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कोरोना: मुज़फ़्फ़रपुर के बीजेपी सांसद ने किया पत्रकार पर केस, कुर्की के आदेश ||यह पूरा मामला वेबसाइट पर अपडेट होने में देर की वजह से बना है. जैसा कि रिपोर्ट एमपीलैड की वेबसाइट के स्क्रीनशॉट और उसके आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया था और वह 29 मार्च को प्रकाशित हुआ था. जबकि 26 मार्च को ही निषाद के विकास निधि खाते में दूसरी इंस्टॉलमेंट की राशि जारी होने की बात अब दर्ज़ है. इसलिए बहुत संभव है कि दूसरा इंस्टॉलमेंट जारी होने के दो-तीनों बाद वह वेबसाइट पर अपडेट हुआ हो लेकिन रिपोर्ट उसके पहले प्रकाशित हो गई." अभिषेक आगे कहते हैं, "लेकिन इस मामले को इतना तूल नहीं देना चाहिए क्योंकि यह टेक्निकल गड़बड़ियों के कारण हुआ है. हमारे अनुभव में ऐसा अकसर होता है. दरअसल हम भी जब काम कर रहे थे तो वेबसाइट के इस डैशबोर्ड से कई शिकायतें थीं."