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Showing posts from February, 2016

रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी हिंदुस्तान के मनुवादी नेजाम का मुँह बोलता सबूत !

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रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी हिंदुस्तान के मनुवादी नेजाम का मुँह बोलता सबूत !

खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम

 खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम खुलासा: पिछले हफ़्ते भेष बदलकर मुंबई आया अंडरवर्ल्ड डॉन ‘दाऊद इब्राहिम’ IN देश / ON FEBRUARY 23, 2016 AT 3:57 AM / मुंबई। भारत समेत दुनियाभर की पुलिस अंडरवर्ल्ड़ डॉन दाऊद इब्राहिम को तलाश रही हैं। दाऊद कहां हैं कोई नहीं जानता, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले हफ्ते दाऊद मुंबई आया था और किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई। मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक दाऊद पिछले हफ्ते अपने रत्नागिरी वाले बंगले में आया था। कैसे पकड़ा जाएगा डॉन? मुंबई से सटे रत्नागिरी में दाऊद का पुश्तैनी बंगला हैं, जिसे उसके पिता इब्राहिम कसकर ने 35 साल पहले बनाया था। आज वो बंगला सुनसान पड़ा है। कोई वहां आता-जाता नहीं। लोग कहते हैं कि वहां भूतों का बसेरा है। इसी डर की वजह से उस बंगले के आज भी लोग जाने से कतराते हैं। आम लोगों के साथ-साथ पुलिस भी यहां आने से घबराते हैं।ऐसे में खुफिया एजेंसियों और पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर दाऊद रत्नागिरी के मुम्बके गांव में अपने इस घर पर आया और आस-पास के लोगों से भी मिला। इस बात की खबर ना तो पुलिस को हुई

حکیم الامت مجدد ملت مفسر قرآن حضرت مولانا ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ رحمہ اللہ مختصر تعارف. . شخصیت اور کارنامے

حکیم الامت مجدد ملت مفسر قرآن حضرت مولانا ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ رحمہ اللہ         مختصر تعارف. .                    شخصیت اور کارنامے تحریر......ریان مسعود سلطانپوریوپی متعلم دارالعلوم وقف دیوبند نام . شاہ اشرف علی تهانوی ﭘﯿﺪﺍﺋﺶ 19 ﺍﮔﺴﺖ 1863 ﺀ ﻭﻓﺎﺕ 4 ﺟﻮﻻﺋﯽ 1943 ‏( ﻋﻤﺮ 79 ﺳﺎﻝ ‏) ﺭﮨﺎﺋﺶ ﺗﮭﺎﻧﮧ ﺑﮭﻮﻥ ﻗﻮﻣﯿﺖ Indian (British subject ‏) ﻧﺴﻞ ﮨﻨﺪﻭﺳﺘﺎﻧﯽ ﻭﺩﺭ ﺩﻭﺭ ﺟﺪﯾﺪ ﭘﯿﺸﮧ ﻋﺎﻟﻢ ﺩﯾﻦ ﻣﺬﮨﺐ ﺍﺳﻼﻡ ﺗﺤﺮﯾﮏ ﺩﯾﻮﺑﻨﺪﯼ ﺷﻌﺒۂ ﻋﻤﻞ ﻓﻘﮧ ﻣﺎﺩﺭ ﻋﻠﻤﯽ ﺩﺍﺭﺍﻟﻌﻠﻮﻡ ﺩﯾﻮﺑﻨﺪ ﭘﯿﺮ / ﺷﯿﺦ ﺍﻣﺪﺍﺩ ﺍﻟﻠﮧ ﻣﮩﺎﺟﺮ ﻣﮑﯽ ﻣﺘﺎﺛﺮ ﻋﺒﺪﺍﻟﻤﺎﺟﺪ ﺩﺭﯾﺎ ﺑﺎﺩﯼ ﻣﻮﻻﻧﺎ ﻣﺤﻤﺪ ﺍﺷﺮﻑ ﻋﻠﯽ ﺗﮭﺎﻧﻮﯼ ﻭﻻﺩﺕ ﺁﭖ ﮐﮯ ﻭﺍﻟﺪ ﺷﯿﺦ ﻋﺒﺪﺍﻟﺤﻖ ﺍﯾﮏ ﻣﻘﺘﺪﺭ ﺭﺋﯿﺲ ﺻﺎﺣﺐ ﻧﻘﺪ ﻭﺟﺎﺋﯿﺪﺍﺩ ﺍﻭﺭ ﺍﯾﮏ ﮐﺸﺎﺩﮦ ﺩﺳﺖ ﺍﻧﺴﺎﻥ ﺗﮭﮯ۔ ﻓﺎﺭﺳﯽ ﻣﯿﮟ ﺍﻋﻠﯽ ﺍﺳﺘﻌﺪﺍﺩ ﮐﮯ ﻣﺎﻟﮏ ﺍﻭﺭ ﺑﮩﺖ ﺍﭼﮭﮯ ﺍﻧﺸﺎﺀ ﭘﺮﺩﺍﺯ ﺗﮭﮯ۔ﺍﯾﺴﮯ ﻋﺎﻟﯽ ﺧﺎﻧﺪﺍﻥ ﻣﯿﮟ ﺟﮩﺎﮞ ﺩﻭﻟﺖ ﻭﺣﺸﻤﺖ ﺍﻭﺭ ﺯﮨﺪ ﻭﺗﻘﻮﯼ ﺑﻐﻞ ﮔﯿﺮ ﮨﻮﺗﮯ ﺗﮭﮯ۔ 5 ﺭﺑﯿﻊ ﺍﻟﺜﺎﻧﯽ 1280 ﮪ ﺑﻤﻄﺎﺑﻖ 9 ﺳﺘﻤﺒﺮ ، 1863 ﺀ ﺗﺎﺭﯾﺦ ﻭﻻﺩﺕ ﮨﮯ۔ ﻭﺍﻟﺪ ﻧﮯ ﺁﭖ ﮐﯽ ﺗﺮﺑﯿﺖ ﺑﮍﮮ ﮨﯽ ﭘﯿﺎﺭ ﻭﻣﺤﺒﺖ ﺳﮯ ﮐﯽ۔ﺗﺮﺑﯿﺖ ﻣﯿﮟ ﺍﺱ ﺑﺎﺕ ﮐﻮ ﺧﺎﺹ ﺍﮨﻤﯿﺖ ﺩﯼ ﮐﮧ ﺑﺮﮮ ﺩﻭﺳﺘﻮﮞ ﺍﻭﺭ ﻏﻠﻂ ﻣﺠﺎﻟﺲ ﺳﮯ ﺁﭖ ﺩﻭﺭ ﺭﮨﮯ ۔ﺁﭖ ﮐﯽ ﻃﺒﯿﻌﺖ ﺧﻮﺩ ﺑﮭﯽ ﺍﯾﺴﯽ ﻭﺍﻗﻊ ﮨﻮﺋﯽ ﺗﮭﯽ ﮐﮧ ﮐﺒﮭﯽ ﺑﺎﺯﺍﺭﯼ ﻟﮍﮐﻮﮞ

