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चीन ने एस जयशंकर की टिप्पणी पर कठोरता से दिया जवाब

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  24 जून 2021, 13:10 IST अपडेटेड 24 जून 2021, 13:15 IST इमेज स्रोत, GETTY IMAGES भारत और चीन के बीच सरहद पर जारी तनाव ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव में दो सबसे अहम मुद्दे हैं. पहला सीमा पर सेना की लगातार आमने-सामने तैनाती और दूसरा चीन बड़ी संख्या में सेना की तैनाती नहीं करने के लिखित वादे पर कायम रहेगा या नहीं. भारतीय विदेश मंत्री क़तर इकनॉमिक फोरम में बोल रहे थे. वहीं उनसे चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर सवाल पूछा गया था. एस जयशंकर की इसी टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय से बुधवार को सवाल पूछा गया तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बहुत कठोरता से जवाब दिया. विज्ञापन गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल? छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल? चीन भारत सीमा विवाद: एक साल बाद क्या है गलवान घाटी की स्थिति भारत-चीन सीमा विवादः लद्दाख में अब भी कई जगह आमने-सामने हैं सेनाएँ भारत-चीन सीमा विवाद: साल भर

भारत पश्चिम की चीन-विरोधी नीति का मोहरा - रूस

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  इमेज स्रोत, EPA/RUSSIAN FOREIGN MINISTRY रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने क्वाड गुट पर सख़्त टिप्पणी करते हुए भारत को चीन के ख़िलाफ़ पश्चिमी देशों की 'लगातार, आक्रामक और छलपूर्ण' नीति में एक मोहरा बताया है. अख़बार इंडियन एक्सप्रेस  ने रूसी विदेश मंत्री के बयान को प्रमुखता से छापा है. उन्होंने मंगलवार को रूसी इंटरेशनल अफ़ेयर्स काउंसिल की बैठक में ये टिप्पणियाँ कीं जिसका ब्यौरा बुधवार को जारी किया गया. सर्गेइ लवरोफ़ ने कहा, "पश्चिम एकध्रुवीय विश्व बहाल करना चाहता है. मगर रूस और चीन के उसका मातहत होने की संभावना कम है. लेकिन, भारत अभी इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में तथाकथित क्वाड जैसी पश्चिमी देशों की चीन-विरोधी नीति का एक मोहरा बना हुआ है." रूसी मंत्री ने वहाँ ये भी कहा कि पश्चिमी मुल्क़ भारत के साथ रूस के क़रीबी संबंध को भी कमज़ोर करना चाहते हैं. विज्ञापन अख़बार लिखता है कि रूसी विदेश मंत्री इससे पहले भी क्वाड देशों - अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत - की आलोचना कर चुके हैं. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें चीन की LAC में बदलाव की कोशिश स्वीकार नहीं: जन