कोरोना: ज़िंदा नहीं, एक प्रोटीन मॉलीक्यूल है ये वायरस- रिसर्च
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट ELLA MARU STUDIO / SCIENCE PHOTO LIBRARY जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कुछ अहम तथ्य साझा किए हैं. इनमें कोरोना वायरस के बारे में अहम जानकारियां हैं और इससे बचने के उपाय भी हैं. साथ ही यह भी बताया गया है कि क्या नहीं करना चाहिए. यह वायरस कोई जिंदा जीव नहीं है, लेकिन एक प्रोटीन मॉलीक्यूल (डीएनए) है. यह लिपिड (फैट या वसा) की परत से घिरा होता है. यह जब आंख या नाक या बुक्कल म्यूकोसा (एक तरह का मुख कैंसर) की सेल्स द्वारा सोखा जाता है तो इनके जेनेटिक कोड को बदल देता है. यह इन्हें आक्रामक और मल्टीप्लायर सेल्स में तब्दील कर देता है. चूंकि यह वायरस कोई जीव नहीं है बल्कि प्रोटीन मॉलीक्यूल होता है, ऐसे में यह मरता नहीं है बल्कि खुद ही क्षय हो जाता है. इसके क्षय होने का वक्त तापमान, ह्यूमिडिटी (नमी) और जिस मटेरियल पर यह है उस पर निर्भर करता है. यह वायरस बेहद क्षणभंगुर (फ्रेजाइल) है. कोरोनावा