अमित शाह का दिल्ली के नतीजों पर क्यों है मुँह बंद
प्रदीप सिंह वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिन्दी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट AFP दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अमित शाह ख़ामोश हैं. उन्होंने ये लेख लिखे जाने तक न तो अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है न अपनी पार्टी की हार पर ही कोई टिप्पणी की है. ये सच है कि पार्टी की कमान अब उनके हाथ नहीं है. लेकिन जिस तरह दिल्ली के चुनाव प्रचार में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, शाहीन बाग़ का मुद्दा उठाया, सीएए की बात की, वोटरों से शाहीन बाग़ तक करंट पहुँचाने की अपील की, उससे लग रहा था कि उनके लिए ये चुनाव कितने अहम हैं. दिल्ली में भाजपा को हारना था और वह हार गई. लेकिन सवाल है कि उसकी हार के कारण क्या हैं. साथ ही कि इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है? क्योंकि दिल्ली में भाजपा की यह लगातार छठी हार है. दो दशक से हारते जाने का मतलब है कि दिल्ली भाजपा में कुछ बुनियादी ख़ामी है, लेकिन इस हार से ब्रैंड अमित शाह को नुक़सान हुआ है. पहले बात ताज़ा चुनाव की करते हैं. भाजपा