कथित आंदोलनकर्मियों की सबसे पहली शर्त है कि "आंदोलनकारियों" पर कोई मुक़द्दमा दर्ज ना हो, क्या सरकार इस मुद्दे पर राज़ी है...?

देशभक्त बनने के 20 तरीक़े

Whatsapp Group Biharbroadcasting.com mein  Kamrul Islam k jariye  share kiye Gaye Msg se. देशभक्त बनने के 20 तरीक़े - ज़ोर-ज़ोर से बोलें, भारत माता की जय। - बीच-बीच में किसी लेखक या बुद्धिजीवी की पिटाई करते रहें। - किसी किताब या कलाकृति में आपकी नजर में कुछ राष्ट्रविरोधी हो तो फौरन उसका विरोध करें, उसे जला दें या तोड़फोड़ दें। - कोई अगर कहे कि देश अपने नागरिकों के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है तो उसे माओवादी बता दें। - अगर कोई मजदूरों और किसानों की बात उठाए तो उसे विकास विरोधी क़रार दें। - आरक्षण का सवाल उठे तो योग्यता की बात करें। दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को बीच-बीच में उनकी औकात बताते रहें। - सुबह पार्क जाकर ज़ोर-ज़ोर से हंसे, योग करें, बाबा की मैगी खाएं, उनके बताए मुताबिक सांस लें और छोड़ें। - पाकिस्तान को बार-बार गालियां दें। - क्रिकेट मैच में भारतीय टीम का झंडा लेकर घूमें, गाल पर तिरंगा छपवा लें। - लोकतंत्र को कोसते हुए बताएं कि सारी गड़बड़ियां वोट की राजनीति से है। - नेहरू को गालियां दें और बताएं कि पटेल यह देश अच्छे से चला सकते थे। - गांधी को महा

بدعتیوں کے نام ایک غیر مسلم شاعر کا پیغام

بدعتیوں کے نام ایک غیر مسلم شاعر کا پیغام ایک  ہی  پربھو  کی  پوجا  ہم  اگر کرتے  نہیں ایک ہی در پر مگر  سر آپ  بھی  دھرتے  نہیں اپنی   سجد ہ گاہ  دیوی  کا  اگر  استھان  ہے آپ کے سجدوں کا مرکز  قبر جو  بے جان  ہے اپنے معبودوں کی  گنتی  ہم  اگر رکھتے نہیں آپ کے مشکل کشاؤں کو بھی گن سکتے نہیں ’’جتنے  کنکر  اتنے  شنکر‘‘ یہ اگر مشہور ہے ساری  درگاہوں  پہ سجدہ  آپ  کا  دستور  ہے اپنے  دیوی   دیوتاؤں   کو    اگر   ہے   اختیار آپ  کے  ولیوں  کی  طاقت  کا نہیں  حدوشمار وقتِ مشکل  ہے  اگر  نعرہ  مرا  ’ بجرنگ بلی آپ  بھی  وقتِ ضرورت  نعرہ  زن  ہیں  ’یاعلی‘ لیتا  ہے  اوتار   پربھو   جبکہ  اپنے  دیس  میں آپ کہتے ہیں ’’خدا ہے مصطفٰے کے بھیس میں‘‘ جس  طرح  ہم  ہیں  بجاتے  مندروں  میں گھنٹیاں تر بتوں  پر   آپ   کو    دیکھا   بجاتے ;   تالیاں ہم  بھجن  کرتے  ہیں  گا کر  دیوتا  کی  خوبیاں آپ  بھی  قبروں  پہ   گاتے   جھوم  کر  قوّالیاں ہم  چڑھاتے ہیں بتوں  پر دودھ  یا پانی کی دھار آپ  کو   دیکھا  چڑھاتے   مرغ   چادر ،   شاندار بت  کی  پوجا  ہم  کریں،  ہم  کو  ملے’’نارِ

