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छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में 17 जवान लापता, 14 घायल

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आलोक प्रकाश पुतुल रायपुर से बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट CG KHABAR/BBC छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा ज़िले में संदिग्ध माओवादी हमले में सुरक्षाबल के 14 जवान घायल हो गये हैं. घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. हमले के बाद कम से कम 17 जवानों के लापता होने की भी ख़बर है. पुलिस का कहना है कि घने जंगल का इलाक़ा होने के कारण रविवार को ही वस्तुस्थिति के बारे में पता चल पायेगा. पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार बस्तर में इन दिनों माओवादियों के ख़िलाफ़ 'ऑपरेशन प्रहार' नाम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के लिये शुक्रवार को एसटीएफ़ और डीआरजी के जवानों की एक टीम दोरनापाल से निकली हुई थी. बुरकापाल में इस टीम में सीआरपीएफ़ के जवान भी शामिल हो गये. शनिवार की दोपहर चिंतागुफा थाना के कसालपाड़ और मिनपा के बीच संदिग्ध माओवादियों ने सुरक्षाबलों की इस टीम पर

छत्तीसगढ़ः सारकेगुड़ा में गोलबंद हो रहे हैं आदिवासी

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सलमान रावी सारकेगुडा से (छत्तीसगढ़), बीबीसी संवाददाता 7 दिसंबर 2019 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के सारकेगुड़ा गाँव में महुआ के पेड़ के आस-पास गाँव वाले सफाई में लगे हुए हैं. यहाँ एक बार फिर गाँव वाले उसी तरह जुटने के बारे में सोच रहे हैं जैसा 28 जून 2012 की रात को वो जमा हुए थे, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें माओवादी समझकर चारों तरफ से घेरा और अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. पास ही तेंदू का पेड़ भी है. सिर्फ़ ये दोनों पेड़ ही नहीं, बल्कि आसपास वो तमाम पेड़ हैं जिनपर गोलियाँ लगीं थीं और मरने वालों के खून के छींटे उनपर पड़े थे. विज्ञापन लोग इस एनकाउंटर के बारे में बातें कर रहे हैं और सारकेगुड़ा के प्रधान चिन्हु से सलाह भी ले रहे हैं. अपने आँगन में लेटे हुए चिन्हु बीमार हैं इसलिए वो गांववालों की बातचीत में बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं ले पा रहे. ज़मीन पर बिछी हुई चटाई पर बैठे हुए चिन्हु ने बीबीसी से कहा कि जो गोलियों के निशान पेड़ों पर थे वो अब ख़त्म