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ट्रेक्टर परेड के बाद से 100 से भी ज्यादा लोग लापता ? आखिर किसने गायब कराया इतने लोगों को ?

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  दावे के मुताबिक़, लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए कमेटी का गठन BBC Copyright: BBC केंद्र सरकार के कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. गाज़ीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है लेकिन किसानों की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि वे किसी भी दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेंगे. प्रदर्शन में शामिल संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस के बाद से 100 से अधिक किसानों के लापता होने का दावा किया है और इसे लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि ग़ायब हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है और इसी के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी. लापता लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है. प्रेम सिंह भांगू, राजिंदर सिंह, दीप सिंह वाला, अवतार सिंह, किरनजीत सिंह शेखों और बलजीत सिंह इस कमेटी में शामिल हैं. लापता लोगों के संदर्भ में जानकारी के लिए एक नंबर भी जारी किया गया है. यह नंबर 8198022033 है. सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्रकार मनद

पाकिस्तान: पूर्व ISI चीफ़ पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

  बीते 70 सालों से पाकिस्तान में नेताओं पर देशद्रोह या भारतीय एजेंट होने के आरोप लगते रहे हैं. कई बड़े नेता इस इल्ज़ाम से बच नहीं पाए. लेकिन देश की रक्षा की ज़िम्मेदार सबसे अहम संस्था आईएसआई के किसी प्रमुख पर भारत से सांठगांठ के आरोप लगना चौंकाने वाला है. इस पूरे मामले पर देखिए कराची से वरिष्ठ पत्रकार वुसअतुल्लाह ख़ान की टिप्पणी. वीडियो एडिटिंग: रुबाइयत बिस्वास

इन दोनों में सही बात कौन कर रहा ?

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Details k liye Niche k link par click karen  https://www.facebook.com/Diluar123/videos/4931507053591070/

#GenericMedicine kya hai aur Iski pahchan kya hai ?

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#SardarVallabhbhaiPatel को छोड़कर गांधी ने नेहरू को अंतरिम प्रधानमंत्री क्यों बनवाया?

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  दयाशंकर शुक्ल सागर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक, बीबीसी हिंदी के लिए 31 अक्टूबर 2020 इमेज स्रोत, UNIVERSAL HISTORY ARCHIVE महात्मा गांधी अगर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में हस्तक्षेप न करते तो सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्र पहली भारतीय सरकार के अंतरिम प्रधानमंत्री होते. जिस समय आज़ादी मिली, पटेल 71 साल के थे जबकि नेहरू सिर्फ 56 साल के. देश उस वक्त बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा था. जिन्ना पाकिस्तान की जिद पर अड़े थे. ब्रितानी हुकूमत ने कांग्रेस को अंतरिम सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. कांग्रेस चाहती थी कि देश की कमान पटेल के हाथों में दी जाए क्योंकि वे जिन्ना से बेहतर मोलभाव कर सकते थे, लेकिन गांधी ने नेहरू को चुना. राजेन्द्र प्रसाद जैसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने ज़रूर खुलकर कहा कि 'गांधीजी ने ग्लैमरस नेहरू के लिए अपने विश्वसनीय साथी का बलिदान कर दिया' लेकिन ज्यादातर कांग्रेसी ख़ामोश रहे. बापू ने देश की बागडोर सौंपने के लिए नेहरू को ही क्यों चुना? छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें पाकिस्तान के कराची में जब नफ़रत की आग में झुलसे हिन्दू और सिख सोनिया गांधी आख़िरकार कांग्रे