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नेताओं को तो हत्या पर रोटियाँ सेंकते देखा जाता है , लेकिन ये पत्रकासर कब से रोटियाँ सेंकने लगे हत्याओं पर ।

दिमाग मे जहर भरने वाले लोगों और पत्रकारों से होशियार रहें ।

#Palghar कांड । मुसलमानों का चोला उतारने के चक्कर में खुद का चोला उतर गया । निर्दोषों को कब तक बदनाम करोगे ?

पालघर लींचिंग । क्या वहां मुसलमान रहते हैं । अगर नहीं तो फिर इस घटना को संप्रादायिक ऐंगल देने वालों के खिलाफ कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है ?

पाल घर घटना कोई साम्प्रदायिक मामला नहीं |अफवाहों से रहें होशियार | ये गंदी सियासत पहली बार थोड़े ही हो रहा , नीचे के लिंक पर क्लिक कर जानें हक़ीक़त ।