कन्हैया पर हमला असल जंगल राज मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठाकर अपनी नकामयों पर प्रदा डालना चाहती है ( नीतीश कुमार )

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कन्हैया पर हमला असल जंगल राज मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठाकर अपनी नकामयों पर प्रदा डालना चाहती है ( नीतीश कुमार ) पटना , 20 फ़रवरी 2016 ( शीश अहमद , उर्दू दैनिक पिन्दार , पटना ) वजीरे आला नीतीश कुमार ने पटियाला हाउस कॉर्ट में #JNU स्टूडेंट्स यूनियन के सदर कन्हैया कुमार पर हमले को असल जंगल राज क़रार दिया है । जुमा को रियासती काबीना की मीटिंग में जराए अब्लाग के नुमाइंदों से बात चीत करते हुए वजीरे आला ने कहा कि कुछ लोग बिहार में जंगल राज होने का दावा करते हैं , पटियाला हाउस में पुलिस की मौजूदगी में हमला होना असल में जंगल राज है ।। उन्होंने कहा कि वजीरे आज़म नरेंदर मोदी मुल्क के अवाम को बताएं की उनकी नज़र में गद्दारी की तारीफ क्या है ........ ? अगर किसी पर गद्दारी का इलज़ाम लगाया जाता है तो उसका सबूत भी देना होगा , क्योंकि वह लोग जो भी बोलते हैं , अगले दिन ही झूठ साबित हो जाता है ।। उन्होंने इल्जाम लगाया के मोदी हुकूमत जज्बाती मसायल उठा कर अपनी नाकामियों पर प्रदा डाल रही है ।।आर्थिक मोर्चे पर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ही मोदी हुकूमत , बीजेपी  और आर एस एस ने जवाहर लाल नेहरू यू

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया ।

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया । कन्हैया द्वारा लगाए गए नारो में एक नारा संघवाद से आज़ादी भी था जो न तो विधार्थी परिषद के गले से उतर सकता है और न ही भाजपा के गले उतरा होगा । रही सही कसर भाजपा और सरकार के चापलूस कुछ मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी । एक चैनल से वीडियो के पूरे अंश भी नहीं दिखाए और फैसला भी दे दिया कि ये सीधा सीधा देशद्रोह का मामला है । इस चैनल का एंकर चटकारे ले लेकर जेएनयू की खबर को मनगढ़ंत तरीके से गलत दिशा में धकेल दिया । इतना ही नही चैनल ने ऐसे फैसला सुना दिया जैसे देश की सबसे बड़ी कोर्ट इसी चैनल पर लगती हो और ये एंकर उस कोर्ट के सबसे बड़े जज हैं । ऐसे चैनलों ने इस मामले में न सिर्फ जेएनयू की साख को बट्टा लगाया बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा कर

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया ।

कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया । कन्हैया द्वारा लगाए गए नारो में एक नारा संघवाद से आज़ादी भी था जो न तो विधार्थी परिषद के गले से उतर सकता है और न ही भाजपा के गले उतरा होगा । रही सही कसर भाजपा और सरकार के चापलूस कुछ मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी । एक चैनल से वीडियो के पूरे अंश भी नहीं दिखाए और फैसला भी दे दिया कि ये सीधा सीधा देशद्रोह का मामला है । इस चैनल का एंकर चटकारे ले लेकर जेएनयू की खबर को मनगढ़ंत तरीके से गलत दिशा में धकेल दिया । इतना ही नही चैनल ने ऐसे फैसला सुना दिया जैसे देश की सबसे बड़ी कोर्ट इसी चैनल पर लगती हो और ये एंकर उस कोर्ट के सबसे बड़े जज हैं । ऐसे चैनलों ने इस मामले में न सिर्फ जेएनयू की साख को बट्टा लगाया बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा कर

देश की जनता से 20 सवाल. 1-क्या मोदी जी के आने के बाद से देश में रोजगार बढ़ा है ? 2-नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है या भाजपा के ? क्यूंकि एक प्रधानमंत्री को निष्पक्ष होना चाहिए क्या वो निष्पक्ष है बिहार चुनाव हो या असम चुनाव उनके भाषण को देख के लगता है आप को ?

