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जब हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में मिलने वाले लोग "हिन्दू" या "मुसलमान" नहीं होते तो फिर क्या वजह है कि "चुनाव" आते ही हम "हिन्दू" या "मुसलमान" हो जाते हैं ?
जब हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में मिलने वाले लोग "हिन्दू" या "मुसलमान" नहीं होते तो फिर क्या वजह है कि "चुनाव" आते ही हम "हिन्दू" या "मुसलमान" हो जाते हैं ?
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अगर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाना है तो सबसे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों -कर्मचारियों से ले कर शिक्षा मंत्री का वेतन-भत्ता छः महीने के लिए बिलकुल बन्द कर दिया जाय तो फिर देखें ना सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में कैसे गुणात्मक सुधार होता ह
अगर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाना है तो सबसे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों -कर्मचारियों से ले कर शिक्षा मंत्री का वेतन-भत्ता छः महीने के लिए बिलकुल बन्द कर दिया जाय तो फिर देखें ना सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में कैसे गुणात्मक सुधार होता ह
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1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले
सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से
हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी
के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा
किया.
सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ
अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे
पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया.
1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले
सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से
हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी
के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा
किया.
सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ
अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे
पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया.
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जब तक जनता की आँखों में आंसू की एक बूंद भी रहेगी हमारा काम अधूरा रहेगा ( देश को आज़ाद होते समय :-पंडित जवाहर लाल नेहरू का ब्यान )
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