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अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद कैसे बदली पाँच महिलाओं की ज़िंदगी?

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  सुशीला सिंह बीबीसी संवाददाता 14 सितंबर 2021, 18:48 IST अपडेटेड 45 मिनट पहले इमेज कैप्शन, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद विरोध प्रदर्शन जारी हैं अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को क़ाबिज़ हुए एक महीना हो गया है. इस एक महीने में हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक अपनी मिट्टी से दूर जाने को मजबूर हुए, तो वहाँ बचे लोग तालिबान की नई सरकार के वादों के साथ जीने को मजबूर हैं. इन्हीं में शामिल हैं वो महिलाएँ, जो उन नए क़ायदे क़ानून और पाबंदियों के साथ जीना भी सीख रही हैं. इनमें घर की दहलीज़ लांघने से पहले ख़ुद को हिजाब से ढँकना और पति या किसी महरम (मर्द और औरत के बीच ऐसा संबंध जिसमें शादी जायज़ नहीं है जैसे माँ-बेटा, भाई-बहन, पिता-पुत्री वग़ैरह) के साथ ही बाहर निकलना शामिल है. ऐसे में इनकी आज़ादी और भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. अफ़ग़ानिस्तान: सिर्फ़ पुरुषों वाली तालिबान सरकार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन अफ़ग़ानिस्तान: मिनी स्कर्ट में बेफ़िक्र घूमने से लेकर बुर्क़े में क़ैद होने तक, ऐसे सिमटती गई औरतों की ज़िंदगी छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें तालिबान के डर से छिपी हुई हैं अफ़ग़ानिस्

तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस: 'इस्लामी क़ानून के तहत महिलाओं को काम करने का अधिकार'

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  9 मिनट पहले इमेज स्रोत, REUTERS अफ़ग़ानिस्तान पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के बाद तालिबान का पहला संवाददाता सम्मेलन मंगलवार को काबुल में आयोजित हुआ. कैमरों के सामने पहली बार आए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, "20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आज़ाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है." उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गौरव का पल बताया है. शरिया के अनुसार होंगे महिलाओं के हक़ जबीहुल्लाह मुज़ाहिद कहते हैं, "हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी को नुक़सान नहीं होने देंगे." अफ़ग़ानिस्तान की बिसात पर कहां खड़े हैं अमेरिका, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें तालिबान ने बताया उनके शासन में कैसी होगी अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं की ज़िंदगी अफ़ग़ानिस्तान में तुर्की क्या हासिल करना चाहता है और तालिबान से कैसे निपटेगा तालिबान ने कहा, अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएं शरीयत के हिसाब से काम कर सकती हैं तालिबान के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में क़ैदियों को जेलों से रिहा क्यों किया जा रहा है समाप्त अफ़ग़