Posts

Showing posts with the label मोदी राज में देश की अर्थव्यवस्था

अगस्त में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर से 19 लाख लोगों की नौकरियां गईं -प्रेस रिव्यू

Image
इमेज स्रोत, REUTERS/HEMANSHI KAMANI अगस्त महीने में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर से लगभग 19 लाख लोगों ने नौकरियां गंवाई है. कोलकाता से छपने वाले  टेलीग्राफ़  अख़बार ने एक प्राइवेट रिसर्च फर्म के हवाले से देश में बेरोज़गारी की स्थिति पर ये रिपोर्ट प्रकाशित की है. 'द सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी' (सीएमआईई) द्वारा जुटाए गए आँकड़े ये कहते हैं कि रोज़गार की स्थिति में थोड़े समय के लिए सुधार देखा गया था लेकिन अगस्त में बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.32 फ़ीसदी हो गई. सीएमआईई के मुताबिक़, पिछले साल लॉकडाउन के बाद इसी दौरान बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.35 फ़ीसदी थी. विज्ञापन आँकड़ों की बुनियाद पर सीएमआईई का कहना है कि जुलाई में 39.97 करोड़ लोग रोज़गारशुदा थे जबकि अगस्त में इनकी संख्या कम होकर 39.78 करोड़ रह गई. इससे पता चलता है कि बीते महीने में 19 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें देश की पहली महिला चीफ़ जस्टिस बनने की दावेदार जस्टिस नागरत्न के बारे में आप क्या जानते हैं? कोरोना वायरस: बच्चों को अगले महीने से लग सकती है वैक्सीन- प्रेस रिव्यू पीएम मोदी और अमित शाह

ज़रूर देखें पूरा वीडियो ।

Image
 

कांग्रेस का हमला ||कांग्रेस के सवालों के जवाब है मोदी जी के पास ?

Image
 

एतिहासिक धरोहरों और इमारतों को तोड़ने से इतिहास नहीं बदलते ?

Image
 

जीडीपी विकास दर में गिरावट का सिलसिला जारी

Image
28 फरवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट का सिलसिला जारी है. साल के तीसरे क्वार्टर यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2019 के बीच जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत आंकी गई है. 2012-13 के जनवरी से मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत आंकी गई थी, इसके बाद यह न्यूनतम दर है. यह जुलाई से सितंबर, 2019 की तिमाही से भी कम है, तब जीडीपी वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत आंकी गई थी. विज्ञापन इससे पिछले वित्तीय साल में अक्टूबर से दिसंबर की तिमाई में जीडीपी वृद्धि की दर 5.6 प्रतिशत थी. सरकार के आंकड़ों से ज़ाहिर है कि उपभोक्ताओं की डिमांड, निजी निवेश और निर्यात, इन मोर्चों पर गिरावट जारी है, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ी हैं, हालांकि इन चुनौतियों से पार पाने के लिए सरकार ने अपना ख़र्चा बढ़ाया है. null और ये भी पढ़ें क्या बांग्लादेश से भारत में अवैध प्र