सिमरन प्रजापति के फेसबुक वॉल से देश की जनता से 20 सवाल. 1-क्या मोदी जी के आने के बाद से देश में रोजगार बढ़ा है ? 2-नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है या भाजपा के ? क्यूंकि एक प्रधानमंत्री को निष्पक्ष होना चाहिए क्या वो निष्पक्ष है बिहार चुनाव हो या असम चुनाव उनके भाषण को देख के लगता है आप को ? 3-क्या आरएसएस जैसे कट्टर धार्मिक संघटन देश के लिए सही है ,क्या हम आईएसआईएस की राह पर नहीं चल रहे ? 4-मोदी सरकार आने के बाद से देश में महंगाई काफी बढ़ गई है रेल किराया फिर बढ़ाया जा रहा है लेकिन विपक्ष विरोध क्यों नहीं कर रहा ? 5-पाकिस्तान को अमेरीका ने फाइटर प्लेन दिए और भारत के विरोध करने पर भारत को तोप दिए क्या यह दोनों देशो को गलत नहीं लगता। 6-विकास दर क्यों निचे गिर रहा है ? 7-जेएनयू कांड से पहले हर दिन दिल्ली हाई अलर्ट पर रहती थी लेकिन काण्ड के बाद शांत ? क्या जेएनयू के कुछ कश्मीरी आतंकी को पकड़ने के बाद देश सुरक्षित है ? 8-मोदी सरकार गरीब किसानो के लिए क्या कार्य कर रही है ,सरकार ने अभी तक प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कितने लोगो

भारतीय भ्रष्ट मीडिया की पोल खोलती , जुबैर अहमद की लेख , भारतीय मीडिया कितना निष्पक्ष है? है पढ़ना न भूलें

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भारतीय मीडिया कितना निष्पक्ष है? ज़ुबैर अहमद बीबीसी संवाददाता, दिल्ली 16 फरवरी 2016 साझा कीजिए Image copyrightAP दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों की पिटाई से मुझे मुंबई का एक किस्सा याद आया. कई साल पहले उस समय के मुंबई पुलिस कमिशनर आरएस शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जिसमें उन्होंने दावा किया कि एक युवक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है. पुलिस की स्टोरी में कई खामियां थीं, उसके बावजूद वहां के स्थानीय पत्रकार खामोश रहे. Image copyrightAFP मैंने जब सवाल करना शुरू किया तो कमिशनर शर्मा और उनके साथी सत्यपाल सिंह (इन दिनों वो बीजेपी के सांसद हैं) मुझ पर भड़क गए और अपने दफ़्तर से मुझे निकल जाने का आदेश दिया. मैंने कहा 'मुझे यहाँ बुलाया गया है और मेरे सवालों का जवाब आपको देना चाहिए.' Image copyrightAFP बाद में कई पत्रकारों ने मुझ से पूछा कि क्या मेरी शर्मा जी से कोई लड़ाई है? मैंने कहा मैं उनसे पहली बार मिल रहा हूँ. मैंने आगे कहा कि 'जो सवाल आप जैसे स्थानीय पत्रकारों को करना चाहिए था वो मैंने किया. आप से चुनौती नहीं मिलती है, वो चुभते सवालों के आदि नहीं हैं, इ

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी

N.a. Saadiq shared Politics in India's photo to the group: Overseas Indian Forum (OIF) - प्रवासी भारतीय फोरम. JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. Politics in India JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. “Afzal Guru event was not anti-social activity.”Why did JNU find itself at centre of controversy? -------------------------------------- वायरल हुआ यह VIDEO: ABVP पर लगे JNU में षड्यंत्र के आरोप http://www.tahlkanews.com/archives/41895 JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर व

JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी

N.a. Saadiq shared Politics in India's photo to the group: Overseas Indian Forum (OIF) - प्रवासी भारतीय फोरम. JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. Politics in India JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर वीडियो जारी Congress Leader Anand Sharma Alleges ABVP Members in JNU. Theconspiracy - A student's description of the ABVP plan to frame JNU students and shift attention from Rohith to more divisive issues. “Afzal Guru event was not anti-social activity.”Why did JNU find itself at centre of controversy? -------------------------------------- वायरल हुआ यह VIDEO: ABVP पर लगे JNU में षड्यंत्र के आरोप http://www.tahlkanews.com/archives/41895 JNU में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे ABVP ने लगाए, सुबूत के तौर पर व

आज़ाद भारत में में इंसाफ का दास्तान पढ़ना और शेयर करना न भूलें ......? एक गरीब घर बर्बाद हो गया , कंगाल हो गया पर नहीं मिल रही जमानत..... मगर उसी मामले में बाक़ी लोग आज़ाद .....? क्या है हमारे न्यायतंत्र का हाल ---? जानिए इस स्टोरी में आप ......

मामला जान कर शायद आप कहेंगे ऐसी नाइंसाफी तो गुलाम भारत में भी न हुआ होगा ....? मामला पटना हाई कॉर्ट से जुड़ा है । मामले की चर्चा करने से पहले यहाँ बता देना उचित है कि मैं कोई क़ानून का जानकार नहीं लेकिन ..... ऊपर वाले ने इतना सलाहियत हर इंसान को दिया है कि गलत क्या है और सही क्या है ......? अब आते हैं असल मुद्दे पर ....... पुर्बी चंपारण में एक जगह है बिजई जो घोड़ासहन प्रखंड के तहत आता है । उपरोक्त बिजई गाँव के असदुल्लाह साहब जो कि पेशे से शिक्षक हैं और अपने ही इलाके के किसी प्राथमिक विध्यालय में पदस्थापित हैं । असदुल्लाह साहब की अशिक्षित बेगम की बातों पे यकीन किया जाये तो उनके पति की गिरफ़्तारी कंफ्यूजन में हाफ दर्जन लोगों के साथ तक़रीबन 7-8 महीने पहले हो गई । जानकारी में कमी और कानूनी दावपेच से अनजान घरवालों के कारण जिस असदुल्लाह की जमानत मोतिहारी के सिविल कॉर्ट से ही हो जानी चाहिए थी वहां से न हो सकी । सूत्रों की मानें तो उनके साथ बहुत सारे लोगों को उसी मामले में मोतिहारी के निचली अदालत से ही मिल गई । उसी मामले में जिन चंद लोगों को मोतिहारी की निचली अदालत से जमानत न मिली थी

