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#CAA_NRC को लेकर #Namo और शाह पर क्या बोलीं #MamtaBanarji

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कांग्रेस राज पर गड़बड़ है पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी का गणित?

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Accessibility links सामग्री को स्किप करें Accessibility Help सूची खोजें News हिंदी BBC News हिंदी Navigation सेक्शन फ़ैक्ट चेक टीम बीबीसी न्यूज़ इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट TWITTER/@NARENDRAMODI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 2019 के आम चुनाव से पहले 16वीं लोक सभा के अपने आख़िरी भाषण में भी कांग्रेस और गांधी परिवार के कथित भ्रष्टाचार को जमकर निशाना बनाया. उन्होंने  अपने भाषण  में कहा, "कांग्रेस के 55 साल और मेरे 55 महीने. वो सत्ताभोग के 55 साल हैं और हमारे 55 महीने सेवा भाव के 55 महीने हैं." नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसे ही भाषण साल 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान भी दिये थे और उन भाषणों में कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार केंद्र में थे. उस समय उनके शब्द थे, "आपने कांग्रेस को पूरे 60 साल दिये जिन्होंने देश को भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के अलावा कुछ नहीं दिया. दे

CBI बनाम ममताः किसके हक़ में है क़ानून

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फ़ैसल मोहम्मद अली बीबीसी संवाददाता, दिल्ली इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES Image caption पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सीबीआई के इस क़दम को संघीय ढांचे पर हमला बोला है सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार का मुद्दा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद और राजधानी दिल्ली से लेकर कोलकाता तक गर्म रहा. संसद में कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, एसपी और दूसरे विपक्षी दलों में सरकार को घेरा और कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सीबीआई का ग़लत इस्तेमाल कर रही है. जानी मानी वकील और संविधान की जानकार इंदिरा जयसिंह ने इसे 'संघीय ढांचे पर एक बड़ा प्रहार' बताया है. एक ट्वीट में जयसिंह ने कहा है, "पश्चिम बंगाल ने अपराधों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति को वापस ले लिया था, ये केंद्र द्वारा संघीय ढांचे पर सीधा-सीधा हमला है, इसने एक संवैधानिक जंग जैसे हालात पैदा कर दिए हैं." सुप्रीम कोर्ट के वकील और संविधान के जानकार सूरत सिंह पूरे मामले की व्याख्या एक पुरानी कहावत, 'कुछ तो लोहा