अनुच्छेद 370: जवाब देने के लिए केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से मिला 28 दिनों का वक़्त


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सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक बेंच ने अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने और कश्मीर से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 28 दिनों का वक़्त दिया है.
जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने याचिकाकर्ताओं से भी कहा है कि वो केंद्र का जवाब के बाद एक हफ़्ते के भीतर अपना पक्ष अदालत में रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख़ तय की है.
केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जम्मू-कश्मीर याचिकाओं के जवाब देने के लिए अदालत से चार हफ़्ते का वक़्त मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को चुनौती देने, प्रेस की आज़ादी, संचार सुविधाओं पर रोक, लॉकडाउन की वैधता और आने-जाने पर पाबंदियों और मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन से जुड़ी कई याचिकाएं दायर की गई हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई में इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया और इस बारे में दलीलें तुरंत सुनने से भी इनकार किया. अदालत ने कहा, "अगर फ़ैसला आपके पक्ष में आता है तो सब कुछ बहाल किया जा सकता है."
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अदालत ने ये भी कहा कि वो इस सम्बन्ध में कोई अन्य याचिका स्वीकार नहीं करेगी.
हालांकि याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार को चार हफ़्ते का वक़्त दिए जाने का विरोध किया और कहा कि इससे याचिकाएं दायर करने का उद्देश्य ही निरर्थक हो जाएगा.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आ जाएंगे. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संपत्तियों के विभाजन के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनाई गई है.

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