असम: मुसलमान-हिन्दू में ज़हर घोलने की कोशिश करने वाला अफ़सर बर्ख़ास्त

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                                                       The siasat Daily Home / Assam / West Bengal / असम: मुसलमान-हिन्दू में ज़हर घोलने की कोशिश करने वाला अफ़सर बर्ख़ास्त असम: मुसलमान-हिन्दू में ज़हर घोलने की कोशिश करने वाला अफ़सर बर्ख़ास्त February 14, 2016 Assam / West Bengal, Khaas Khabar 0 Comments गुवाहाटी: असम के एक सीनियर पुलिस अफ़सर अंजन बोरा को मुसलमान विरोधी बयान देने के कारण बर्ख़ास्त कर दिया गया, फेसबुक पर मुस्लिम कम्युनिटी के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयानबाज़ी करते हुए बयान दिए जिसके बाद सरकार ने उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया. कारबी ज़िले में डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट बोरा ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर घोलने वाली बातें कीं, DSP बोरा ने अज़ान तक को बंद करने की बात कर डाली और अपनी पोस्ट में “जय जय श्री राम जन्म भूमि, हम चाहते हैं मुस्लिम फ़्री हिन्दुस्तान” की बात करते हुए हिन्दू और मुसलमान में नफ़रत फैलाने की और देश तोड़ने की कोशिश की. इसका आम लोगों ने सख्त विरोध किया और बोरा को हटाने की मांग की, असम की सरकार ने तुरंत कार्यवाही करते हुए उन्हें बर्ख़ास्त किया, हालांकि

आतंकवाद के आड़ में फंसने ,फंसाने का खेल चल रहा । इस मुल्क मुसलमान मासूम । पढ़ें एक और घिनौना खेल जो आतंकवाद के नाम पर और एक मासूम मुसलमान को फंसाने के लिए कैसे खेला गया .....?

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                                                                             Facebook आगरा: एक बड़े ही बेतुके से वाकये में एक लड़के को आतंकवाद के इलज़ाम में फसाने की साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ है. एक औरत से बदला लेने के इरादे से एक वकील जिसका नाम मुकेश कुमार निम् है ने उसके दामाद को आतंकवाद के इलज़ाम में फसाने की कोशिश की, इस घिनौने काम के लिए उसने अपने भतीजे का सहयोग लिया और पूरी कोशिश की कि किसी भी तरह से एक निर्दोष को आतंक के इलज़ाम में फंसा ले. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़,40 वर्षीय कुमार जो बसपा का नेता भी है, ने गीता और उसकी दो बेटियों की मदद एक ऐसे वक़्त पे की थी जब वो काफ़ी परेशान थी. गीता की बड़ी बेटी मीनाक्षी ने बाद में ख़ालिद से शादी कर ली. किसी बात से नाराज़ मुकेश ने गीता और उसके ख़ानदान को सबक़ सिखाने के लिए एक घिनौना प्लान बनाया, मुकेश का भतीजा जो साइबर कैफ़े चलाता है से मिलकर उसने ख़ालिद की आईडी पर सिम कार्ड निकलवा लिया, उस सिम से उन लोगों ने बम की धमकिया देते हुए आगरा पुलिस को फ़ोन किया और तमाम इस तरह के फ़ोन किये पहले तो एटीएस ने ख़ालिद और उसके दोस्

दलित - मुस्लिम गठबंधन की दिशा में अहम पहल (Dalit -Muslim ittehad ki semat pesh ruft.)

दलित - मुस्लिम गठबंधन की दिशा में अहम पहल (Dalit -Muslim ittehad ki semat pesh ruft.) Iss haqiqat se inkar nahi kia jaa sakta k hydrabad central university k ek hostel mein dalit research scholer rohit vemula ki khudkushi k waqeya ( ghatna ) ne mulk k dalit , aqliyat aur kamjor tabqe ko ye sonchne par mazboor kar dia hai k oon logon ne mut_tahid aur monazaam ( aapas mein sangathit) ho kar apne aaini aur samaji ( sawaindhanik aur samaji )  haqooq ( Adhikar) k tahaffuz ( suraksha) k liye jamhuri ladai ( loktantrik ladai) jald shuru nahi to mulk mein nihayat tezi se sar ubharne wali firqaparast taqaten ( sampardaik taqatein ) unhe hashiye ( sunya , Zero ) par dhakelne se baaz nahi aayengi..... Rohit vemula k mamle ko lekar mulk_dir tahrik ( desh bhar mein Aandolan )chalane mein sirf dalit toloba wa talebat ( chhtr aur chhatrayen) he aage aage nahi nahi hain balki bayen baju najaryat k alambardar toloba wa talebat aur har tabqa k insaaf aur aman pasand toloba bhi badi tadad mein sham

