एस डी ओ साहेब को कानून की परवाह नहीं?.डी डी सी मोतिहारी ने दिए जाँच के आदेश

4/1/2013 को जब एस डी ओ बारा चकिया से जब पूछा गया के 20 दिन बीत जाने के बावजूद आगे की कार्रवाई हेतु सम्बंधित अधिकारी के पास नहीं पहुँच पाना कानूनन कितना बिहार के पूर्बी चंपारण के बारा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक  ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को  एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया  में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता किया तो बताया के अब तक उक्त  आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेतु भेज देते हैं,लेकिन जब उनसे 20 दिन बीत जाने के बाद भी एस  डी  ओ  कार्यालय से अबतक न आना कानून के हिसाब पूछा के कितना उचित है? ,तब बी डीओ ने कहा के जानते नहीं हैं एस डीओ ऑफीस के कर्मचारी कुछ लेन देने के लिए रोके रहता है ,लेकिन  दिनांक उचित है ?तो एस डी साहब ने कहा के कानून हमको मत समझाइये ,जब कहा गया के आप खुद सोंचे 20 दिन तक आवेदन को रोके रखना आपको नहीं लगता के गलत है ?,तब उन्हों ने कहा के बिलकुल उचित है यानी जब तक जितने दिनों तक चाहेंगे जनता का आवेदन रोक के एस डी साहब अपने पास रखेंगे ,शायद लगता है एस  डी ओ  साहेब को कानून की परवाह नहीं।पूर्बी चंपारण के डी डी सी को जब दिनांक 8/1/2013 को पुरे मामले से औगत कराते हुए उनका मंतव लिया गया तो उन्हों ने इस इस पुरे प्रकरण की जांच कर करवाई करने की बात की ......

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