तीन तलाक़ क़ानून पर सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट !
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES तीन तलाक़ को दंडात्मक अपराध बनाने वाले क़ानून को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर सहमति दे दी है. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है. याचिका में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है जिसे पिछले महीने ही संसद में पास किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाहियों पर नज़र रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंती ने बताया कि जस्टिस एनवी रमन्ना ने भारत सरकार को नोटिस भेजा है. याचिकाकर्ताओं में से एक जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि इस क़ानून के तहत तीन तलाक़ को ग़ैर ज़मानती अपराध बनाया गया ताकि मुस्लिम पुरुषों को तीन साल के लिए जेल में बंद किया जा सके जबकि इसी भारत में पत्नी को छोड़ देना अपराध नहीं माना जाता है. संगठन का कहना था कि इस क़ानून के तहत तीन साल की सज़ा का प्रावधान 'असंगत और ज़्यादत