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3 महीने डिटेंशन कैंप में रहने वाले 104 साल के चंद्रधर दास का निधन जनवरी 2018 में चंद्रधर दास को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया था

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  . त्रिदीप के मंडल बिस्वा कल्याण Published:  15 Dec 2020, 11:08 AM IST भारत 2 min read i असम के 104 साल के चंद्रधर दास, जिन्हें विदेशी घोषित किए जाने के कारण तीन महीने डिटेंशन कैंप में रहना पड़ा था, का 14 दिसंबर को निधन हो गया. कुछ दिनों पहले ही  क्विंट  ने,  CAA के साल होने पर कैंपेन  के तहत उनकी कहानी दिखाई थी. असम के कछार जिले में धोलाई के अंतर्गत अमराघाट क्षेत्र के निवासी 104 साल चंद्रधर दास को जनवरी 2018 में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया था. ये एकपक्षीय फैसला था, क्योंकि वो फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के सामने पेश नहीं पाए थे. “बहुसंख्यक समुदाय की धमकियों के कारण मेरे पिता ने 1950 के बाद बांग्लादेश छोड़ दिया था. वो त्रिपुरा के जरिए भारत में दाखिल हुए और तेलियामुरा में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया. उन्होंने शादी की और वहीं उनके बच्चे भी हुए. लेकिन फिर स्थानीय समूहों ने समस्याएं पैदा करना शुरू कर दिया, इसलिए वो बंगाली बहुल बराक घाटी में चले गए. लेकिन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने उन्हें अवैध विदेशी घोषित कर दिया. यहां तक कि हमारे नाम भी NRC में नहीं हैं.” नियती राय, चंद्रधर

NPR के लिए कोई पता पूछे तो PM के घर का पता बताएं: अरुंधति रॉय

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अरुंधति ने सरकार पर डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया राइटर और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. साथ ही उन्होंने एनपीआर पर कहा कि इसमें अधिकारियों को गलत जानकारी दें. अरुंधती रॉय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमा हुए अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची थीं. अरुंधति रॉय के साथ ही बॉलीवुड एक्टर जीशान अय्यूब और इकनॉमिस्ट अरुण कुमार भी नार्थ कैंपस पहुंचे. सरकार एनआरसी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस विषय पर देश के सामने गलत तथ्य पेश किए हैं. जब कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र, सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं तो इन छात्रों को अर्बन नक्सल कह दिया जाता है. अरुंधति रॉय ने छात्रों से कहा कि एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एनपीआर में अपनी जानकारी गलत बताएं. एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला बताइए. अपने