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सऊदी अरब का यह रुख़ क्या भारत को परेशान करेगा

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रजनीश कुमार बीबीसी संवाददाता 30 मार्च 2023, 14:50 IST अपडेटेड एक घंटा पहले इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, सऊदी अरब के किंग सलमान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका ने 20 साल पहले जब इराक़ पर हमला किया था, तो वह पश्चिम एशिया में बड़ी ताक़त था. अब जब चीन ने सऊदी अरब और ईरान को दुश्मनी छोड़ राजनयिक संबंध बहाल करने पर राज़ी कराया, तो अमेरिका तमाशबीन रहा. कहा जा रहा है कि अब अमेरिका के दबदबे वाली विश्व व्यवस्था बदल रही है और वह इसे रोकने में ख़ुद को असमर्थ पा रहा है. आलम यह है कि अब अमेरिका की न केवल सऊदी अरब और ईरान नहीं सुन रहे हैं, बल्कि उसका परम मित्र इसराइल भी नहीं सुन रहा है. दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति और ख़ासकर सोवियत यूनियन के पतन के बाद पश्चिम एशिया में अमेरिका मुख्य ताक़त के रूप में रहा है. छोड़कर ये भी पढ़ें आगे बढ़ें ये भी पढ़ें अरब देशों का ये एजेंडा इसराइल की रणनीति को कर रहा है नाकाम ईरान, सऊदी अरब में बढ़ती नज़दीकियां, संबंधों में नई ताज़गी के संकेत भूटान के प्रधानमंत्री के चीन पर बयान से क्या भारत की बढ़ेगी टेंशन? ईरान-सऊदी के बीच समझौते करवाने के बाद शी जिनपि

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