आज़ाद भारत में में इंसाफ का दास्तान पढ़ना और शेयर करना न भूलें ......? एक गरीब घर बर्बाद हो गया , कंगाल हो गया पर नहीं मिल रही जमानत..... मगर उसी मामले में बाक़ी लोग आज़ाद .....? क्या है हमारे न्यायतंत्र का हाल ---? जानिए इस स्टोरी में आप ......


मामला जान कर शायद आप कहेंगे ऐसी नाइंसाफी तो गुलाम भारत में भी न हुआ होगा ....?
मामला पटना हाई कॉर्ट से जुड़ा है ।
मामले की चर्चा करने से पहले यहाँ बता देना उचित है कि मैं कोई क़ानून का जानकार नहीं लेकिन ..... ऊपर वाले ने इतना सलाहियत हर इंसान को दिया है कि गलत क्या है और सही क्या है ......?
अब आते हैं असल मुद्दे पर .......
पुर्बी चंपारण में एक जगह है बिजई जो घोड़ासहन प्रखंड के तहत आता है । उपरोक्त बिजई गाँव के असदुल्लाह साहब जो कि पेशे से शिक्षक हैं और अपने ही इलाके के किसी प्राथमिक विध्यालय में पदस्थापित हैं ।
असदुल्लाह साहब की अशिक्षित बेगम की बातों पे यकीन किया जाये तो उनके पति की गिरफ़्तारी कंफ्यूजन में हाफ दर्जन लोगों के साथ तक़रीबन 7-8 महीने पहले हो गई ।
जानकारी में कमी और कानूनी दावपेच से अनजान घरवालों के कारण जिस असदुल्लाह की जमानत मोतिहारी के सिविल कॉर्ट से ही हो जानी चाहिए थी वहां से न हो सकी ।
सूत्रों की मानें तो उनके साथ बहुत सारे लोगों को उसी मामले में मोतिहारी के निचली अदालत से ही मिल गई ।
उसी मामले में जिन चंद लोगों को मोतिहारी की निचली अदालत से जमानत न मिली थी पटना हाई कॉर्ट से ले लिए । लेकिन असदुल्लाह को जमानत आज तक नहीं मिली ।
असदुल्लाह की अनपढ़ और घरेलु पत्नी ने बात चीत करने पर सवाल उठाया है कि क्या हमारा पति हत्यारा है , डाकू है , अपहरण कर्ता है कि उसे आज तक जमानत नहीं मिली और बाकी हाफ दर्जन लोगों को उसी मामले में मिल गई ..... ? आखिर वह कौन सा क़ानून था और कौन सा इन्साफ की न्याय के एक ही चौखट पे जितने लोग उतने ही तरह की एक ही मामले में अलग - अलग बात .......?
जब पूछा गया कि आप के घर वाले ने आपके पति की जमानत के लिए क्या किया तो कहा की वकील को फी देते देते कंगाल हो गए । कौन दो पटना हाई कॉर्ट में एक ठो सबसे बड़का जज है , जउन वकील मुक़दमा के पैरवी करै है कहलईं कि उ बड़का जज हफ्ता एक ही दिन बुध के ही बइठल है ।
वकील से दो महीना से पूछते पूछते थक गेली है हमनी के , पूछे पर वकील साहब कह लइ कि अभी तक ले सबसे बड़का जज अभी तक नहीं बैठें है कि जमानत मिले ।
मामला क्या है अब तो पटना हाई कॉर्ट ही जाने कि एक ही मामले में सभी लोगों को जमानत सिविल कॉर्ट से लेकर पटना हाई कॉर्ट तक ने दे दी मगर एक असदुल्लाह पर देश का क़ानून इस क़दर भारी और कुरुर हो गया है कि जमानत तक देने के मूड में नहीं वह भी उस देश में जहाँ दर्जनों मामलों और जघन अपराधियों को एक झटके में जमानत दे देती है । वह चुनाव भी लड़ता है जीत भी जाता है मंत्री भी बनता है उसे लोग सलामी भी ठोकते हैं । किसी सीसी को वाई श्रेणी का सुरक्षा तक मिल जाता है । मगर एक असदुल्लाह के लिए देश का क़ानून --------?
जब असदुल्लाह की अनपढ़ और घरेलु पत्नी से पूछा गया कि आपके हस्बैंड का कसूर क्या है कुछ पता है ------?
तब उसने कहा कि गाँव के एक आदमी से जमीन का झगड़ा चल रहा था । पति को टीचर होने के कारण छुट्टी नहीं मिल रही थी । एक रोज अंचल ऑफिस के कर्मचारी से बात की तो सन्डे को बुलाया चले गए । वहां ऑफिस में बैठ कर कर्मचारी से मिलकर कागज की तलाशी कर रहे थे इसी बीच पुलिस की छापेमारी हो गई । पहले से ऑफिस में कर्मचारी के साथ बैठे लोगों के साथ हमारे पति को भी पुलिस ले गई ।पति अपनी बेगुनाह होने की बात करते रहे , गिर्गिराते रहे मगर पुलिस ने एक न सुनी तब से आज तक ...........
घर के इकलौते कमाऊ पति के जेल में 7-8 महीने से रहने के कारण उनकी पत्नी और घर की हालत क्या हो गई होगी .....समझा जा सकता है ।
जब भी बुध का दिन आता है पटना हाई कॉर्ट के बड़े जज साहब के बैठने की उम्मीद और जमानत की उम्मीद लिए न जाने और कितने माह बीतेंगे .........
‪#‎justice‬ , ‪#‎patnaHighCourt‬

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