दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को देखकर यह साफ लग रहा है कि जांच एकतरफा है :दिल्ली हाईकोर्ट


    
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नई दिल्ली :दिल्ली का हिंसा (delhi violence) किसे याद नहीं ,पूरी दुनिया इसे जानती है के 24 फरवरी को क्या हुआ था , दिल्ली के सांप्रदायिक हिंसा (delhi-violence) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली को घेर लिया था। जिसमें तीन दिनों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे। जिनमें से अधिकांश मुस्लिम थे। ठीक एक महीने बाद, कोरोनावायरस (coronavirus) के चलते देशभर में लॉक डाउन लगा दिया गया है लोगों के ज़िन्दगी की रफ़्तार थम सी गई है लेकिन हिंसा में दिल्ली पुलिस की जांच नहीं रुकी है ।
लेकिन पिछले दिनों दिल्ली पुलिस (Delhi police )की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए पीपुल्स यूनियन फ़ॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (PUDR) ने कहा था दिल्ली पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है ।अब जांच पर सवाल उठाते हुए अदालत  (high-court)ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि केस डायरी देखने से यह  एकतरफा लगती है। अदालत ने इसके मद्देनजर संबंधित पुलिस उपायुक्त को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिंसा मामले में आरोपी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा के केस की सुनवाई करते हुए पुलिस की जांच पर यह सवाल खड़े किए। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी यह भी नहीं बता सका कि अब तक केस में दूसरे पक्ष के संबंध में क्या जांच हुई है।
अदालत में अर्जी दायर कर दिल्ली पुलिस ने तन्हा की न्यायिक हिरासत 30 दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। पुलिस ने तन्हा पर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया है। अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए तन्हा की न्यायिक हिरासत 30 दिनों के लिए बढ़ा दी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस कार्रवाई को देखकर यह साफ लग रहा है कि जांच एकतरफा है। कोर्ट ने केस डायरी देखकर इंस्पेक्टर लोकेश और अनिल से पूछा कि मामले में अब तक क्या जांच की गई, तो वे कुछ भी संतोषजनक नहीं बता सके। इसके बाद अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को निर्र्देश दिया कि वह जांच की निगरानी करें ताकि निष्पक्ष जांच हो।
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