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कश्मीर के शख़्स ने 11 साल बाद जेल से रिहा होने के बाद कहा- 'बेकसूर हूं तो मेरा गुज़रा वक़्त भी लौटा दो'

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  रियाज़ मसरूर बीबीसी उर्दू, श्रीनगर इमेज स्रोत, RIYAZ MASROOR "शुरुआत में तो मुझे एक बहुत छोटे कमरे में अकेले ही रखा गया था. मेरा जिस्म तो वहां था लेकिन मेरी रूह (आत्मा) घर में थी. कई सालों बाद एक रात मैंने अचानक सपने में देखा कि लोग मेरे पिता को नहला रहे हैं. मैं घबरा कर उठा और मेरे दिल में दर्द सा हुआ. फिर सब कुछ सामान्य था, लेकिन दो महीने बाद मेरे वकील ने मुझे बताया कि मेरे पिता नहीं रहे. जब मैंने तारीख़ पूछी तो पता चला कि सपने के दो दिन बाद उनकी मौत हो गई थी." श्रीनगर के रैनावारी इलाक़े में रहने वाले बशीर अहमद बाबा को 2010 में भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के आतंकवादी निरोधी दस्ते ने राजधानी अहमदाबाद से गिरफ़्तार किया था. उस वक़्त वह गुजरात में स्थित एक स्वयंसेवी संस्था 'माया फ़ाउंडेशन' के एक वर्कशॉप में भाग लेने के लिए गए हुए थे. इमेज स्रोत, RIYAZ MASROOR 43 वर्षीय बशीर बाबा विज्ञान की डिग्री लेने के बाद श्रीनगर में एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाते थे. विज्ञापन साथ ही वह क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट (जन्म से ही बच्चों के कटे होंठ और तालू) नामक बीमारी से पीड़ित बच्चों के मा

UAPA क़ानून: चार साल की जेल, लेकिन हबीब को नहीं मालूम उन्हें गिरफ्तार क्यों किया?

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  इमरान क़ुरैशी बीबीसी हिंदी के लिए इमेज स्रोत, MOHAMMED TAHIR/BBC चार साल जेल में बिताने के बाद त्रिपुरा के अगरतला के एक ऑटो ड्राइवर आज भी इस बात से हैरान हैं कि उनपर आतंकवाद से जुड़ा आरोप क्यों लगा और वह भी जहां घटना हुई वहां से सैकड़ों मील दूर बेंगलुरु में. मोहम्मद हबीब उर्फ़ हबीब मियां ने बीबीसी को बताया, "अदालत से बरी होने के बाद मैं घर तो लौट गया लेकिन आज भी मैं ये नहीं समझ पाया हूं कि मुझे पुलिस ने पकड़ कर जेल में क्यों डाला." हबीब को पुलिस ने अगरतला से गिरफ्तार किया था. उन्हें बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस के जेएन टाटा ऑडिटोरियम में दिसंबर, 2005 में हुई गोलीबारी के 12 साल के बाद पकड़ा गया था. इस गोलीबारी में आईआईटी दिल्ली के प्रोफ़ेसर एमसी पुरी की मौत हो गई थी जबकि चार अन्य वैज्ञानिक और रिसर्चर घायल हुए थे. दिलचस्प बात ये है कि हबीब को बेंगलुरु की विशेष एनआईए कोर्ट ने जिस दिन बरी किया उसके एक दिन बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएपीए क़ानून के तहत गिरफ़्तार किए गए तीन युवाओं को ज़मानत दी. विज्ञापन दिल्ली दंगों में षड्यंत्र के आरोपों के कारण पिंजरा तोड़ की कार्यकर्