ब्रिटेन: मुस्लिम समझा रहे हैं गैर मुस्लिमो को इस्लाम का सही अर्थ

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ब्रिटेन: मुस्लिम समझा रहे हैं गैर मुस्लिमो को इस्लाम का सही अर्थ POSTED BY TEAM DIGITAL ON FEBRUARY 8, 2016 IN विदेश | VIEWS लंदन । समूचे यूरोप और ब्रिटेन में इस्लाम को लेकर फैलते डर को दूर करने के उद्देश्य से ब्रिटेन की लगभग 90 मस्जिदों ने एक खुले सत्र का आयोजन किया ताकि नकारात्मक खबरों से परे जाकर इस्लाम के अर्थ को सही मायनों में समझाया जा सके। इस पहल को पिछले साल मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने शुरू किया था। इस साल इस पहल में लगभग दोगुनी मस्जिदों ने शिरकत की। लंदन, बर्मिंघम, मैनचेस्टर, लीडस, ग्लासगो, कार्डिफ, बेलफास्ट, प्लेमाउथ और कैंटरबरी की मस्जिदों ने हैशटैग विजिट माई मॉस्क कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। एमसीबी ने एक बयान में कहा, इन खुले सत्रों के द्वारा मुस्लिमों को एक मंच मुहैया कराया गया कि वे अपने साथी ब्रितानी नागरिकों को नकारात्मक सुर्खियों से परे जाकर अपने धर्म और समुदाय के बारे में सही जानकारी दे सकें। इसने पिछले महीने के एक बयान में कहा था, स्थानीय मस्जिदें अंतर-धार्मिक नेताओं को भी इन सत्रों में आमंत्रित करेंगी और उन सभी से कहा जाएगा कि वह अपनी एकता और अखंडता को प्र

ब्रिटेन: मुस्लिम समझा रहे हैं गैर मुस्लिमो को इस्लाम का सही अर्थ

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ब्रिटेन: मुस्लिम समझा रहे हैं गैर मुस्लिमो को इस्लाम का सही अर्थ POSTED BY TEAM DIGITAL ON FEBRUARY 8, 2016 IN विदेश | VIEWS लंदन । समूचे यूरोप और ब्रिटेन में इस्लाम को लेकर फैलते डर को दूर करने के उद्देश्य से ब्रिटेन की लगभग 90 मस्जिदों ने एक खुले सत्र का आयोजन किया ताकि नकारात्मक खबरों से परे जाकर इस्लाम के अर्थ को सही मायनों में समझाया जा सके। इस पहल को पिछले साल मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने शुरू किया था। इस साल इस पहल में लगभग दोगुनी मस्जिदों ने शिरकत की। लंदन, बर्मिंघम, मैनचेस्टर, लीडस, ग्लासगो, कार्डिफ, बेलफास्ट, प्लेमाउथ और कैंटरबरी की मस्जिदों ने हैशटैग विजिट माई मॉस्क कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। एमसीबी ने एक बयान में कहा, इन खुले सत्रों के द्वारा मुस्लिमों को एक मंच मुहैया कराया गया कि वे अपने साथी ब्रितानी नागरिकों को नकारात्मक सुर्खियों से परे जाकर अपने धर्म और समुदाय के बारे में सही जानकारी दे सकें। इसने पिछले महीने के एक बयान में कहा था, स्थानीय मस्जिदें अंतर-धार्मिक नेताओं को भी इन सत्रों में आमंत्रित करेंगी और उन सभी से कहा जाएगा कि वह अपनी एकता और अखंडता को प्र

‘आतंकी समझकर सिर में डाल दी माइक्रोचिप, निकलवा दो’ – मोहम्मद इकबाल

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‘आतंकी समझकर सिर में डाल दी माइक्रोचिप, निकलवा दो’ – मोहम्मद इकबाल आतंक व देशद्रोह के आरोपों में जेल में बंद अब्दुल रहमान उर्फ मोहम्मद इकबाल उर्फ मौलाना को विशेष न्यायाधीश ने सुबूत के अभाव में बरी कर दिया। जज एसएएच रिजवी ने बृहस्पतिवार को इकबाल की रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि उसके खिलाफ जो भी सुबूत पेश किए गए वे नाकाफी हैं। अदालत के फैसले के बाद इकबाल को जेल से रिहा कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इकबाल को पुलिस ने किसी घटनास्थल से गिरफ्तार नहीं किया तथा उसके पास से कोई अवैध वस्तु भी बरामद नहीं हुई। अपने 16 पन्नों के आदेश में अदालत ने कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी इकबाल किसी आतंकवादी संगठन का सदस्य था अथवा किसी आतंकी गतिविधि में शामिल था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुख्यात आतंकी बाबू व नौशाद, जिनके पास खतरनाक हथियार व विस्फोटक हो सकते हैं। अमीनाबाद के किसी होटल में ठहरा था। इस सूचना पर 22 जून 2007 को एसटीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी केलिए रेजीडेंसी व हाईकोर्ट तिराहे केपास घेराबंदी की। काफी देर केइंतजार के बाद सीएमओ ऑफिस की तरफ रिक्शे पर दो व्यक्ति जिनकेहाथ

खामोश मिजाजी तुझे जीने नहीं देगी , इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो !!

