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Showing posts with the label Hygiene and Health
#HealthTips! खाने में अधिक नमक से हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में स्टोन मुमकिन .....
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Dunia mein Ek se badh kar ek Bimari Allah ne De rakha hain , Jis mein Kuch ka Ilaj hai to Kuch La_Ilaj hai || Kuch Log Ilaaj karate Karate Allah ko Pyare to Kuch Bagair Ilaaj karaye || Koi bhi Bimari kisi ko bhi ho sakta hai , ye Bimariyan Ohda , Asar o Rasukh nahi Dekhte || Kaun Kis Desh ka PM hai , Kaun Kis State Ka CM Hai , Kaun kis desh ka HM Filhaal Ek bimari Dunia mein Charcha mein Hai jis ka naam hai @Sleep apnea
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Har dawai mareez ki Condition ko aur serious banati hai
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Health news ||Stomach Problems ||Pain Eyes Problems Child physical work Related
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Zayada Bolne walon ki safalta ki umid kam hoti hai ....
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कान का मैल क्या है और इसे साफ़ करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
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कान का मैल क्या है और इसे साफ़ करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? 20 जून 2021 इमेज स्रोत, GETTY IMAGES ईयरवैक्स या कान का मैल, कई लोगों को इससे घिन आती है. लेकिन सच तो ये है कि कान का मैल हमारे शरीर से निकलने वाला एक ऐसा प्राकृतिक रिसाव है जिसका एक महत्वपूर्ण काम होता है. इसलिए इसे साफ रखना कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आपको हल्के में लेना चाहिए. ब्रितानी ईएनटी सर्जन गैब्रियल वेस्टन ने कान को साफ रखने के सबसे अच्छे और सबसे खराब तरीकों की पड़ताल की है. विज्ञापन किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले डॉक्टर गैब्रियल वेस्टन ये स्पष्ट करती हैं कि कान का मैल एक ऐसा पदार्थ है जो कान के भीतर मौजूद ग्रंथियों में पैदा होता है और इसके कई काम होते हैं. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें ब्लैक फंगस: कोरोना के मरीजों में जानलेवा बन रहा काले फफूंद का संक्रमण कोरोनाः क्या नींबू, कपूर, नेबुलाइज़र जैसे नुस्खों से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल? - बीबीसी रिएलिटी चेक कोरोनाः घर में मास्क लगाने से बच सकते हैं वायरस से? कोरोना महामारी: फ़ेस मास्क का इतिहास, ब्लैक डेथ प्लेग और कहानी मजबूरी की समाप्त कान के मैल से जुड
Acupressure therapy For Nose ||Eyes || Neck ||Brain
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#Fever को लेकर लोगों में आज भी बहुत कंफ्यूजन है , पढ़ें पूरी रिपोर्ट और जानें डिटेल्स
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शरीर का बढ़ा हुआ तापमान हमेशा बुखार नहीं होता टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 02 Sep 2020, 02:23:00 PM 98.6 शरीर का औसत तापमान होता है। अलग-अलग प्रहर में व्यक्ति के शरीर का तापमान अलग-अलग हो सकता है। ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते हैं कि 99 डिग्री फारेनहाइट बुखार है या नहीं। शरीर का तापमान (Body Temprature) बढ़ने से अक्सर हम चिंतित हो जाते हैं। बढ़े हुए तापमान को बुखार ही समझा जाता है। ऐसी स्थिति में लोग खुद ही बुखार की दवा भी ले लेते हैं। लेकिन अगर यह तापमान 99 डिग्री फारेनहाइट हो, तो असमंजस रहता है कि क्या करें? एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर के तापमान में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं शरीर का तापमान अलग-अलग होता है 1868 में जर्मन फिजिशियन कार्ल रीनहोल्ड ऑगस्ट ने पाया था कि 98.6 शरीर का औसत तापमान होता है। अलग-अलग व्यक्ति के शरीर का तापमान अलग-अलग हो सकता है। दिन के अलग-अलग समय में भी शरीर का तापमान बदल सकता है। इसलिए, केवल तापमान बढ़ने को बुखार नहीं मानना चाहिए जब तक और कोई लक्षण न हो। धर्मशिला नारायण अस्पताल के डा. शरांग सचदेव ने बताया कि शरीर का तापमान दिन में बदलता रहता है। यह
बच्चों को ज्यादा मीठा खिलाते हैं तो होशियार हो जाइए
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#कॉन्टेक्ट_लेंस पहन कर नहाते हैं तो संभल जाएं ...
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Bachchon ko plastic ka toys detey hain to Alert ho Jaiye .....
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तीन माह तक रहते हैं कोरोना (Corona) के लक्षण || सफेद चीनी , जानें सेहत के लिए है कितना खतरनाक || सर्दी नहीं करेगी परेशान जानें उसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा ?
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#Corona||#BreastCancer
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कोरोना और ब्रेस्ट कैंसर: तकलीफ़ भी, उम्मीद भी नितिन श्रीवास्तव बीबीसी संवाददाता इमेज कैप्शन, राधा रानी दिल्ली के तिलक नगर इलाक़े में गुरुनानकपुरा एक पुरानी कॉलोनी है जिसके भीतर पहुँचने के लिए आपको कई संकरी गलियों को पैदल पार करना होता हैं. बिजली के तारों के झुंड से ढकी हुई एक तंग गली के तीन मंज़िला मकान की छत पर खड़ी एक महिला हमारा इंतज़ार कर रही थीं. 34 साल की राधा रानी ने इसी साल अगस्त महीने से दूसरी मंज़िल पर एक छोटा घर किराए पर ले रखा है जहाँ उनके दो बच्चे भी साथ रह रहे हैं. उन्होंने बताया, "लॉकडाउन ख़त्म होने के दो महीने बाद ही मुझे ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चला. हम जम्मू में थे जहाँ डॉक्टर ने दिल्ली आकर पहले सर्जरी और फिर इलाज कराने की सलाह दी." राधा रानी के पति नौकरी करते हैं और इन दिनों श्रीनगर में तैनात हैं. दिल्ली में किराए का मकान लेकर इलाज कराने के अलावा कोई चारा नहीं था. लेकिन मुश्किलें और भी थीं. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें बिहार के गांवों में क्यों बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज़ मोदी ने कहा लॉकडाउन से कोरोना पर लगी लगाम, क्या सहमत हैं जानकार?