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बिहार चुनाव के बाद ओवैसी के रडार पर अब पश्चिम बंगाल :प्रेस रिव्यू

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  इमेज स्रोत, AIMIM बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद अब अगले साल की पहली छमाही में पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी जल्दी ही घोषणा कर सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स  ने इस ख़बर को प्रकाशित किया है. बिहार विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए एआईएमआईएम ने पांच सीटें हासिल की हैं. पार्टी को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि उनके कारण दूसरी पार्टियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वीडियो कैप्शन, बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की धमाकेदार एंट्री जिस दौरान बिहार विधानसभा के लिए मतगणना हो रही थी, उस दौरान यह भी संभावनाएं नज़र आ रही थीं कि एआईएमआईएम किंग-मेकर की भूमिका में आ सकती है. हालांकि पूरे मतों की गिनती के बाद एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में लौट रही है. विज्ञापन एआईएमआईएम के प्रवक्ता और पश्चिम बंगाल में पार्टी के को-ऑर्डिनेटर असीम वक़ार ने कहा कि पार्टी को पश्चिम बंगाल के विभिन्न ज़िलों से फ़ीडबैक मिल रहा है और अब सिर्फ़ पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सात चर्चा के बाद घोषणा की जा

नीतीश कुमार ऐसा नहीं के कोई खूबसूरत सा बहाना तलाश कर #BJP से छुटकारा पा कर कोई अच्छा सा रास्ता ढूंढ लेंगे ?

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BiharElection2020 || #NitishKumar के सामने क्या क्या विकल्प || नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले जाएँ और सरकार बना लें?

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  बिहार चुनाव: 43 सीटों के साथ नीतीश कुमार के सामने क्या हैं विकल्प? सरोज सिंह बीबीसी संवाददाता 11 नवंबर 2020, 15:50 IST इमेज स्रोत, ANI "बीजेपी एक साथ यहाँ तीन गठबंधन में काम कर रही थी. पहला था, एनडीए गठबंधन, जिसके बारे में सब जानते और मानते थे. बीजेपी का दूसरा गठबंधन लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के साथ था और तीसरा गठबंधन AIMIM के साथ था. इन दोनों गठबंधन के बारे में भी सब जानते थे, लेकिन कोई मानता नहीं था. उम्मीद है कि नीतीश इस बात को अब समझेंगे." बिहार चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा अब आम है. बात बहुत छोटी सी है. इसे प्रमाणित करने के लिए बिहार चुनाव के विश्लेषक कई आँकड़े भी गिना रहे हैं. मसलन, कैसे चिराग ने तक़रीबन 20-30 सीटों पर नीतीश की पार्टी जेडीयू को नुक़सान पहुँचाया और कैसे ओवैसी की पार्टी ने तेजस्वी की आरजेडी के मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की. पर जो बात स्थानीय नेताओं को समझ आ गई, क्या 15 साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले नीतीश कुमार को समझ नहीं आई होगी? इस पर बहुत से जानकारों को संदेह है. विज्ञापन इमेज स्रोत, ANI बिहार चुनाव के नतीजे