. इसके बाद यह भारत से चीन के वुहान पहुँचा, जहाँ इसकी पहचान हुई. चीनी वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि भारत की "लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और युवा आबादी के कारण कोरोना वायरस कई महीनों तक बिना पकड़ में आए लोगों को संक्रमित करता रहा." हालाँकि दूसरे देशों के वैज्ञानिकों ने चीनी वैज्ञानिकों के इस दावे को ग़लत बताया है. ब्रिटेन की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ डेविड रॉबर्ट्सन ने कहा है कि चीनी वैज्ञानिकों का शोध त्रुटिपूर्ण है और यह कोरोना वायरस के बारे में जानकारी में कोई इज़ाफ़ा नहीं