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Tabligi Jamat के लोगों को उल्टी सीधी बात कर बदनाम करने अंजाम !! ये तो चर्चित चेहरा है |\गुमनाम चेहरों को कौन पूछने जा रहा "||पूरा वीडियो ज़रूर देखिएगा ।।
Tabligi Jamat के लोगों को उल्टी सीधी बात कर बदनाम करने अंजाम !! ये तो चर्चित चेहरा है |\गुमनाम चेहरों को कौन पूछने जा रहा "||पूरा वीडियो ज़रूर देखिएगा ।।
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#तब्लीग़ी_जमात के लोग #सुल्तानपुरी #Quarantine_Centre से 45 दिन बाद बिना शिकवा-शिकायत #दिल्लीवालों #दिल्लीपुलिस #दिल्लीसरकार को लाखों दुआएँ देकर अपने घरों को वापिस जाते हुए।
#तब्लीग़ी_जमात के लोग #सुल्तानपुरी #Quarantine_Centre से 45 दिन बाद बिना शिकवा-शिकायत #दिल्लीवालों #दिल्लीपुलिस #दिल्लीसरकार को लाखों दुआएँ देकर अपने घरों को वापिस जाते हुए।
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Anjana Om Kashyap का Tablighi Jamat को लेकर कही गई वे अच्छी बातें जिसे सून कर आपका दिल खुश हो जाएगा ।
Anjana Om Kashyap का Tablighi Jamat को लेकर कही गई वे अच्छी बातें जिसे सून कर आपका दिल खुश हो जाएगा ।
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100 झूठ पर 1 सच भारी है ! जानिए नफरत के सौदागर माने जाने वाले किस चैनल को माफी मांगनी पड़ी ? अब तो देश वासियों समझ जाओ , अक्लमंद हो उसका मिसाल भी नफरत को खत्म कर पेश कर दो ।
100 झूठ पर 1 सच भारी है ! जानिए नफरत के सौदागर माने जाने वाले किस चैनल को माफी मांगनी पड़ी ? अब तो देश वासियों समझ जाओ , अक्लमंद हो उसका मिसाल भी नफरत को खत्म कर पेश कर दो ।
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#Media का काम क्या था और कर क्या रहे ? इसलिए किसी भी खबर पर आंख बंद कर या अंधभक्त बन्द कर विश्वास न करें । नीचे के लिंक पर क्लिक कर जानें मीडिया समाज और देश की दुश्मन कैसे बनी हुई ?
#Media का काम क्या था और कर क्या रहे ? इसलिए किसी भी खबर पर आंख बंद कर या अंधभक्त बन्द कर विश्वास न करें । नीचे के लिंक पर क्लिक कर जानें मीडिया समाज और देश की दुश्मन कैसे बनी हुई ?
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#ViralMessage ! Tabligh , Markaz और Corona पर चल रहे हंगामा को खुदाई मसलेहत और संसार के लिए सकारात्मक मानने लगे हैं मुसलमान ।
#ViralMessage ! Tabligh , Markaz और Corona पर चल रहे हंगामा को खुदाई मसलेहत और संसार के लिए सकारात्मक मानने लगे हैं मुसलमान ।
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Markaz मामले पर गुनाहगार कौन , #मौलाना_साद_या_सरकार , सुनिए मरकज़ के लीगल एडवाइजर के खुलासे जो सोशल मीडिया पर गस्त कर रहा ।
Markaz मामले पर गुनाहगार कौन , #मौलाना_साद_या_सरकार , सुनिए मरकज़ के लीगल एडवाइजर के खुलासे जो सोशल मीडिया पर गस्त कर रहा ।
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थूकने का सच ? बीबीसी ने खोला पोल , तबलीगी जमात और मुसलमानों को बदनाम कर नफरत फैलाने के उद्देश्य से किया गया कार्य था, इसलिये किसी भी वीडियो की सत्यता की जांच किये बगैर विश्वास न करें, साथ ही याद कीजिए देश के उन महान नेताओं को जिन्होंने तब्लीगी जमात से पहले जान बूझ कर #LockDown को तोड़ कर आदेशों का ठेंगा दिखाने का काम किया , तबलीगी जमात ने अपनी सफाई में खाली न कर पाने और मजबूरी में फंसे होने की दास्तान से पूरी दुनिया को बताया था , पढ़िये नफरतों के सौदागरों की पोल खोलती कहानी ।
थूकने का सच ? बीबीसी ने खोला पोल , तबलीगी जमात और मुसलमानों को बदनाम कर नफरत फैलाने के उद्देश्य से किया गया कार्य था, इसलिये किसी भी वीडियो की सत्यता की जांच किये बगैर विश्वास न करें, साथ ही याद कीजिए देश के उन महान नेताओं को जिन्होंने तब्लीगी जमात से पहले जान बूझ कर #LockDown को तोड़ कर आदेशों का ठेंगा दिखाने का काम किया , तबलीगी जमात ने अपनी सफाई में खाली न कर पाने और मजबूरी में फंसे होने की दास्तान से पूरी दुनिया को बताया था , पढ़िये नफरतों के सौदागरों की पोल खोलती कहानी ।
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तबलीगी इज्तिमा की कैसे हुई शुरुआत? तबलीगी इज्तिमा की शुरुआत आजादी से पहले साल 1927 में उस वक्त हुई थी, जब देशभर में आर्य समाज की ओर से घर वापसी का अभियान चलाया जा रहा था. दरअसल, मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल किया था. लेकिन फिर भी वो लोग हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज मान रहे थे. जिसके बाद आर्य समाज ने उन्हें दोबारा से हिंदू बनाने का शुद्धीकरण अभियान शुरू किया था. ये देखने के बाद साल 1927 में मोहम्मद इलियास अल कांधलवी ने भारत में आलमी तबलीगी इज्तिमा के जरिए इस्लाम धर्म फैलाने का आंदोलन शुरू किया. इसमें उन्होंने मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखने के लिए इस्लाम धर्म का प्रचार कर जानकारी दी और उन्हें इस्लाम धर्म का महत्व बताया. बता दें, तबलीगी इज्तिमा का उद्देश्य आध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना है. इस जमात के मुख्य उद्देश्य "छ: उसूल" जैसे-कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग थे. यह एक धर्म प्रचार आंदोलन है और अब यह आंदोलन दुनियाभर के लगभग 213 देशों तक फैल चुका है.
तबलीगी इज्तिमा की कैसे हुई शुरुआत? तबलीगी इज्तिमा की शुरुआत आजादी से पहले साल 1927 में उस वक्त हुई थी, जब देशभर में आर्य समाज की ओर से घर वापसी का अभियान चलाया जा रहा था. दरअसल, मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल किया था. लेकिन फिर भी वो लोग हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज मान रहे थे. जिसके बाद आर्य समाज ने उन्हें दोबारा से हिंदू बनाने का शुद्धीकरण अभियान शुरू किया था. ये देखने के बाद साल 1927 में मोहम्मद इलियास अल कांधलवी ने भारत में आलमी तबलीगी इज्तिमा के जरिए इस्लाम धर्म फैलाने का आंदोलन शुरू किया. इसमें उन्होंने मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखने के लिए इस्लाम धर्म का प्रचार कर जानकारी दी और उन्हें इस्लाम धर्म का महत्व बताया. बता दें, तबलीगी इज्तिमा का उद्देश्य आध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना है. इस जमात के मुख्य उद्देश्य "छ: उसूल" जैसे-कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग थे. यह एक धर्म प्रचार आंदोलन है और अब यह आंदोलन दुनियाभर के लगभग 213 देशों तक फैल चुका है.
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