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#Isalam ! जब अमेरिका जैसा पढ़ा लिखा देश का पूर्व गृह सचिव ही इस्लाम धर्म अपना रहा तो .......

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#NRC से घबराएं नहीं ! देखें पूरा वीडियो

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कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण हल तलाशें भारत-पाकिस्तान: मलेशियाई प्रधानमंत्री

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट EPA/UN PHOTO/CIA PAK HANDOUT मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर मसले का ज़िक्र करते हुए कहा है कि ये भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है जिसे शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाया जाना चाहिए. बीते शुक्रवार संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से भरी महासभा को  संबोधित करते हुए महातिर मोहम्मद ने कहा  कि जम्मू कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद जम्मू कश्मीर पर हमले हुए और इसके इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया गया. उन्होंने कहा कि "ऐसा करने के कारण बताए गए हैं लेकिन ऐसा करना ग़लत है." उन्होंने कहा कि "इस तनाव को सुलझाने के लिए भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव की अनदेखी करने से यूएन की बातों को नज़अंदाज़ करने का उदाहरण तो स्थापित होगा ही, साथ ही ये कानून के शासन का सम्मान न करने के बराबर है." महातिर मोहम्मद

मोरारी बापू: क्या है सनातन धर्म बनाम स्वामीनारायण संप्रदाय का विवाद

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दीपक चुडासमा बीबीसी गुजराती इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES गुजरात में अभी राजनीतिक विवाद के बजाय धार्मिक विवाद चल रहा है, जिसमें संतों से लेकर लेखक, कवि और कलाकार भी कूद पड़े हैं. ये नीलकंठ विवाद प्रसिद्ध राम कथाकार मोरारी बापू और स्वामीनारायण संप्रदाय के बीच चल रहा है. दरअसल इस विवाद की शुरुआत मोरारी बापू के एक बयान से शुरू हुई. मोरारी बापू ने राम कथा करते वक़्त मंच से कहा, "जहां नीलकंठ अभिषेक की बात आए तो कान खोलकर समझ लेना, शिव का ही अभिषेक होता है. कोई अपनी-अपनी शाखाओं में नीलकंठ का अभिषेक करे तो ये नकली नीलकंठ है. वह कैलाश वाला नहीं है. नीलकंठ कौन है, जिसने ज़हर पिया हो, वो है. जिसने लाडूडी (एक तरह का छोटा लड्डू) खाई है, वो नीलकंठ नहीं हो सकता." इस विवाद की शुरुआत मोरारी बापू के इसी बयान से हुई. स्वामीनारायण संप्रदाय में लाडूडी प्रसाद के रूप में दी जाती है. और स्वामीनारायण का एक नाम नीलकंठ भी है. null आपको ये भी रोचक लगेगा विस्थापन