भारत सरकार के उपक्रम भारी उद्योग " इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड " कोटा के प्रबंधकों के भृष्ट आचरण के कारण तालाबंदी पर आमादा प्रयासों पर अविलम्ब विराम लगाने हेतु विनम्र आग्रह।

Chandra Prakash Shringi
‎Open Letter To Chief Justice of India (भा.के मु.न्यायाधीश के नाम खुला पत्र)

प्रतिष्ठा में -
माननीय टी एस ठाकुर साहिब ,
मुख्य न्यायाधीपति महोदय ,
सर्वोच्च न्यायालय , नई दिल्ली।
विषय : भारत सरकार के उपक्रम भारी उद्योग " इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड " कोटा के प्रबंधकों के भृष्ट आचरण के कारण तालाबंदी पर आमादा प्रयासों पर अविलम्ब विराम लगाने हेतु विनम्र आग्रह।
मान्यवर ,
कोटा ( राजस्थान ) स्थित भारत सरकार के उपक्रम भारी उद्योग " इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड " बाबत निम्न निवेदन है -
1 . इस उद्योग में आम जन के अरबों रु के राजस्व और खून पसीने की कमाई लगी है , जो भृष्ट कुप्रबंधन के कारण तालाबंदी का शिकार होने जा रहा है।
2 . इंस्ट्रूमेंटेशन लि. लाभदायी उपक्रम रहा है जो भारत के रक्षा , दूरसंचार , ऊर्जा , इस्पात , रेलवे , सूचना प्रौद्योगिकी ,पेट्रोकेमिकल उद्योगों के लिए आधुनिकतम तकनीक से विभिन्न उपकरण तैयार कर स्थापित करता है। कंट्रोल वाल्व और यू पी एस भी इसके प्रतिष्ठित उत्पाद हैं।
3 . देश की प्रगति से जुड़े इन क्षेत्रों के कलपुर्जों और इलेक्ट्रॉनिक चिप ख़राब होने की स्थिति में अपाहिज उद्योग महँगी विदेशी मुद्रा आधारित आयातित आपूर्ती पर बेबस हो निर्भर हो जाएंगे और रक्षा जैसे उत्पादों की तकनीक की गोपनीयता भी भंग होने का खतरा बना रहेगा।
4 . संक्षेप में " इंस्ट्रूमेंटेशन लि. के बंद होने का तात्पर्य राष्ट्रीय क्षति " होगी।
5 . इस भारी उद्योग की तालाबंदी के कारण सैकड़ों कर्मचारी तो बेरोजगार होंगे ही , उद्योग में लगा अरबों का जनधन राजस्व कबाड़ हो जाएगा। समय की बलिहारी से शहर के बीचों बीच आई उद्योग की अरबों की बहुमूल्य भूमि पर भूमाफियाओं की कुदृष्टि और भृष्ट प्रबंधन अपने कुकृत्यों को सदा के लिए दफ़न करने के लिए इस लाभकारी और शक्तिशाली भारत की समृद्धि में रीढ़ की हड्डी बने उद्योग पर जितना जल्द हो सके तालाबंदी की तलवार लटकाने पर आमादा है। प्रबंधन के कुकृत्यों की सी बी आई जाँच भी लंबित है।
6 . दि . 17 -5 -2016 को केंद्रीय भारी उद्योग विभाग एवं स्थानीय आई एल प्रबंधन की बैठक में उपसचिव श्री विश्व्जीत सहाय ने इस उद्योग को पलक्कड़ (केरल) शाखा में निहित करने , लेनदारी सुनिश्चित करने , व्याधियों से उभारने के लिए एकजुट सार्थक प्रयास करने के निर्देश जारी किये थे।
7 . दि . 6 जून 2016 को आई एल कोटा के स्थानीय प्रबंधन की बैठक में बदनियतीपूर्वक उपाय तलाशने के बजाय विषय ही " कोटा यूनिट को बंद करना " रखकर उद्योग बंद करने के लिए समयबद्ध जिम्मेदारियां दे दी गई, जो प्रबंधन की नियत स्पष्ट करती है। सी एम डी ने अपने अधिकारीयों को जानकारी दी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल 4 जुलाई को तालाबंदी की सिफारिश प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज भी चुका है। घाटे में तो बी एस एन एल , एयर इण्डिया , विद्युत कम्पनिया , पेट्रोकेमिकल कम्पनियां , शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी है , क्या सरकार इन्हें बंद कर देगी ? घाटे के कारणों की जाँच की जाकर सुधार किये जाने चाहिए।
8 . प्रबंधन का कुछ बिगड़ने वाला नहीं - समस्त लाभ ले भागेंगे और राष्ट्रीय संपत्ति की बलि चढाकर, अपने भृष्ट कुकृत्यों को तालाबंदी के तले सदा के लिए दफ़न कर जायेंगे।
9 .आपसे विनम्र आग्रह है कि घाटे की न्यायिक देखरेख में जाँच करवाएं , राष्ट्रीय धरोहर को तालाबंदी से बचाएँ , दोषियों को उचित दण्ड देने की कृपा करें।
10 . इंस्ट्रूमेंटेशन लि. की तालाबंदी किसी भी क्षण संभव है। विस्तृत जानकारी विलम्ब से प्राप्त होने , न्यायिक प्रणाली में संभावित विलम्ब , धनाभाव के कारण एक आम आदमी ने त्वरित कार्यवाही की अपेक्षा से सीधे सर्वोच्च न्यायालय से याचना की है। कृपया पत्र को जनहित याचिका के रूप में मान्यता प्रदान कर , राष्ट्रिय उद्योग " इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड " को तालाबंदी से बचाने के आदेश पारित करने की कृपा करें।
धन्यवाद , जय हिन्द !
याचक -
चन्द्र प्रकाश श्रृंगी
प्रथम तल , आई सी आई सी आई बैंक के ऊपर ,रामपुरा बाजार, कोटा -324006 .
मोबाईल नं . 9414186892
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