Posts

Showing posts with the label #Delhi Election_2020

अमित शाह का दिल्ली के नतीजों पर क्यों है मुँह बंद

Image
प्रदीप सिंह वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिन्दी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट AFP दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अमित शाह ख़ामोश हैं. उन्होंने ये लेख लिखे जाने तक न तो अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है न अपनी पार्टी की हार पर ही कोई टिप्पणी की है. ये सच है कि पार्टी की कमान अब उनके हाथ नहीं है. लेकिन जिस तरह दिल्ली के चुनाव प्रचार में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, शाहीन बाग़ का मुद्दा उठाया, सीएए की बात की, वोटरों से शाहीन बाग़ तक करंट पहुँचाने की अपील की, उससे लग रहा था कि उनके लिए ये चुनाव कितने अहम हैं. दिल्ली में भाजपा को हारना था और वह हार गई. लेकिन सवाल है कि उसकी हार के कारण क्या हैं. साथ ही कि इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है? क्योंकि दिल्ली में भाजपा की यह लगातार छठी हार है. दो दशक से हारते जाने का मतलब है कि दिल्ली भाजपा में कुछ बुनियादी ख़ामी है, लेकिन इस हार से ब्रैंड अमित शाह को नुक़सान हुआ है. पहले बात ताज़ा चुनाव की करते हैं. भाजपा

आम आदमी पार्टी क्या दिल्ली से बाहर ‘कूच’ करेगी?

Image
नितिन श्रीवास्तव बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट EPA दिल्ली को तीसरी बार 'फ़तह' करने के बाद ये सवाल उठना लाज़मी है कि क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी फिर भारत के दूसरे प्रदेशों में अपनी क़िस्मत आज़माएगी. नवंबर, 2016 में दिल्ली के मुख्यमंत्री निवास में अरविंद केजरीवाल ने बीबीसी हिन्दी से कहा था, "2014 के लोकसभा परिणामों से कहीं बेहतर करेंगे हम आगे चल कर. आम आदमी पार्टी दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में भी असर डालेगी क्योंकि लोग ईमानदारी पसंद करते हैं." 2014 के लोकसभा चुनावों में आप ने पंजाब में चार लोकसभा सीटें जीती थीं जबकि दिल्ली की सात सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे. उस चुनाव में अरविंद केजरीवाल वाराणसी में तब के भाजपा पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से लोहा लेने पहुँच गए थे. हालाँकि मोदी ने उन्हें तीन लाख से ज़्यादा वोटों से शिकस्त दी थी, लेकिन भाजपा के इस गढ़ में केजरीवाल को क़रीब दो लाख वोट मिलना बड़