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पीएम आवास योजना: स्कीम या स्कैम?

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  8 सितंबर 2021 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लॉन्च की थी. मक़सद था देश के ग़रीब ग्रामीणों के सिर पर छत मुहैया करना. लेकिन बीबीसी हिंदी की पड़ताल में इस महत्वाकांक्षी योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के संकेत मिले हैं. सरकार को लगता है कि डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र से भ्रष्टाचार कम हुआ है, लेकिन बैंक खाते खोलने से लेकर घर बनाने की रकम हड़पने तक.कैसे हो रही है धांधली. कवर स्टोरी में इसी की चर्चा. ( बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप  यहां क्लिक  कर सकते हैं. आप हमें  फ़ेसबुक ,  ट्विटर ,  इंस्टाग्राम  और  यूट्यूब  पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद कैसे बदली पाँच महिलाओं की ज़िंदगी?

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  सुशीला सिंह बीबीसी संवाददाता 14 सितंबर 2021, 18:48 IST अपडेटेड 45 मिनट पहले इमेज कैप्शन, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद विरोध प्रदर्शन जारी हैं अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को क़ाबिज़ हुए एक महीना हो गया है. इस एक महीने में हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक अपनी मिट्टी से दूर जाने को मजबूर हुए, तो वहाँ बचे लोग तालिबान की नई सरकार के वादों के साथ जीने को मजबूर हैं. इन्हीं में शामिल हैं वो महिलाएँ, जो उन नए क़ायदे क़ानून और पाबंदियों के साथ जीना भी सीख रही हैं. इनमें घर की दहलीज़ लांघने से पहले ख़ुद को हिजाब से ढँकना और पति या किसी महरम (मर्द और औरत के बीच ऐसा संबंध जिसमें शादी जायज़ नहीं है जैसे माँ-बेटा, भाई-बहन, पिता-पुत्री वग़ैरह) के साथ ही बाहर निकलना शामिल है. ऐसे में इनकी आज़ादी और भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. अफ़ग़ानिस्तान: सिर्फ़ पुरुषों वाली तालिबान सरकार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन अफ़ग़ानिस्तान: मिनी स्कर्ट में बेफ़िक्र घूमने से लेकर बुर्क़े में क़ैद होने तक, ऐसे सिमटती गई औरतों की ज़िंदगी छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें तालिबान के डर से छिपी हुई हैं अफ़ग़ानिस्