                                               Minority Welfare Foundation                                                 ( माइनॉरिटी वेलफेयर फाउंडेशन )                                                मुसलमान पसमांदा और परीशान हाल अकलियतों को पसमांदा और परीशान हाल रखने की मुसलसल साजिश की जा रही है । उन्हें न अपने हकूक की खबर है , न अपने दुश्मनों की पहचान , वह नहीं जानते कि हुकूमतें उनके फलाही मंसूबों का एलान तो कर देती हैं , बजट में रकम दिखा कर अकलियतों को खुश भी कर दिया जाता है लेकिन न रुपया दिया जाता है और न उनका कोई काम होता है , तालीम के फरोग , इक्तेसादी तरक्की और समाजी बेहतरी के लिए हुकूमत ने मुख्तलीफ़ मंसूबों के तहत जो अरबों रूपये जारी भी कर दिए उन्हें मुख्तलीफ़ हिले बहाने से मुसलमान तक पहुँचने नहीं दिया जाता है और हमारे अरबों रूपये सरकारी अफसरों की नज़र हो जाते हैं । लेकिन ये तब तक होता रहेगा जब तक वह हमारी पूंजी खाते रहेंगे और हम चैन की नींद सोते रहेंगे । अगर हालात बदलना है तो हमें लड़ना होगा और उनकी मुठ्ठी में दबी अपनी रकम छीननी होगी ।अगर छोड़ देंगे तो ये साजशी लोग आप

कभी कभी "खुदा" अपनी "कुदरत" को खोल-खोल कर दिखा देता है ताकि इंसान उससे "इब्रत" हासिल कर सके, और सही राह पर आ जाये"।

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कभी कभी "खुदा" अपनी "कुदरत" को खोल-खोल कर दिखा देता है ताकि इंसान उससे "इब्रत" हासिल कर सके, और सही राह पर आ जाये"। "इसकी सबसे ताज़ा और ज़िंदा मिसाल कल बुधवार 3, फरवरी 2016 की है। हुआ यूँ कि "मुरुंड" जोकि मुम्बई के पास एक "समुंद्री बीच" है। वहाँ उस बीच पर मुम्बई के कुछ स्टूडेंट घूमने के लियें गए थे। उन्हीं स्टूडेंट्स में से 14 स्टूडेंट का एक ग्रुप "बोट" की सवारी करने लगा। इसी दौरान एक "ग़ज़बनाक हादसा" हो गया और उनकी "बोट" डूब गयी जिसमे सभी 14 स्टूडेंट भी बोट के साथ डूब गए। आनन् फानन में लोगों ने पुलिस और गोताखोर बुलाये। तब गोताखोरों ने स्टूडेंट्स की लाशों को ढूंढना शुरू किया, 14 स्टूडेंट्स में से 13 स्टूडेंट्स की लाशें तो मिल गयीं थी लेकिन एक लाश नहीं मिल पा रही थी सारी रात कोशिश करने के बाद भी एक लाश का पता नहीं लग पा रहा था। इसी दौरान वहाँ के जो स्थानीय लोग वहाँ जमा थे उनमे से दो लोग, मौलाना लियाक़त, और मौलाना सलमान, आगे आये और पुलिस से दरख्वास्त की कि आप लोगो ने बहुत कोशिश कर ली, अब एक मौका

दिल्ली पुलिस और संघ की सांठ - गांठ राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक :- Dehli police aur sangh ki santh - ganth qaumi ekta k liye Khatarnak

Mr mas'oodul Rab :- 9308481396, 8521538800 Aisa malum hota hai k hamare Mulk ki police batadriz #RSS nawaz banti jaa rahi hai warna koi wajah nahi k somwar qaumi rajdhani ( rashtriye rajdhani ) new dehli mein RSS k daftar k samne mujahera karne wale toloba wa talebaat ko iss qadr bedardi aur barbariyat k sath Keyon pit-ti .....? ye Toloba wa Talebaat Hydrabad University k ahata mein ek dalit #scholer Rohit vemula ki KhudKashi k waqeya k Khilaaf pur"Aman ehtazaz kar rahe the jis k barey mein kaha jaa raha hai k oos ko khu'kashi karne mein do markazi wejra ka hath tha.....sitam zarifi ye hai k mojaherin toloba wa talebaat ko mauqa par maujood RSS kar_kuno ne police k sath mil kar nehayat bedardi se pita .....yahan tak k talebaat ko oon k balon se pakad kar jamin par gira diya ........police aur RSS ki iss jalemana karwai k natije mein kai toloba wa talebaat shadeed taur par jakhmi ho gaye hain ...... Nihath_they Toloba wa Talebaat k khilaaf police ki ye puri haiwani kar

खुलासा: USA में हुए आतंकी हमलो में 94% Non-Muslims शामिल!

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खुलासा: USA में हुए आतंकी हमलो में 94% Non-Muslims शामिल! Articles in hindi > Articles | By: Administrator (01/31/16) जब भी कोई आतंकवादी हमला होता है , इतने मुठ भेड़ भी ख़त्म नहीँ होती उस से पहले ही मुस्लिम घोषित कर दिया जाता है ! Fbi की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है की 1980 से लेकर अब तक जितने भी आतंकवादी अटेक USA में हुये हैं उनमें 94% Non-Muslims ने किये हैं ! Copied From Fact Finder New York – According to the FBI, 94 percent percent of terrorists attacks in the United Stats since 1980 were perpetrated by non-Muslims. Muslims are blamed every time a terrorist attack is carried out anywhere around the world. Ever since the 9/11 attacks on American soil, the meaning of terrorism has been directly associated with Muslims and Islam. Following the Paris attacks of November 13 and the San Bernardino shooting in California, bigotry, hatred, discrimination and violence against Muslims has risen to a dangerous level. However, according to the FBI, there have been more acts of

Accused is not entitled to acquittal on the mere ground that the investigation of the matter had been carried out by the very police officer who had also registered the crime.

