कोरोना से लड़ते सफ़ाई कर्मचारी ‘भगवान भरोसे’- बीबीसी विशेष
प्रियंका दुबे बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट NURPHOTO 'जय वाल्मीकि' से शुरू होने वाले दो मिनट के एक वाट्सऐप वीडियो क्लिप में दिल्ली सरकार और दक्षिण दिल्ली नगर निगम से मदद की गुहार लगाते युवा सुमित कुमार का चेहरा एक उपेक्षित पीड़ित का चेहरा है. सुमित उन चेहरों के एक प्रतिनिधि हैं जो कोरोना के ख़िलाफ़ इस युद्ध की एक बड़ी कीमत चुका रहा है. सुमित के पिता, 57 वर्षीय विनोद कुमार, दक्षिण दिल्ली नगर निगम में स्थायी सफ़ाई कर्मचारी थे. दिल्ली की सड़कों से कूड़ा उठाते हुए वे कोरोना संक्रमण का शिकार हुए और बीते 25 अप्रैल को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. सुमित बताते हैं कि उनके पिता बिना मास्क और दस्तानों के ही लगतार सफ़ाई का काम करने को मजबूर थे. काम के दौरान हुए कोरोना संक्रमण की वजह से जान से जाने वाले 55 साल के विनोद दिल्ली के दूसरे सफ़ाई कर्मचारी हैं जो कोरोना से साथ युद्ध में मारे गए. उनकी मृत्यु से ठीक पहले दिल्ली के श