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 India 2047 team under Empower India Foundation (EIF) formally launched the website india100years.com. In an event at Calicut on 1st Feb 2016, Founder/ chairman of Rehab India Foundation, Mr. E Abubacker dedicated the site to public. Chairman E M Abdul Rahiman presided over the function.  Accused is not entitled to acquittal on the mere ground that the investigation of the matter had been carried out by the very police officer who had also registered the crime. Mr justice  V. Gopala Gowda and Mr.Justice Uday Umesh   [Surender @ Kala v. State of Haryana, decided on 19.01.2016] CRIMINAL APPEAL NO. 50 of 2016. (Arising from the SLP(Crl.) No. 2082 of 2015 ). M.Mohamed Riyaz

धर्मांतरण का आरोप लगाकर बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने बाल और मूंछें मुड़वाकर गधे पर घुमाया

धर्मांतरण का आरोप लगाकर बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने बाल और मूंछें मुड़वाकर गधे पर घुमाया January 29, 2016 ( Kohram.in )   पांच हजार रुपए की लालच में लोगों का धर्मांतरण कराने वाले झोलाछाप डॉक्टर को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दबोच लिया और उसे पीटने के बाद सिर, मूछें और भौंहे मुड़वाकर उसे गधे में बैठाकर उसका जुलूस निकाला। जानकारी मिलते ही मौके पर कई थानों का फोर्स और पीएसी दल पहुंच गया। जैसे ही पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को रोका तो कार्यकर्ता पुलिस पर भड़क उठे और भिड़ गए। मामला बिगड़ता देख एसपी एन कोलांचि ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर उसे किसी अज्ञात जगह ले गए। गरीबों को चंद रुपयों की लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का मामला उजागर होते ही शुक्रवार को शहर में बवाल हो गया। बजरंग दल संयोजक अखिलेश डीहा, अजय तिवारी, गोल्टू, क रुणेंद्र चौहान के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने थाना व ग्राम रेंढ़र निवासी आरोपी अवधेश सविता को पकड़कर उसके बाल, मूछें और भौंहें मुड़वा गधे पर बैठा अंबेडकर चौराहे से जुलूस निकाला। पकड़े गए आ

मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च । Modi hukumat k khilaaf ehtazai March

मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च । Modi hukumat k khilaaf ehtazai March Baba A Qaum Mahatma gandhi k yaume paidaish k mauqa par sanichar ko qaumi rajdhani (rashtriye rajdhani) nai dehli mein RSS k hindutva k agende par kaam karne wali dalit aur aqliyat mukhalif modi hukumat k khilaaf Dalit , muslim khawatin aur bachcon aur mazduron k haqooq ki Ladai Ladne Wali 60 numainda samaji tanzeemo ne mandi house se jantar mantar tak tahaffuz zamhuriya k naam se jo ehtazazi juloos nikala wah bela shuba mulk ki mukhtalif tabqa k andar paida hone wali oos seyasi bedari ka majhar hai jis k begair mulk mein ek sehatmand jamhuri nejam k qayaam ka tasav-oor bhi nahi kiya ja sakta ............. Parlimani nezame hukumat mein aksar ye khatra lahaq rahta hai k chunao mein mamuli aksariyat ki bena par he koi aisi inteha pasand aur fistai jamat bar sare iqtadar aa jati hai jis ki yaktarfa soch k natize mein mulk mein badtarin nav-E-yat ki samaji kashm-kash shuru ho jaati hai ..........Badqishmati se iss

मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च । Modi hukumat k khilaaf ehtazai March

मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च । Modi hukumat k khilaaf ehtazai March Baba A Qaum Mahatma gandhi k yaume paidaish k mauqa par sanichar ko qaumi rajdhani (rashtriye rajdhani) nai dehli mein RSS k hindutva k agende par kaam karne wali dalit aur aqliyat mukhalif modi hukumat k khilaaf Dalit , muslim khawatin aur bachcon aur mazduron k haqooq ki Ladai Ladne Wali 60 numainda samaji tanzeemo ne mandi house se jantar mantar tak tahaffuz zamhuriya k naam se jo ehtazazi juloos nikala wah bela shuba mulk ki mukhtalif tabqa k andar paida hone wali oos seyasi bedari ka majhar hai jis k begair mulk mein ek sehatmand jamhuri nejam k qayaam ka tasav-oor bhi nahi kiya ja sakta ............. Parlimani nezame hukumat mein aksar ye khatra lahaq rahta hai k chunao mein mamuli aksariyat ki bena par he koi aisi inteha pasand aur fistai jamat bar sare iqtadar aa jati hai jis ki yaktarfa soch k natize mein mulk mein badtarin nav-E-yat ki samaji kashm-kash shuru ho jaati hai ..........Badqishmati se iss